जबलपुर : वेदिका हत्याकांड के आरोपी प्रियांश विश्वकर्मा को मिली जमानत

बीजेपी के कथित नेता प्रियांश विश्वकर्मा को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। 1 साल पहले प्रियांश विश्वकर्मा ने एमबीए की छात्रा वेदिका ठाकुर की हत्या की थी।

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Neel Tiwari
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चर्चित वेदिका हत्याकांड में आरोपी कथित बीजेपी नेता प्रियांश विश्वकर्मा को जबलपुर हाई कोर्ट से शशर्त जमानत मिली है। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि यह गैर इरादतन हत्या थी या प्रियांश ने जानकर वेदिका को गोली मारी इसका निर्णय ट्रायल कोर्ट करेगी। आपको बता दें कि इस हत्याकांड के बाद भाजपा के नगर अध्यक्ष ने प्रियांश से पल्ला झाड़ते हुए यह कहा था कि वह भाजपा का पदाधिकारी नहीं है।

हाईकोर्ट से मिली जमानत

बीजेपी के कथित नेता प्रियांश विश्वकर्मा को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। 1 साल पहले प्रियांश विश्वकर्मा ने एमबीए की छात्रा वेदिका ठाकुर की हत्या की थी। इस मामले में पहले हुई सुनवाई में कोर्ट ने प्रियांश विश्वकर्मा को मदद करने वाले पुलिस वालों के खिलाफ और उन निजी अस्पतालों के खिलाफ भी कार्यवाही करने की बात कही थी, जिन्होंने प्रियांश विश्वकर्मा की मदद की थी। सोमवार 22 जुलाई को जस्टिस विशाल धगत की एकल पीठ में हुई जमानत याचिका की सुनवाई में आरोपी प्रियांश की ओर से अधिवक्ता और वेदिका की ओर से आपत्तिकर्ता एवं सरकारी अधिवक्ता को सुनने के बाद कोर्ट ने यह आदेश दिया कि मृतका के मृत्यु पूर्व बयानों और अन्य साक्ष्यों की सहायता से ट्रायल कोर्ट यह फैसला लेगी कि यह गैर इरादतन हत्या है या प्रियांशु ने जानबूझकर वेदिका को गोली मारी थी। क्योंकि इस मामले में 18 गवाहों के बयान हो चुके हैं और और आरोपी लंबे समय से जेल में बंद है इसलिए उसे जमानत का लाभ दिया जाना चाहिए। इसके साथ ही जस्टिस विशाल धगत ने आरोपी प्रियांशु मिश्रा को 50 हज़ार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दिए जाने का आदेश दिया है।

आपत्तिकर्ता ने किया पुरजोर विरोध

मृतका वेदिका की ओर से आपत्तिकर्ता वरिष्ठ अधिवक्ता ने जमानत का पुरजोर विरोध किया। उन्होंने कोर्ट के समक्ष यह तथ्य रखें कि जिस बंदूक से यह हत्या की गई है उसकी आर्मर रिपोर्ट में भी यह सिद्ध नहीं होता कि वह बंदूक खराब थी। इसके साथ ही वेदिका को गोली लगने के बाद प्रियांश ने वेदिका के बार-बार कहने पर भी उसकी मां को सूचना नहीं दी थी। इस मामले में हत्या का चश्मदीद गवाह ऑफिस का प्यून पहले ही होस्टाइल हो चुका है। वहीं आरोपी की बहन के द्वारा मृतिका की बहन को फोन पर समझौता करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। आरोपी एक प्रभावशाली परिवार से संबंध रखता है इसलिए उसे यदि जमानत का लाभ दिया तो वह साक्ष्यों से छेड़छाड़ कर सकता है। लेकिन इस मामले में लगभग 18 गवाहों की गवाही पूरी हो जाने और मृतका के मृत्यु पूर्व बयान लेने वाले अधिकारी के भी बयान क्रॉस हो जाने के बाद कोर्ट ने आरोपी को जमानत का लाभ दिया है।

क्या था वेदिका हत्याकांड

प्रियांश विश्वकर्मा का धनवंतरी नगर पुलिस चौकी अंतर्गत लीला ग्रुप ऑफ बिल्डर्स एंड डेव्लपर्स नाम से ऑफिस है। 16 जून 2023 को एमबीए की छात्रा वेदिका अपनी सहेली पायल के साथ वहां गई थी। दोनों युवतियां ऑफिस में बैठीं थीं तभी प्रियांश ने सामने रखी पिस्टल उठाई। पिस्टल का ट्रिगर दब गया जिससे गोली वेदिका के पेट को चीरते हुए कमर में फंस गई। गोली लगते ही वेदिका गिर गई। प्रियांश और पायल उसे गढ़ा स्थित निजी अस्पताल ले गए। हालत नाजुक होने पर उसे दमोह नाका स्थित एक अन्य निजी अस्पताल ले जाया गया था। अपने मृत्यु पूर्व बयान में मृतका वेदिका ने बताया था की प्रियांशु ने उसे बताया कि टेबल पर रखी पिस्टल खराब है और वह उस पिस्टल पर कुछ कर रहा था तभी उसके पेट में गोली लगी जिसके बाद उसने कहा कि यह तुमने क्या कर दिया। इसके बाद वेदिका का नीचे का हिस्सा सुन्न हो गया और जब उसे होश आया तो वह अस्पताल में थी। वेदिका ने  होश मे आते ही प्रियांश को कहा था कि उसकी मां को सूचना दें पर प्रियांश ने उसकी मां को नहीं बताया। आखिरकार 11 दिनों तक जिंदगी और मौत के बीच झूलने के बाद वेदिका की मौत हो गई थी।

वेदिका के भाई अविनाश सिंह ने लगाए थे आरोप

घटना के बाद वेदिका के भाई अविनाश सिंह ने आरोप लगाया था कि अस्पताल प्रबंधन ने मामले की जानकारी पुलिस को तत्काल नहीं दी। परिजनों के पहुंचने के बाद ही अस्पताल वालों ने पुलिस को घटना की जानकारी दी। प्रियांश अस्पताल में मौजूद था लेकिन जैसे ही पुलिस वहां पहुंची प्रियांश वहां से भाग निकला था। हालांकि बाद में पुलिस ने उसे पकड लिया था। अविनाश सिंह का यह भी आरोप था कि प्रियांश ने वेदिका से कहा था कि उसने पुलिस और अस्पताल में पूरी सेटिंग कर ली है। इसलिए वह जैसा बोल रहा है, वहीं बातें सबको बताए। अविनाश ने पुलिस पर मामले में हेरफेर करने का आरोप भी लगाया था। आरोपी प्रियांश को 19 जून 2023 को गिरफ्तार किया गया था और तब से वह जेल में ही था।

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