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विश्व दिव्यांगजन दिवस के आयोजन के मौके पर अपने साथ हो रहे अन्याय को लेकर दिव्यांगों ने प्रशासन और उसके अधिकारियों के खिलाफ हल्ला बोल कर मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने निःशक्तजन आयुक्त के ऊपर मनमानी करने और दिव्यांगजनों के लिए बनाई गई शासकीय योजनाओं में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। दिव्यांग बच्चों ने प्रशासन के द्वारा आयोजित होने वाले कार्यक्रमों को दिखावा बताया है।
शासकीय योजनाओं का नहीं मिला लाभ
हर साल की तरह इस बार भी 1 दिसंबर से 3 दिसंबर तक जबलपुर में विश्व दिव्यांगजन दिवस का आयोजन किया जा रहा है। इसमें खेल प्रतियोगिताएं एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों को आयोजित किया जाता है। इन कार्यक्रमों में सम्मिलित होने वाले दिव्यांगजनों ने सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के निःशक्तजन आयुक्त संदीप रजक के ऊपर मनमानी करने और शासकीय योजनाओं का लाभ न पहुंचा कर मिलने वाली सहायता राशि को खुद अंदर करने के आरोप लगाए। साथ ही उन्होंने जिला प्रशासन के द्वारा आयोजित किए जाने वाले इन कार्यक्रमों को केवल दिखावा बताते हुए दिव्यांगों का अपमान और उनकी प्रतिभा को दमन किए जाने वाला बताया है।
सरकार से मिलने वाली सहायता को खुद हज़म कर गए आयुक्त
दिव्यांगजन संगठन के जिला अध्यक्ष पुरुषोत्तम अहिरवार ने सामाजिक न्याय आयुक्त संदीप रजक पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया है कि उनके द्वारा दिव्य कला मेले में आयुक्त संदीप रजक से कुछ मांगे की गई थी। जिस पर उन्हें बुरी तरह से डांट कर भगा दिया गया। इसके बाद उसकी शिकायत कलेक्टर जबलपुर से की गई लेकिन उन्होंने भी एक महीने तक कोई कार्रवाई नहीं की गई । मीडिया के सामने आयुक्त के काले चिट्ठे उजागर करते हुए बताया कि सरकार द्वारा मिलने वाली आर्थिक सहायता राशि को आयुक्त के द्वारा खुद अंदर कर लिया जाता है। जिसका लाभ किसी भी disabled या दिव्यांगजन तक नहीं पहुंचता है। साथ ही रोजगार संबंधी किसी भी प्रकार की सहायता इनके द्वारा नहीं की जाती है उन्होंने आयुक्त के ऊपर दिव्यांगों की आवाज को दबाने का भी आरोप लगाया है।
Disabled Day में हो रहा सिर्फ दिखावा
disabled जन दिवस के आयोजन में आए disabled राजीव पाठक ने बताया है कि जिला प्रशासन के द्वारा आयोजित किए जाने वाले इस प्रकार के कार्यक्रम केवल दिखावा है। इन प्रतियोगिताओं में प्रशासन के द्वारा कहा जाता है कि यदि संस्था में 100 बच्चे हैं तो केवल 4 ही किसी प्रतियोगिता में भाग ले सकते हैं ऐसे में 7 प्रतियोगिताओं के आयोजन में केवल 28 बच्चे ही शामिल हो सकते हैं। बाकी के 72 बच्चो को सम्मिलित होने का मौका नहीं मिलेगा उन्होंने जिला प्रशासन के ऊपर दिव्यांगों का अपमान करने और प्रतिभाओं का दमन किए जाने का आरोप लगाया है।
वोट बैंक की राजनीति से दूर दिव्यांगजनों पर भी ध्यान दे शासन
disabled विद्यार्थियों ने बताया कि दृष्टि बाधित विद्यालय के भवन की स्थिति जर्जर हो चुकी है जिसमें बच्चे जान हथेली में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। उसका सुधार होना चाहिए। साथ ही शासन के द्वारा जारी मेनिफेस्टो में दिव्यांगों की पेंशन को बढ़ाने की बात की गई थी। जिसे अभी तक पूरा नहीं किया गया है उन्होंने शासन से वोट बैंक की राजनीति से दूर दिव्यांगजनों पर ध्यान देने की मांग की है।
मांग पूरी नही हुई तो पहुचेंगे दिल्ली तक
disabled जनों ने बताया है कि रोजगार संबंधी समस्त क्षेत्र में भर्तियां निकल रही है केवल जबलपुर में ही भर्ती नहीं हो रही है। साथ ही दिव्यांगों को मिलने वाली 600 रुपए की पेंशन में भी वृद्धि नहीं हो रही है। यदि हमारी मांगे प्रदेश की राजधानी भोपाल में पूरी नहीं होती है। तो सभी दिव्यांगजन दिल्ली जाकर अपनी मांगों को पूरा करने के लिए आवाज उठाएंगे।
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