मध्य प्रदेश की सांस्कृतिक राजधानी जबलपुर में 24 दिसंबर को विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ता दमोह नाका से शौर्य यात्रा निकाल रहे थे, लेकिन पुलिस प्रशासन ने उनकी यात्रा को हितकारिणी स्कूल पर ही रोक दिया। करीब आधे घंटे तक पुलिस और बजरंग दल कार्यकर्ताओं के बीच बातचीत चली। पुलिस प्रशासन का कहना है कि जिस रास्ते से शौर्य यात्रा निकाली जा रही है, उसके लिए अनुमति नहीं ली गई है, जबकि बजरंग दल ने पुलिस प्रशासन के आदेश को मानने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि शौर्य यात्रा सालों से निकाली जा रही है, लेकिन अनुमति की कभी जरूरत नहीं पड़ी।
पुलिस ने शौर्ययात्रा को रोका
यात्रा को रोकने के लिए शहर और देहात के एक दर्जन से अधिक थानों की पुलिस के साथ ही तीन अपर पुलिस अधीक्षक मौजूद रहे। 12 दिन पहले बजरंग दल कार्यालय हिंदू परिषद ने जिला प्रशासन से शौर्य यात्रा निकालने का अनुरोध किया था। लेकिन किसी कारणवश इसे रोक दिया गया था। कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में बजरंग दल कार्यकर्ता हितकारिणी स्कूल शौर्य यात्रा के लिए निकले, लेकिन पुलिस ने उन्हें गेट पर ही रोक दिया।
कार्यकर्ताओं के बीच हुई झड़प
पुलिस ने जैसे ही विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को हितकारिणी स्कूल के अंदर रोका, टकराव की स्थिति पैदा हो गई। कार्यकर्ताओं ने बैरिकेड तोड़कर बाहर निकलने की खूब कोशिश की, लेकिन पुलिस ने हठधर्मिता करते हुए उन्हें रोक दिया। इस दौरान पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच तीखी झड़प हुई। कार्यकर्ता जबरन शौर्य यात्रा निकालने की कोशिश कर रहे थे, जबकि पुलिस उन्हें बलपूर्वक रोकती रही। पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच करीब आधे घंटे तक झड़प चलती रही।
बदले रूट से निकली शौर्य यात्रा
सूचना मिलते ही एसडीएम पंकज मिश्रा, एएसपी आनंद कलडगी, एएसपी सूर्यकांत शर्मा मौके पर पहुंचे और बजरंग दल के पदाधिकारियों से बात की। चर्चा के बाद विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ता रूट बदलने पर राजी हो गए और फिर पुलिस के साये में शौर्य यात्रा शुरू हुई।
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