जबलपुर : करोड़ों की अवैध वसूली से दुबई ट्रिप और खरीदी लग्जरी कारें और प्रॉपर्टी

जबलपुर जिला कलेक्टर के द्वारा मंगलवार को पांच निजी स्कूलों की खुली सुनवाई की गई। इस दौरान इन पांच निजी स्कूलों के द्वारा वसूली गई अवैध फीस से लेकर किताबें एवं अन्य व्यय का भी लेखा जोखा स्कूल संचालकों सहित अभिभावकों और पत्रकारों के सामने साझा किया गया।

Advertisment
author-image
Neel Tiwari
New Update
 STYLESHEET THESOOTR - 2024-07-23T235948.556

जबलपुर जिले कलेक्टर के द्वारा की जा रही निजी स्कूलों की खुली सुनवाई में खुद को स्कूल कहने वाले शिक्षा के व्यापारियों की एक से बढ़कर एक पोल खुलती हुई नजर आई। अभिभावकों की जेब ढीली करने के लिए स्कूल संचालक कहीं दुबई ट्रिप ऑर्गेनाइज कर रहे हैं तो कहीं खुद के लिए लग्जरी कारों सहित अपनी ही समिति को करोड़ों रुपए दे रहे हैं।

जबलपुर जिला कलेक्टर के द्वारा मंगलवार को पांच निजी स्कूलों की खुली सुनवाई की गई। इस दौरान इन पांच निजी स्कूलों के द्वारा वसूली गई अवैध फीस से लेकर किताबें एवं अन्य व्यय का भी लेखा जोखा स्कूल संचालकों सहित अभिभावकों और पत्रकारों के सामने साझा किया गया।

जॉय सीनियर सेकेंडरी स्कूल में नजर आई अनियमितां

इस सुनवाई में लगभग हर स्कूल के द्वारा की गई 15% से 40% तक की अवैध फीस वृद्धि सहित मनमर्जी से किताबों को बदलने के भी मामले सामने आये पर सबसे ज्यादा अनियमिताएं जॉय सीनियर सेकेंडरी स्कूल में नजर आई। इस स्कूल के द्वारा अभिभावकों से की गई करोड़ों रुपए की अवैध वसूली से लग्जरी वाहन तक खरीदे गए। 

द सूत्र ने पहले ही खोल दी थी पोल

अपनी पिछली खबर में द सूत्र ने पहले ही यह बता दिया था कि जॉय सीनियर सेकेंडरी में बहुत बड़ा गड़बड़ झाला चल रहा है और जांच के दायरे में अगला नंबर इस स्कूल का ही आएगा। आज हुई इस खुली सुनवाई में यह सामने आया कि अभिभावकों से लूटी गई अवैध फीस से इस स्कूल के संचालक लग्जरी गाड़ियों में घूम रहे थे। स्कूल के संचालक मेबन की लग्जरी गाड़ियों के काफिले में बीएमडब्ल्यू और लेक्सस जैसी कारें शामिल थी। वहीं स्कूल को हो रही आय के जरिए खरीदी गई कारों को जब बेचा जाता था तो उसका घटा स्कूल के खर्चे में जोड़ दिया जाता था।

इस स्कूल के द्वारा साल 2021-22 में बीएमडब्ल्यू की X ड्राइव 301 सहित  लेक्सस कार और एक मोनोबस खरीदी गई थी। इन तीनों वाहनों को अगले ही साल 48 लाख 50 हज़ार 999 रुपये के घाटे में बेच कर यह घटा स्कूल के सर प्लस फंड से घटा दिया गया। मात्र 1 साल पुरानी यह गाड़ियां इतने भारी घाटे में किसको बेची गई इसकी कोई भी जानकारी स्कूल के द्वारा नहीं दी गई। इसके बाद साल 2023 में स्कूल के द्वारा बीएमडब्ल्यू 320 LD कार खरीदी गई जिसकी कीमत 53 लाख 50000 रुपए थी। इस लग्जरी कार को खरीदने के लिए बैंक ऑफ़ बड़ौदा से 48 लाख 50 हज़ार का वाहन लोन लिया गया जिसका भुगतान स्कूल कर रहा है। पर अभिभावकों से लूटे गए रूपयों पर इस लग्जरी कार में कौन अय्याशी कर रहा है इसकी जानकारी भी स्कूल के द्वारा नहीं दी जा रही। आपको बता दें कि इसके साथ ही ऑडिट रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि स्कूल के द्वारा करोड़ों रुपए का एडवांस जमीन की खरीदफरोख्त के लिए एक बिल्डर को भी दिया गया था। जिसकी जानकारी जब कलेक्टर के द्वारा स्कूल से मांगी गई तो स्कूल संचालक एक दूसरे का मुंह ताकते रह गए।

