संजय गुप्ता@ INDORE.
नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ( Kailash Vijayvargiya ) ने बीजेपी के शंकर लालवानी की रिकॉर्ड तोड़ जीत का श्रेय अक्षय बम को दिया है। उन्होंने एक कार्यक्रम में इसे लेकर बयान दिया। उन्होंने कार्यक्रम में कहा कि लालवानी जी को जो जीत मिली है, इसमें अक्षय बम का साहसिक निर्णय था। लालवानी की इतनी बड़ी जीत है कि अब इस रिकार्ड को कोई तोड़ नहीं सकता है, ऐसा मुझे लगता है। श्रेय अक्षय जी को ही है।
लालवानी ने इन्हें दिया जीत का श्रेय
वहीं लालवानी ने जीत के बाद कहा था कि यह जीत मोदीजी को समर्पित है। उन्होंने कहा कि यह जीत मोदीजी की नीतियों की जीत है, बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने जिस तरह से मेहनत की है, यह उनकी जीत है। इंदौर की जनता की जीत है और बीजेपी संगठन और सरकार ने जिस तरह से काम किए, यह उन सभी की जीत है।
बीजेपी को बीते बार से ज्यादा वोट मिले
लालवानी ने कहा कि बीते चुनाव जितने ही वोट इस बार भी डले, लेकिन बीजेपी को इंदौर में इससे ज्यादा वोट मिले। (बीजेपी को 12.23 लाख वोट मिले, बीते चुनाव में उन्हें 10.68 लाख वोट मिले थे) । यह दर्शाता है कि जनता का विश्वास बीजेपी पर और मोदी पर बढ़ा है। लालवानी ने बीजेपी के संजय सोलंकी को 11.75 लाख वोट से हराया है। लालवानी को 12.26 लाख वोट, सोलंकी को 51669 वोट मिले हैं। नोटा को 2.18 लाख वोट मिले थे।
नोटा को रिकॉर्ड वोट पर क्या बोले थे लालवानी
लालवानी ने उनकी जीत के साथ ही नोटा के रिकॉर्ड बनने पर कहा कि यह कांग्रेस की नकारात्मकता थी, उन्होंने इसके लिए प्रचार किया। फिर भी कांग्रेस को जो बीते बार वोट मिले थे (5.20 लाख), लेकिन इस बार यह पूरे वोट भी नोटा को नहीं गए। (नोटा को 2.18 लाख वोट गए)। कांग्रेस अपने पूरे वोट भी नहीं डलवा सके हैं।
ऐसे हुआ था बमकांड
कांग्रेस ने अक्षय बम को प्रत्याशी बनाया था, लेकिन नाम वापसी के अंतिम दिन 29 अप्रैल को वह विधायक रमेश मेंदोला, पार्षद जीतू यादव व अन्य के साथ कलेक्टोरेट पहुंचे और नाम वापस ले लिया। वापस वह कार से रवाना हो गए। कुछ देर बाद ही मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने सेल्फी डाली, जिसमें कार में वह आगे और पीछे बम और मेंदोला बैठे हुए थे। साथ ही उनका बीजेपी में स्वागत किया। उसी दिन देर रात बम ने औपचारिक तौर पर बीजेपी ज्वाइन कर ली। अपने कांग्रेस से हटने के पीछे उन्होंने कारण बताया कि कांग्रेस नेता समर्थन नहीं दे रहे थे, पैसा मांगा जा रहा था। साथ ही खुद को सनातनी बताया था। उधर बम पर 17 साल पुराने केस में धारा 307 हत्या के प्रयास का भी मामला बढ़ गया है, जिसमें 10 मई को कोर्ट में झूठ बोलकर वह पेश नहीं हुए, जिसके बाद गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ। हाल ही में हाईकोर्ट ने उन्हें और पिता कांति बम की अग्रिम जमानत मंजूर इस शर्त पर की कि वह 15 दिन के भीतर आत्मसमर्पण करेंगे। उधर, उनके कॉलेज इंदौर इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ को लेकर भी परिवाद दायर हो चुका है कि उन्होंने गलत फैकल्टी बताकर, धोखाधड़ी कर मान्यता ली है, जबकि वह कॉलेज में फैकल्टी है ही नहीं। इसे लेकर भी मामला जारी है।
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