@ अरविंद शर्मा भोपाल। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को सभी 29 सीटों पर करारी हार का सामना करना पड़ा है। चुनाव परिणाम आने के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं में मायूसी छा गई है। पिछले 15 वर्ष से जहां एक ओर चुनाव में कांग्रेस की जमीन खिसकी है। उधर कांग्रेस के बड़े नेताओं ने भाजपा का दामन थामा है। सबसे अहम बात तो यह है कि कांग्रेस में जान फूंकने को लेकर राहुल गांधी ने जीतू पटवारी पर भरोसा जताया था।
उसके बाद भी कांग्रेस की अजेय लोकसभा सीट छिंदवाड़ा पर भी भाजपा ने कब्जा कर लिया है। ऐसे में संगठन का जमीनी आधार को मजबूत बनाने का दावा करने वाले जीतू पटवारी भी फैल हो गए हैं। उसके बाद कांग्रेसी जानकारों का कहना है कि चुनाव के बाद जीतू पटवारी का कद घटेगा या बढ़ेगा। इसको लेकर दिल्ली दस जनपथ में निर्णय लिया जाएगा।
प्रदेश में मंगलवार की सुबह से ही लोकसभा चुनाव में भाजपा को 29 सीटों पर बढ़त के रुझान आने लगे। वहीं प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ( Jitu patwari ) प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पहुंचे। इस दौरान कार्यालय पर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की भीड़ नहीं दिखी। वहीं प्रदेश के विधानसभा चुनाव के बाद लोकसभा में मिली करारी हार के बाद कार्यकर्ताओं मायूसी दिख रही है। सबसे अहम बात तो यह है कि विधानसभा में मिली हार के बाद राहुल गांधी ने कार्यकर्ताओं में जोश भरने को लेकर युवा नेता जीतू पटवारी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया था। लेकिन उनके अध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेस को एक मात्र सीट छिंदवाड़ा भी गंवानी पड़ी है। इसके बाद जीतू पटवारी को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे है।
राजनीति के चौसर पर हुए जीतू फैल,भाजपा पर लगाए आरोप
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने एक पखवाड़े पहले पत्रकार वार्ता आयोजित कर कहा था कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस इस बार कांग्रेस दहाई अंकों में सीटें जीतेंगी। लेकिन उनका जब यह दावा फैल हुआ तो उन्होंने मंगलवार को कहा कि भाजपा ने इंदौर में लोकतंत्र की हत्या की है। वहीं उनके आठ उम्मीदवारों ने अच्छा चुनाव लड़ा है। जब उनसे एमपी में मिली हार के बारे में सवाल किया तो वह बिना कुछ कहे ही आगे बढ़ गए।
प्रदेश में कांग्रेस को मिलेगा क्या नया अध्यक्ष:
लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद अब कांग्रेस संगठन में क्या बड़ा बदलाव किया जाएगा। इसको लेकर पार्टी में चर्चाएं तेज हो गई है। कांग्रेस के कद्दावर नेता इसको लेकर अपनी बात दिल्ली दरबार में रखेंगे। जहां पर जीतू पटवारी की जिम्मेदारी को लेकर बात की जाएगी।
राहुल के भरोसे को नहीं जीत पाए जीतू:
गांधी परिवार ने प्रदेश की कांग्रेस में जान फूंकने को लेकर गांधी परिवार ने जीतू पटवारी पर भरोसा जताया था। लेकिन वह राहुल गांधी के भरोसे पर खरे नहीं उतर पाए। अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चुनाव में मिली हार को लेकर मंथन करेंगे। इसको लेकर दिल्ली में मीटिंग भी आयोजित की जाएगी। साथ ही हर सीट पर मिली हार को लेकर बात होगी।