लाखों रुपए की दुबई ट्रिप पर कौन गया नहीं पता

जॉय सीनियर सेकंडरी स्कूल की ऑडिट शीट के अनुसार स्कूल ने दुबई ट्रिप के लिए 16 लाख 94 हजार 560 रुपए खर्च किए हैं। पर इस ट्रिप का प्रयोजन क्या था या इस ट्रिप में कौन-कौन लोग गए थे इसकी जानकारी भी स्कूल के द्वारा प्रशासन को साझा नहीं की गई। प्रारंभिक जांच में ही या खोलकर सामने आ रहा है कि स्कूल की आड़ में स्कूल संचालक अवैध लूटी गई फीस से लग्जरी कारों में घूमने और विदेश यात्राओं जैसी अय्याशियां कर रहे हैं और इन अय्याशियों में होने वाले खर्च को स्कूल के खर्चे में जोड़कर अगले वर्ष फीस वृद्धि का रास्ता निकाल लेते हैं। 

सेंट जोसेफ स्कूल पूरा मुनाफा दे रहा अपनी समिति को

स्कूलों ने अपने मुनाफे को कम दिखने के लिए एक से एक तरीके निकाल रखे है जिसका खुलासा भी इस सुनवाई में हुआ। सेंट जोसेफ स्कूल TFRI स्कूल को होने वाले पूरे वार्षिक मुनाफे को स्नेहांजलि सोसायटी को ट्रांसफर कर देता था। इस स्कूल के प्रबंधक के अनुसार यह स्कूल स्नेहांजलि समिति के द्वारा ही संचालित किया जाता है पर सीबीएसई से मान्यता प्राप्त इस स्कूल ने मान्यता लेते वक्त इस बात का कोई भी प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया था। जिससे यह भी एक फर्जी वड़ा साबित हो रहा है। इस तरीके से यह स्कूल अपने सारे मुनाफे को दूसरी समिति पर ट्रांसफर करके दोबारा फीस वृद्धि कर अभिभावकों को लूटता था। अब तक की गई जांच में सेंट जोसेफ TFRI के द्वारा 2 करोड़ 95 लाख 38 हज़ार 650 रुपये की अवैध फीस वसूली सामने आई है तो वहीं विज़डम वैली स्कूल शास्त्री नगर के द्वारा  6 करोड़ 91 लाख 45 हज़ार 510 रुपए तो माउंट लिट्रा स्कूल के द्वारा 3 करोड़ 39 लाख 49 हज़ार 630 रुपये रुपए की अवैध वसूली वर्ष 2018 से 2023 के बीच पाई गई है।

शिकायत करने खुलकर सामने आए अभिभावक

खुली सुनवाई में अभिभावक भी स्कूलों की शिकायत करने खुलकर सामने आए। जॉय सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रताड़ित अभिभावक और अभिभावक कल्याण संघ के अध्यक्ष हेमंत पटेल ने यह आरोप लगाए की स्कूल के द्वारा शासन से लीज पर सस्ती जमीन लेकर विद्यार्थियों को आरटीई यानी शिक्षा के अधिकार का भी लाभ नहीं दिया जा रहा। वही स्कूल के खिलाफ आवाज उठाने के कारण उनकी खुद की बच्ची का रिजल्ट स्कूल ने 5 सालों से नहीं दिया है। वही सुनवाई में यह शिकायत भी सामने आई की स्कूल के द्वारा जो भी सुरक्षा गार्ड या कर्मचारी रखे गए हैं उनका कहीं भी कोई रजिस्ट्रेशन या सत्यापन नहीं कराया गया ऐसे में यदि किसी बच्चे के साथ चल कोई घटना घटित हो जाती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा। इसके साथ ही हेमंत पटेल के द्वारा एक और मुद्दा उठाया गया कि इन स्कूलों को माइनॉरिटी कैटेगरी का फायदा मिल रहा है । इस मामले में जब जिला कलेक्टर ने स्कूल प्रशासन से सवाल किया तो यह सामने आया कि स्कूल प्रशासन को इस नियम के बारे में जानकारी ही नहीं है। जिसके बारे में उन्हें जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा अवगत कराया गया और अब यह एंगल भी जांच का विषय बनेगा। जबलपुर जिला कलेक्टर के द्वारा इन सभी शिकायतों पर संज्ञान लेकर कार्यवाही करने का आश्वासन दिया गया है।

