जजों ने अफसरों से कहा, ये केवल फाइल नहीं, बच्चों से जुड़ी जिंदगी है

मध्यप्रदेश के भोपाल में जस्टिस जुवेनाइल कमेटी की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में जजों ने आला अधिकारियों को जमकर हड़काया। जस्टिस जेसी अहलूवालिया ने कहा कि आप भूल जाते हैं कि एवरी फाइल इज लाइफ, ये केवल फाइलें नहीं हैं...

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Sourabh Bhatnagar
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BHOPAL. मध्यप्रदेश के भोपाल में बच्चों और दिव्यांगों के मामलों की तिमाही समीक्षा बैठक आयोजित की गई। जस्टिस जुवेनाइल कमेटी की इस बैठक में जजों ने प्रदेश के आला अफसरों को जमकर हड़काया। जस्टिस जेसी अहलूवालिया ने तो यहां तक कह दिया कि आप लोग भूल जाते हैं कि एवरी फाइल इज लाइफ, ये केवल फाइलें नहीं हैं। इनसे बच्चों और दिव्यांगों की जिंदगी जुड़ी हुई है। इनके मामलों में आप लोगों को संवेदनशील होना चाहिए।

लाड़ली बहना योजना की तरह इनका भी ध्यान रखो

जस्टिस अहलूवालिया ने अफसरों से कहा कि आप लोग लाड़ली बहना योजना लाकर लाड़ली बहना का ध्यान रखने का दावा करते हैं तो उनके बच्चों का भी ध्यान रखो। इस अवसर पर जजों ने प्रदेश के आला अफसरों को सिस्टम को शर्मशार करती तस्वीरें भी दिखाई। इन तस्वीरों में बच्चों के बिस्तर पर छत का मलबा गिरा हुआ दिख रहा है। उन्होंने इस अवसर पर कमीशनखोरी के चलते घटिया निर्माण पर नगरीय प्रशासन के अधिकारियों की खिंचाई भी की। जजों ने कहा कि जबलपुर के चाइल्ड केयर इंस्टीटयूशन में ओपन जिम और पार्क में निर्माण भी घटिया तरीके से किया गया है, इसी तरह ग्वालियर के हालात हैं। 

फोटो दिखाकर फंस गई प्रमुख सचिव

बैठक में जजों ने कहा कि मूक बधीर सरकारी स्कूलों में शौचालय में पानी नहीं है, न ही हाथ धोने के लिए वाशबेसिन हैं। इस पर सामाजिक न्याय विभाग की प्रमुख सचिव सोनाली वायगंणकर ने फोटो दिखाए। उन्होंने कहा कि हमने इन स्कूलों में पानी की पर्याप्त व्यवस्था कर दी है उनके हाथ धोने के लिए वाशबेसिन भी लगाए हैं। फोटो देखने के ​बाद जस्टिस अहलूवालिया ने सख्त तेवर दिखाते हुए कहा कि आप हमें ही गलत जानकारी देकर भ्रमित कर रही हैं। फोटो को जरा ध्यान से देखिए, इन वाशबेसिन के नीचे पानी का पाइप ही नहीं लगा है तो पानी कैसे आएगा। जस्टिस के कड़े तेवर देखकर मैडम सहम गई।

मुझसे पैसे लो और बेटी के सपने पूरे करो

जस्टिस अहलूवालिया ने कहा कि पिछली बैठक में आप लोगों से कहा था कि एक दिव्यांग बच्ची का सपना है कि वो हेलीकाप्टर में घूमना चाहती है, कोई सरकारी योजना हो तो ऐसे बच्चों को हेलीकाप्टर में घूमा दिया जाए। इस पर सामाजिक न्याय विभाग की प्रमुख सचिव सोनाली वायगंणकर ने कहा कि हमरे विमानन विभाग को पत्र लिखा है, लेकिन उनका अब तक कोई जवाब नहीं आया। इस पर जस्टिस अहलूवालिया ने नाराजगी जताते हुए कहा कि सरकारी सिस्टम में आप लोग फाइल-फाइल ही खेलते रहते हो। आप मुझसे पैसे लेकर उस बेटी का सपना पूरा कीजिए, मैं अपने वेतन से ये पैसे आपको दे रहा हूं।

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