देश के सभी ज्योर्तिलिंग उज्जैन में ही बनेंगे, सिंहस्थ को लेकर सरकार कर रही बड़ी तैयारी

सिंहस्थ की तैयारियों में जुटी टीम तीन साल बाद यहां जुटने वाली भीड़ के मद्देनजर पार्किंग, होटल्स और लॉज के लिए व्यवस्था का प्लान तैयार करेगी। अखाड़ों और दुकानों के लिए भूमि अधिग्रहण भी किया जाएगा। 

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Sandeep Kumar
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BHOPAL. उज्जैन ( Ujjain ) में 2028 में होने वाले सिंहस्थ महाकुंभ ( Simhastha Mahakumbh ) के पहले स्पिरिचुअल सिटी बनाई जाएगी। इसमें भगवान शिव की बड़ी मूर्ति स्थापित की जाएगी। साथ ही, 12 ज्योतिर्लिंग ( Jyotirlingas ) भी बनाए जाएंगे, जिससे आने वाले श्रद्धालुओं को एक ही जगह दर्शन मिल सकें। इसका उद्देश्य उज्जैन के धार्मिक टूरिज्म को बढ़ाना है। डॉ. मोहन सरकार ने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है। जल्द ही इसे लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव संबंधित विभाग के अफसरों की बैठक कर चर्चा करेंगे। इसकी खास बात होगी कि यह देशभर में अपनी तरह का अनूठा स्थान होगा। कोशिश होगी कि उज्जैन में बाबा महाकाल, श्रीमहाकाल महालोक के भ्रमण के साथ इस स्पिरिचुअल सिटी ( Spiritual City ) में लोग पहुंचें। दो से तीन दिन का समय यहां बिताएं। हालांकि, फिलहाल यहां लोगों को बसाने की प्लानिंग नहीं है।

सिटी में देश के प्रसिद्ध 12 ज्योतिर्लिंग होंगे स्थापित

बताया जा रहा है कि यह सिटी उज्जैन से 15 किमी दूर बनाई जाएगी, जिसके लिए 150 एकड़ जमीन चिन्हित कर ली गई है। यहां भगवान भोलेनाथ की मूर्ति के चारों ओर देश के प्रसिद्ध 12 ज्योतिर्लिंग के स्वरूप स्थापित किए जाएंगे। यहां ज्योतिर्लिंग के साथ अपनाई जाने वाली पूजा पद्धति की जानकारी भी रहेगी, ताकि आने वाले श्रद्धालु 12 अलग-अलग ज्योतिर्लिंग में की जाने वाली पूजा के आधार पर पूजन कर सकें।

म्यूजियम में मिल सकेगी धार्मिक महत्व की जानकारी

सिंहस्थ के पहले उज्जैन में बड़ा म्यूजियम बनाने की तैयारी भी की जा रही है। यह म्यूजियम कोठी एरिया में बनाया जाएगा। इसमें विक्रमादित्य के शासन काल के साथ भगवान कृष्ण, महाकाल बाबा और अन्य धार्मिक महत्व को ध्यान में रखते हुए मूर्तियों और अन्य ऐतिहासिक, पुरातात्विक वस्तुओं को रखा जाएगा, ताकि श्रद्धालु म्यूजियम में जाकर उज्जैन के गौरवशाली इतिहास और धार्मिक महत्व से परिचित हो सकें।

स्पिरिचुअल सिटी कर्क रेखा के दायरे में होगी 

यहां बनने वाली स्पिरिचुअल सिटी के एरिया से ही होकर कर्क रेखा गुजरती है। सरकार यहां कर्क रेखा के पास वैदिक घड़ी भी लगाने की तैयारी में है, जिससे कर्क रेखा के साथ वैदिक घड़ी का आध्यात्मिक महत्व जुड़ जाए। हालांकि, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव फरवरी में उज्जैन में वैदिक घड़ी का लोकार्पण कर चुके हैं। यह नई घड़ी अलग होगी।

भूमि अधिग्रहण, पार्किंग, यातायात पर चर्चा

सिंहस्थ की तैयारियों में जुटी टीम तीन साल बाद यहां जुटने वाली भीड़ के मद्देनजर पार्किंग, होटल्स और लॉज के लिए व्यवस्था का प्लान तैयार करेगी। अखाड़ों और दुकानों के लिए भूमि अधिग्रहण भी किया जाएगा। इसे लेकर एक्शन प्लान तैयार किया जा रहा है। साथ ही, हॉस्पिटैलिटी और ट्रैफिक प्रबंधन पर भी फोकस है।

शिप्रा की सफाई पर फोकस

सिंहस्थ की तैयारियों में जुटे अफसरों ने सरकार के संज्ञान में यह बात रखी है कि अप्रैल और मई 2028 में होने वाले सिंहस्थ महाकुंभ में शिप्रा की सफाई महत्वपूर्ण है। इसके लिए इंदौर से ही शिप्रा के शुद्धिकरण का काम शुरू करना होगा। इसमें होने वाले खर्च और कार्य योजना पर सीएम यादव की मौजूदगी में होने वाली बैठक में चर्चा की जाएगी। शिप्रा के शुद्धिकरण के साथ जल संसाधन विभाग द्वारा इसमें पानी भी छोड़ा जाएगा, ताकि जल प्रवाह बना रहे। इसकी प्लानिंग तैयार करने के लिए अफसरों को निर्देश दिए गए हैं।

प्रयागराज महाकुंभ पर भी सरकार की नजर

अफसरों के मुताबिक प्रयागराज में अगले साल जनवरी में महाकुंभ है। इसे लेकर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा की जा रही तैयारियों को लेकर एमपी सरकार काफी गंभीर है। वहां की हर तैयारी की स्टडी करा रही है। 20 मई को इसे लेकर बैठक भी वहां होने वाली है, जिसकी जानकारी एमपी सरकार लेगी। वहां किए जाने वाले प्रबंधों के आधार पर सिंहस्थ उज्जैन की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जाएगा।

यूनिटी मॉल बनाने की तैयारी में सरकार

यहां सरकार की यूनिटी मॉल बनाने की तैयारी है, जिसमें एक जिला, एक उत्पाद कार्यक्रम ( वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट ) के अंतर्गत प्रदेश के सभी जिलों के ओडीओपी लाकर यहां बिक्री के लिए उपलब्ध कराए जाएंगे। इन ओडीओपी के साथ प्रदेश स्तर पर तैयार प्रमुख उत्पादों को भी यहां बिक्री के लिए रखा जाएगा। साथ ही, देश के अन्य राज्यों के ओडीओपी भी यहां बिक्री के लिए रखे जाएंगे। यह यूनिटी मॉल उज्जैन के विकास में सहभागी होगा।

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