खुद से सुधर जाएं स्कूल अन्यथा होगी कड़ी कार्रवाई

खुली सुनवाई के दौरान जबलपुर के जिला कलेक्टर दीपक सक्सेना ने सभी स्कूल संचालकों का भी पक्ष जाना और उन्हें यह स्पष्ट किया कि बीते सालों में कोविड और चुनाव के चलते यदि नियमों पर ध्यान नहीं दिया गया तो इसका यह मतलब नहीं है कि नियमों का उल्लंघन किया जाएगा। उन्होंने सभी स्कूल संचालकों को यही समझाइश दी है कि वह खुद से अपनी गलतियों सुधार लें अन्यथा और कड़े कदम भी प्रशासन की ओर से उठाया जा सकते हैं। जिला कलेक्टर ने स्कूल संचालकों को फीस निर्धारण के लिए कमेटी बनाकर इस पर निर्णय लेने का सुझाव दिया पर यह भी चुटकी ली कि पिछली कमेटी की तरह इसे ना बनाएं कि वह फिर से अवैध रूप से फीस बढ़ा दे।

घुटने नहीं टेकता स्कूल प्रशासन तब तक नहीं भरेंगे फीस

मध्य प्रदेश पेरेंट्स एसोसिएशन के अभिभावक बड़ी संख्या में जनसुनवाई में शामिल हुए। जिसमें कुछ अभिभावकों ने जिला कलेक्टर को यह भी बताया कि उनके बच्चों को स्कूल के द्वारा ट्रांसफर सर्टिफिकेट नहीं दिया जा रहा। वही इस संगठन के अध्यक्ष सचिन गुप्ता ने बताया कि स्कूलों के द्वारा अभिभावकों से जबरदस्ती एक लेटर साइन कराया जा रहा है जिसमें यह लिखवाया जा रहा है कि उन्हें स्कूल की फीस से कोई समस्या नहीं है। हालांकि जिला कलेक्टर दीपक सक्सेना ने इस पर यह स्पष्ट किया कि इस प्रकार के लेटर की कोई भी वैधानिक मान्यता नहीं है। पेरेंट्स एसोसिएशन ने इस बैठक में ही यह ऐलान किया है कि जब तक यह स्कूल संचालक जिला कलेक्टर और शिक्षा अधिकारी के आदेश को मानकर फीस वृद्धि को नहीं रोकते तब तक इस संगठन से जुड़े 72 हज़ार अभिभावकों में से कोई भी अभिभावक फीस जमा नहीं करेगा।

अभिभावक अखिलेश त्रिपाठी का आरोप

जनसुनवाई में आए सूचना अधिकार कार्यकर्ता एवं अभिभावक अखिलेश त्रिपाठी ने यह आरोप लगाए कि इस कार्यवाही से संघ एवं भाजपा से जुड़े नेताओं के स्कूलों को पृथक रखा गया है उन्होंने बताया कि बालाजी स्कूल , एमएम इंटरनेशनल ,नचिकेता और चिल्ड्रंस एकेडमी जैसे ऐसे स्कूल हैं जो संघ या बीजेपी के नेताओं के पारिवारिक लोगों के द्वारा संचालित किया जा रहे हैं एवं इन स्कूलों पर अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है।

thesootr links

 द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

खरीदी लग्जरी कारें और प्रॉपर्टी सेंट जोसेफ स्कूल जॉय सीनियर सेकंडरी स्कूल