सीएम मोहन यादव का ऐलान, बोले- इस बार एमपी में मनेगी मथुरा-वृंदावन जैसी जन्माष्टमी

मध्य प्रदेश में जन्माष्टमी के आयोजन को लेकर मुख्यमंत्री मोहन यादव का ने कहा- इस बार मथुरा और वृंदावन जैसी भव्यता होगी, पंचायत स्तर पर आयोजन होंगे।

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Deeksha Nandini Mehra
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CM Mohan Yadav In Bengaluru
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Janmashtami Celebration 2024 : रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) के उत्सव के समापन के बाद मध्य प्रदेश में जन्माष्टमी (Janmashtami) की धूमधाम की तैयारी शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (CM Dr. Mohan Yadav) ने कहा कि मध्य प्रदेश में जन्माष्टमी का उत्सव मथुरा (Mathura) और वृंदावन (Vrindavan) जैसी भव्यता के साथ मनाया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि तहसील (Tehsil) और पंचायत (Panchayat) स्तर पर भी जन्माष्टमी मनाने की तैयारी जोरो-शोरो से चल रही है।

रक्षाबंधन के बाद जन्माष्टमी की तैयारी

सावन के पूरे महीने के दौरान मध्य प्रदेश के विभिन्न इलाकों में रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) का उत्सव मनाया गया। अब रक्षाबंधन के समाप्त होने के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जन्माष्टमी पर्व (Janmashtami Festival) के लिए तैयारियों को गति देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस बार मध्य प्रदेश में जन्माष्टमी की मनाने की योजना इतनी भव्य होगी कि इसकी तुलना मथुरा और वृंदावन के उत्सवों से की जा सकती है।

तहसील और पंचायत स्तर पर कृष्ण जन्माष्टमी

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायत और तहसील स्तर पर भी कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) के आयोजन किए जाएंगे। बच्चों द्वारा भगवान श्री कृष्ण (Lord Krishna) और राधा (Radha) का रूप धारण करने से आयोजन में विशेष रंग भर जाएंगे। इस उद्देश्य से पंचायत स्तर पर भी इस प्रकार के आयोजनों की रूपरेखा तैयार की जा रही है।

उज्जैन में एसएएफ बैंड का प्रदर्शन

महाकाल की नगरी उज्जैन (Ujjain) में जन्माष्टमी के अवसर पर मध्य प्रदेश सशस्त्र बल (MP Armed Forces) का बैंड (Band) प्रदर्शन करेगा। मुख्यमंत्री ने इस बात की घोषणा की है और कहा कि कोई भी त्योहार केवल घर की चार दीवारी तक सीमित नहीं रहना चाहिए।

कई शहरों में धार्मिक विकास

मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान श्री राम (Lord Ram) और श्री कृष्ण (Lord Krishna) के चरण जहां मध्य प्रदेश में पड़े हैं, उन स्थलों का तीर्थ नगरी (Pilgrimage City) के रूप में विकास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शास्त्रों में वर्णित लीलाओं के आधार पर कई शहरों में धार्मिक विकास किया जाएगा। उज्जैन के महाकाल महलोक (Mahakal Mahalok) की तर्ज पर प्रदेश में 13 स्थानों पर महालोक (Mahalok) का निर्माण किया जा रहा है।

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