जीतू पटवारी के भाई नाना पटवारी को हाईकोर्ट से जिला बदर मामले में बड़ी राहत
जीतू पटवारी के भाई नाना पटवारी को हाईकोर्ट से जिला बदर नोटिस पर अंतरिम राहत मिली है। कोर्ट ने नोटिस की वैधता पर सवाल उठाते हुए अगली सुनवाई तक सभी कार्रवाई पर रोक लगा दी है।
मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के भाई नाना पटवारी को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। यह राहत उन्हें जिला बदर की कार्रवाई में मिली है। हाईकोर्ट ने कारण बताओ नोटिस की वैधता पर सवाल उठाया है। कोर्ट ने अगली सुनवाई तक किसी भी प्रकार की आगे की कार्रवाई पर रोक लगा दी है।
जीतू पटवारी के भाई पर क्या केस है?
नाना पटवारी की ओर से वरिष्ठ वकील अजय बागड़ीया ने कोर्ट में दलील दी। उन्होंने बताया कि 22 मई 2024 को मध्य प्रदेश राज्य सुरक्षा अधिनियम, 1990 के तहत शोकॉज नोटिस दिया गया था। उस समय उनके मुवक्किल पर दर्ज कुछ आपराधिक मामलों को आधार बनाया गया था। कोई आदेश भी पारित नहीं किया गया, इसलिए वह कार्रवाई स्वतः समाप्त मानी गई।
अब उन्हीं पुराने मामलों और एक आयकर अधिनियम के मामले को मिलाकर नया नोटिस जारी कर दिया गया है। यह नया नोटिस 16 मई 2025 को जारी हुआ। वकील ने कहा कि यह नोटिस अवैध और मनमाना है यह एकतरफा कार्रवाई है।
पूरी खबर को ऐसे समझें
जीतू पटवारी के भाई नाना पटवारी को जिला बदर नोटिस मामले में हाईकोर्ट से राहत मिली।
कोर्ट ने 16 मई 2025 को जारी नोटिस की वैधता पर संदेह जताया और कार्यवाही पर रोक लगाई।
पुराने मामलों और एक आयकर केस के आधार पर नया शोकॉज नोटिस जारी किया गया था।
याचिकाकर्ता के वकील ने इसे अवैध, मनमाना और एकतरफा कार्रवाई बताया।
हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई तक कोई कार्रवाई न करने का आदेश दिया और 6 हफ्ते में जवाब मांगा।
हाईकोर्ट ने कही यह अहम बात
याचिकाकर्ता के वकील की दलीलों को कोर्ट ने गंभीरता से सुना। कोर्ट ने माना कि यह शोकॉज नोटिस प्रथम दृष्टया संदेहास्पद है। कोर्ट ने कहा कि प्रतिवादियों को नोटिस रजिस्टर्ड डाक से भेजा जाए। साथ ही आदेश दिया कि नोटिस शुल्क एक सप्ताह के भीतर अदा किया जाए।
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि 16 मई 2025 के नोटिस के आधार पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। इसमें जिला बदर आदेश या अन्य प्रशासनिक कार्रवाई शामिल है। यह रोक अगली सुनवाई तक लागू रहेगी।
राजनीतिक गलियारों में हलचल
इस अंतरिम राहत के बाद कांग्रेस खेमे में इसे न्याय की जीत बताया जा रहा है। वहीं प्रशासनिक हलकों में यह मामला चर्चा का विषय बन गया है। चूंकि नाना पटवारी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के भाई हैं, इसलिए यह केवल कानूनी नहीं, राजनीतिक रूप से भी अहम माना जा रहा है।
हाईकोर्ट ने प्रतिवादियों से छह सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है। अगली सुनवाई में यह तय किया जाएगा कि 16 मई 2025 का नोटिस वैध है या नहीं। तब तक नाना पटवारी को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिल चुकी है।
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