संजय गुप्ता, INDORE. कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ( Jeetu Patwari ) मंगलवार को इंदौर में थे, उन्होंने गांधी भवन कांग्रेस दफ्तर में पार्टी पदाधिकारियों को संबोधित किया और नोटा के लिए अधिक से अधिक प्रचार करने की बात कही। साथ ही कहा कि लोगों तक पहुंचाओं लोकतंत्र की हत्या हो रही है। उन्होंने अक्षय बम कांड ( Akshay Bam ) को बीजेपी की राजनीतिक माफियागिरी कहा।
जानते हैं जीतेगा तो बीजेपी सांसद ही
पटवारी ने कहा कि हमे पता है कि जीत बीजेपी सांसद की होना है। कांग्रेस मैदान में नहीं है, लेकिन नोटा भी एक विकल्प है, हम किसी को समर्थन नहीं कर रहे हैं। लेकिन नोटा पर अंर्तमन से वोट डालकर संदेश दिया जा सकता है कि सफाई में नंबर वन इंदौर राजनीतिक स्वच्छता भी चाहता है। हमारे प्रत्याशी (अक्षय बम) का अपहरण हुआ, चाहे लालच में हो दबाव में हो प्रेम से हो या खुद गया हो, लेकिन गया है। बीजेपी के एक बड़े नेता जो मोदी और शाह के करीबी है ने ऐसा कृत्य किया और राजनीतिक बल्लेबाजी की है, इससे इंदौर में राजनीतिक माफियागिरी वाला क्राइम हुआ है।
हमारी मप्र में 15 सीट आएगी
पटवारी ने कहा कि कांग्रेस का महौल है, बीजेपी चिंता में है जो पहले 29 सीट और 400 सीट जीतने का बीत कह रही है अब भाषा बदलने लगी है। कांग्रेस की मप्र में 15 सीट आएगी। जनता अपने वोट का जरूर प्रयोग करें लेकिन नोटा भी विकल्प मौजूद है। यह इंदौर की अस्मिता, संस्कार की बात है।
ताई ने कम से कम बोला तो सही
वहीं ताई यानी पूर्व सांसद सुमित्रा महाजन द्वारा इस मुद्दे पर नाराजगी जाहिर करने पर पटवारी ने कहा कि उन्होंने कहा तो सही, वह अब दलगत राजनीति से ऊपर की नेता है। वह हम सभी की आदरणीय है। यदि परिवार में कुछ गलत करता है तो मुखिया बोलता है। इसलिए इस चुनाव में भले ही बीजेपी सांसद जीते लेकिन अंतर्मन से सोचकर वोट देना होगा, नोटा भी विकल्प है।
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नगर निगम घोटाल समझना हो तो पार्षदों की लाइफस्टाइल देखो, फार्च्यूनर कार है
पटवारी ने साफ तौर पर आरोप लगाया कि नगर निगम का यह घोटाला 150 करोड़ का नहीं, बल्कि 2000 करोड़ रुपए का है। यह 20 साल से चल रहा है। आपको यह समझना हो तो अपने चार-पांच बार के पार्षदों को देख लो, पहले उनके पास क्या था अब क्या है? उनका धंधा क्या है? पहले बाइक से थे अब फाच्यूर्नर कार में घूम रहे हैं। घोटाले का 10 फीसदी हिस्सा अधिकारियों को जाता है तो 90 फीसदी बीजेपी नेताओं के पास गया है। लेकिन इसका कुछ नहीं होगा। यह लोकायुक्त तक जाएगा और फिर सरकार ही कार्रवाई की मंजूरी नहीं देगी जैसे 166 मामले में नहीं दी है। भ्रष्टाचार को देखने की इनकी दो आंखें है, अपने वालों को छोड़ दो, दूसरों पर कार्रवाई करो। हनी ट्रैप में भी यही ढुलमुल रवैया अपनाया गया।
गोविंद सिंह राजपूत सत्ता की मदहोशी में हैं
पटवारी ने गोविंद सिंह राजपूत के बयान कि जीतू भी बीजेपी मे आ रहे हैं पर कहा कि- सब याद रखा जाएगा और समय आने पर जवाब दिया जाएगा। वह अभी होश में नहीं है सत्ता की मदहोशी में हैं। जब नशा उतरेगा तो भाषा बदलेगी। कार्यक्रम में शोभा ओझा, शहराध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्डा सहित अन्य नेता भी उपस्थित थे। इन्होंने बताया कि नोटा के प्रचार को लेकर आगे क्या कदम उठा रहे हैं। वहीं चड्ढा ने कहा कि प्रशासन ने नोटा के प्रचार की मंजूरी नहीं दी है और अब इसकी अपील आयोग में कर रहे हैं। नोटा भी विकल्प है और हम इसका प्रचार कर सकते हैं।