कोलकाता में हुए लेडी डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। इस नृशंस घटना के विरोध में पूरे देश के डॉक्टर समुदाय में आक्रोश और चिंता की लहर फैल गई है। इस दर्दनाक घटना पर न्याय की मांग करते हुए कोलकाता के डॉक्टरों ने भूख हड़ताल शुरू की, जिसके समर्थन में जबलपुर के जूनियर डॉक्टरों ने भी प्रदर्शन किया और सामूहिक भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं।
भूख हड़ताल का समर्थन
जबलपुर जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन की प्रेसिडेंट डॉ. रुद्रिका भटेले ने बताया की कोलकाता में हुई डॉक्टर के साथ रेप और हत्या मामले में 14 डॉक्टर भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं। हड़ताल में बैठे चार की स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि उन्हें आईसीयू में भर्ती करना पड़ा है। डॉक्टर की बलात्कार और हत्या की घटना ने डॉक्टर समुदाय में गहरी असुरक्षा की भावना पैदा कर दी है। इस मामले में दो माह बीच जाने के बाद भी अब तक न्याय नहीं मिला है। जल्द से जल्द न्याय दिलाने के लिए कोलकाता में डॉक्टर के द्वारा की जा रही भूख हड़ताल के समर्थन में जबलपुर के जूनियर डॉक्टरों ने भी सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक कि भूख हड़ताल और प्रदर्शन किया है। स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने वाले डॉक्टरों का कहना है कि यदि वे स्वयं सुरक्षित नहीं हैं, तो वे दूसरों की सेवा कैसे कर पाएंगे। यही कारण है कि पूरे देश में डॉक्टरों द्वारा इस मुद्दे को लेकर विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं। जबलपुर में नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों ने इस घटना का पुरजोर विरोध किया और कोलकाता में चल रही भूख हड़ताल के समर्थन में कदम उठाया।
जूनियर डॉक्टर ने की भूख हड़ताल और प्रदर्शन
जबलपुर के जूनियर डॉक्टरों ने सोमवार सुबह से भूख हड़ताल शुरू की, जिसमें उन्होंने शांतिपूर्ण तरीके से अपने असंतोष और दुख को व्यक्त किया। इस दौरान डॉक्टर ने इस बात का भी ख्याल रखा कि उनके प्रदर्शन की वजह से मरीजों को किसी भी तरह की परेशानी ना हो और शिफ्ट में डॉक्टर मरीज को सेवाएं देते रहे।
PGI लखनऊ सहित अन्य जगहों पर भी हुए प्रदर्शन
पीजीआई के रेजिडेंट डॉक्टरों ने भी इस मामले को लेकर दोबारा हड़ताल शुरू कर दी है। रेजिडेंट ने ओपीडी में कार्य बहिष्कार किया। इससे नए रोगी परेशान दिखाई दिए। संस्थान प्रशासन ने ओपीडी में नए रोगियों का पंजीकरण बंद करा दिया है। सिर्फ पुराने रोगी संकाय सदस्य देख रहे हैं। नवीन ओपीडी के पंजीकरण काउंटर पर रोगियों की लगी लंबी-लंबी कतारें दिखाई दी हैं। यूपी समेत दूसरे राज्यों से आए रोगी इलाज के लिए सुबह से भटक रहे है। देशभर के अन्य मेडिकल संस्थानों में भी इसी तरह के प्रदर्शन किए गए है।
राष्ट्रीय कानून बनाने की मांग
जबलपुर मेडिकल कॉलेज के सामने प्रदर्शन करने इकट्ठा होकर जूडा ने न्याय की मांग की और स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के लिए कड़े कानून लागू करने की अपील की। डॉक्टरों का कहना है कि जब तक सरकार इस मामले में ठोस कार्रवाई नहीं करती और डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं करती, तब तक उनके आंदोलन जारी रहेंगे। प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि स्वास्थ्य सेवाओं के दौरान डॉक्टरों की सुरक्षा सबसे जरूरी होनी चाहिए। सरकार को इस दिशा में कठोर कदम उठाने चाहिए ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। डॉक्टरों की मांग है कि कोलकाता की घटना में दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने के लिए फास्ट-ट्रैक कोर्ट का गठन हो। जूनियर डॉक्टरों ने डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के लिए एक ठोस राष्ट्रीय कानून की मांग की है, ताकि उनके खिलाफ होने वाले अपराधों में कड़ी सजा दी जा सके।
नहीं हुई जल्द कार्रवाई तो होगा उग्र आंदोलन
जबलपुर के जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि उनकी यह भूख हड़ताल एक प्रतीकात्मक कदम है, लेकिन अगर इस मामले में सरकार ने जल्द कार्रवाई नहीं की तो वे और बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे। डॉक्टरों ने अपने साथियों के प्रति एकजुटता दिखाते हुए कहा कि वे इस नृशंस घटना को हल्के में नहीं लेंगे और डॉक्टरों के अधिकारों के लिए लड़ते रहेंगे।
बढ़ रहा है समर्थन का दायरा
जबलपुर के जूनियर डॉक्टरों के इस प्रदर्शन को स्थानीय लोगों का भी समर्थन मिल रहा है। कई सामाजिक संगठनों ने डॉक्टरों की सुरक्षा की इस मांग को सही ठहराया है और प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द दोषियों को सजा मिले।
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