सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने हाल ही में जस्टिस सुरेश कुमार कैत ( Justice Suresh Kumar Kait ) को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का नया चीफ जस्टिस नियुक्त करने की सिफारिश की है। यह फैसला सुप्रीम कोर्ट द्वारा किए गए संशोधनों के बाद आया, जिसमें पहले जस्टिस जीएस संधावालिया को इस पद के लिए प्रस्तावित किया गया था। जस्टिस कैत फिलहाल दिल्ली हाईकोर्ट में वरिष्ठ न्यायाधीश के पद पर कार्यरत हैं और उनका नाम भारतीय न्यायिक प्रणाली में एक प्रमुख हस्ती के रूप में जाना जाता है।
जस्टिस सुरेश कुमार कैत का न्यायिक सफर
जस्टिस सुरेश कुमार कैत का जन्म 24 मई 1963 को हरियाणा के कैथल जिले के ककौत गांव में हुआ। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से प्राप्त की और वहीं से राजनीतिक विज्ञान में स्नातकोत्तर किया। इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री हासिल की और 1989 में वकील के रूप में पंजीकरण कराया। अपने करियर के शुरुआती वर्षों में उन्होंने केंद्र सरकार, भारतीय रेलवे और यूपीएससी के लिए वरिष्ठ वकील के रूप में कार्य किया। 2008 में उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया और 2013 में उन्हें स्थायी न्यायाधीश के पद पर पदोन्नति मिली।
अहम मामलों में निभाई भूमिका
जस्टिस कैत ने अपने न्यायिक करियर में कई प्रमुख मामलों की सुनवाई की है, जिसमें जामिया हिंसा और सीएए विरोध प्रदर्शन जैसे महत्वपूर्ण केस शामिल हैं। जामिया मिल्लिया इस्लामिया में हुई हिंसा के मामले में उन्होंने कई अहम फैसले दिए, जिससे उनके निष्पक्ष और संतुलित दृष्टिकोण की सराहना की गई। इसके अलावा, उन्होंने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के विरोध प्रदर्शन के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने पर जोर दिया और न्यायिक स्वतंत्रता को सुनिश्चित किया।
जस्टिस कैत की न्यायिक उपलब्धियां
निष्पक्ष न्याय: जस्टिस कैत अपने संतुलित और निष्पक्ष दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं। उनके फैसलों ने न केवल न्यायपालिका में विश्वास बढ़ाया है, बल्कि कानूनी प्रक्रिया को और प्रभावी बनाने में भी योगदान दिया है।
संविधान की सुरक्षा: उन्होंने हमेशा संविधान के मूल्यों की रक्षा करते हुए अपने फैसलों में लोकतंत्र और कानून के सिद्धांतों का पालन किया है।
महत्वपूर्ण जनहित याचिकाएं: जस्टिस कैत ने कई जनहित याचिकाओं पर महत्वपूर्ण फैसले दिए हैं, जो आम जनता के अधिकारों और सुरक्षा से जुड़े रहे हैं
जस्टिस कैत का मई 2025 तक रहेगा कार्यकाल
जस्टिस सुरेश कुमार कैत की नियुक्ति से मध्य प्रदेश हाईकोर्ट को एक अनुभवी और वरिष्ठ न्यायाधीश मिलेगा, जो अपने करियर में कई अहम फैसले दे चुके हैं। उनकी नियुक्ति न केवल न्यायिक प्रणाली को और अधिक सुदृढ़ करेगी, बल्कि संविधान के आदर्शों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगी। उनका कार्यकाल मई 2025 तक रहेगा, जब वे सेवानिवृत्त होंगे।
MP हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का व्यक्तिगत जीवन
जस्टिस कैत का जन्म हरियाणा में हुआ और उन्होंने अपने शुरुआती शैक्षणिक जीवन में भी उल्लेखनीय कार्य किए। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में उन्हें राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) में भी सम्मानित किया गया। न्यायिक करियर में आने से पहले, वे केंद्र सरकार के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में भी कार्य कर चुके हैं।
जस्टिस कैत की यह नियुक्ति भारतीय न्यायिक प्रणाली में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे मध्य प्रदेश में न्यायिक सुधार और कानूनी प्रक्रियाओं को और मजबूती मिलेगी।
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