वीडी शर्मा ने पूछा- यदि बीजेपी का टिकट नहीं मिलता तो क्या करते सोनकर? आवाज आई मुर्गी बेचते

भाजपा सदस्यता अभियान से जुड़ी बैठक लेने जबलपुर पहुंचे प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने पूर्व विधायक अंचल सोनकर से एक ऐसा सवाल किया कि दर्शक दीर्घा के कटाक्ष के बाद पूरे हॉल में ठहाके लगने लगे।

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Sourabh Bhatnagar
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बीजेपी की बैठक में जब लगे ठहाके

भारतीय जनता की सदस्यता अभियान से जुड़ी बैठक लेने जबलपुर पहुंचे प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा कार्यकर्ताओं को भाजपा के समर्थन का उदाहरण दे रहे थे तभी उन्होंने पूर्व विधायक से एक ऐसा सवाल किया कि दर्शक दीर्घा के कटाक्ष के बाद पूरे हॉल में ठहाके लगने लगे।

पूर्व विधायक अंचल सोनकर से पूछे सवाल पर लगे ठहाके

वीडी शर्मा अपने कार्यकर्ताओं को बता रहे थे कि भारतीय जनता पार्टी के द्वारा कब किसे किस पद पर बैठा दिया जाए यह किसी को नहीं पता होता। सभी कार्यकर्ताओं के ऊपर संगठन की नजर होती है। इसके बाद उन्होंने पूर्व केबिनेट मंत्री और पूर्व विधायक अंचल सोनकर से सवाल किया कि अंचल सोनकर जी अगर बीजेपी टिकट नहीं देती तो क्या करते आप? वीडी शर्मा ने अपने सवाल को दोबारा भी दोहराया । तभी सामने से आवाज आई की "मुर्गी बेच रहे होते और क्या"। इसके बाद पूरे हॉल में ठहाके लगने लगे। हालांकि प्रदेश अध्यक्ष ने बात को संभालते हुए दोबारा यह कहा कि हमें यह ध्यान रखना होगा कि जो इस तरह के सक्षम लोग हैं उन्हें हम समय रहते अपने पाले में कर ले वरना यह लोग देश विरोधी ताकतों के समर्थन में जा सकते हैं। जिसके जरिए वह कार्यकर्ताओं को बताना चाह रहे थे कि जो सक्षम और एक्टिव लोग हैं उन्हें सदस्यता अभियान के तहत भाजपा का सदस्य बनाया जाए। 

कमेंट से सामने आई भाजपा की गुटबाजी

भाजपा के ही अंदरूनी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह कमेंट भारतीय जनता पार्टी में ही महानगर पर पद पर आसीन नेता के द्वारा किया गया था जो विधायक टिकट की दौड़ में अंचल सोनकर के प्रतिद्वंदी रहे है। भारतीय जनता पार्टी की बैठक में हुए इस वाक्ये की तो पूरी पुष्टि है। पर यह कॉमेंट किसके द्वारा किया गया है इसकी पुष्टि अभी नहीं हो सकी है।

आपको बता दें की तीन बार के विधायक रहे अंचल सोनकर जब साल 2008 में कांग्रेस के लखन घनघोरिया से हारे थे। तो उनका टिकट किसी अन्य को मिलने के प्रयास लगाए जा रहे हैं हालांकि 2013 में अंचल सोनकर को दोबारा टिकट मिला और उन्होंने इस सीट पर अपना कब्जा कायम कर लिया था। फिर साल 2018 में लखन घनघोरिया के विधायक बनने के बाद 2023 में यह कयास लगाए जा रहे थे कि अंचल सोनकर कि इस बार इस क्षेत्र में टिकट किसी और को मिलनी है जिसके बाद कैलाश जाटव और रत्नेश सोनकर जैसे प्रतिद्वंदी भी टिकट की लाइन में लगे हुए थे। लेकिन सबको पछाड़ते हुए अंचल सोनकर ने भाजपा में अपना दबदबा कायम रखा था और उन्हें 2023 में भी दोबारा भाजपा से पूर्व विधानसभा का विधायक प्रत्याशी बनाया गया था हालांकि इस चुनाव में उनकी हार हुई थी।

टल गया विवाद

भाजपा के गलियारों में यह भी चर्चा है कि यह तो अच्छा हुआ कि अंचल सोनकर के पुत्र राम सोनकर दूसरे फ्लोर पर चल रही बैठक में थे अन्यथा यहां पर बड़ा विवाद खड़ा हो सकता था। राम सोनकर भारतीय जनता पार्टी से ही पार्षद चुने गए हैं और एमआईसी के सदस्य भी। वही कम समय में ही राम सोनकर अपने वार्ड सहित अन्य वार्डों में भी सक्रिय नजर आ रहे हैं और उनके कार्यकर्ताओं का बेस भी काफी तगड़ा है। इसलिए इस बात का अंदाजा लगाया जा रहा है कि उनके मीटिंग में ना होने से एक बड़ा विवाद टल गया है।

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