बॉलीवुड अभिनेत्री और बीजेपी सांसद कंगना रनौत ( Kangana Ranaut ) को जबलपुर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने उनके विवादित बयान पर नोटिस दिया है। दरअसल कंगना ने नवंबर 2021 में एक राष्ट्रीय मीडिया नेटवर्क के वार्षिक शिखर सम्मेलन में कहा था कि असली आजादी हमें 2014 में मिली है 1947 में तो भीख मिली थी। इस बयान पर उनकी आलोचना हुई थी। इस संदर्भ में जबलपुर के अधिवक्ता अमित साहू ( Advocate Amit Sahu ) ने उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की थी।
क्या था मामला?
16 नवंबर 2021 को अधिवक्ता अमित साहू ने कंगना रनौत के इस बयान के खिलाफ जबलपुर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई थी। साहू ने अपनी याचिका में कहा कि कंगना का यह बयान न केवल स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का अपमान है, बल्कि इससे पूरे देश की भावनाएं आहत हुई हैं। उन्होंने अदालत को यह भी बताया कि कंगना जैसी प्रसिद्ध हस्ती से ऐसे बयान की उम्मीद नहीं थी, और यह बयान देश को शर्मसार करने वाला है।
लगभग 3 साल बाद जारी हुआ नोटिस
नवंबर 2021 में दायर इस मामले में शनिवार, 5 अक्टूबर को न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी ( JMFC) विश्वेश्वरी मिश्रा की अदालत में मामले की सुनवाई हुई। जिसमें कोर्ट ने कंगना को नोटिस जारी करते हुए अगली सुनवाई की तारीख 5 नवंबर 2024 तय की।
यह था कंगना का विवादित बयान
एक मीडिया नेटवर्क के वार्षिक शिखर सम्मेलन में कंगना ने वीर सावरकर, रानी लक्ष्मीबाई और नेताजी सुभाष चंद्र बोस को याद करते हुए कहा था कि वे जानते थे कि खून बहेगा। यह हिंदुस्तानी खून नहीं होना चाहिए। वे इसे जानते थे। बेशक, उन्हें एक पुरस्कार दिया जाना चाहिए, लेकिन 1947 में मिली आजादी, वह असली आजादी नहीं थी, वह तो भीख थी। असली आजादी हमें 2014 में मिली। उनका इशारा 2014 में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने की ओर था। कंगना के इस बयान पर राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर तीखी प्रतिक्रियाएं आई थीं।
माफी मांगे कंगना : अमित साहू
अधिवक्ता अमित साहू ने कहा कि उन्होंने कंगना के खिलाफ यह केस इसलिए दर्ज कराया है। उनके बयान ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है। उन्होंने यह भी बताया कि यह बयान हमारे देश की आजादी के संघर्ष का अनादर है । इसके लिए कंगना को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।
फिल्म 'इमरजेंसी' को लेकर विवाद
कंगना रनौत अपने बयानों के अलावा अपनी फिल्मों को लेकर भी अक्सर विवादों में रहती हैं। हाल ही में उनकी आने वाली फिल्म इमरजेंसी विवादों में घिरी रही। यह फिल्म भारत में 1975 से 1977 के बीच लागू किए गए आपातकाल के समय की कहानी पर आधारित है। जिसमें कंगना खुद भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका निभा रही हैं। फिल्म को लेकर कई राजनीतिक और धार्मिक विवाद उभरे हैं, जिसमें सिख समुदाय ने आरोप लगाया है कि फिल्म का कंटेंट इतिहास को गलत तरीके से पेश कर रहा है। इसके अलावा कुछ राजनेताओं ने भी इस पर आपत्ति जताई है, जिससे फिल्म की चर्चा और विवाद बढ़ गए हैं।
5 नवंबर को है मामले की अगली सुनवाई
अदालत ने इस मामले की सुनवाई 5 नवंबर 2024 को तय की है। जिसमें कंगना को अपनी सफाई पेश करनी होगी। इस बीच यह देखना होगा कि कंगना या उनके वकील कोर्ट के समक्ष क्या रुख अपनाते हैं।
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