INDORE. मप्र की आर्थिक राजधानी इंदौर में हुंडियों व अन्य माध्यम से सबसे ज्यादा फायनेंस चलाने वालों में से एक कटारिया फायनेंसर पर पर 29 मई को हुए आयकर छापे की जांच गहरी होती जा रही है। करीब 50 दिन की जांच में आयकर विभाग को चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। लेने-देन का कच्चा हिसाब 500 करोड़ रुपए से ज्यादा पर पहुंच चुका है और यह मप्र में सूद पर रुपए चलाने वाले सबसे बड़े फायनेंसर के रूप में सामने आ रहे हैं।
कौन है कटारिया फायनेंसर
इंदौर के जानकी नगर में रहने वाले कटारिया परिवार में दिलसुख, खूबचंद, ज्ञानचंद और कैलाश कटारिया है। इनकी दिलीप दाल मिल और कटारिया फायनेंस के नाम से काम है। बहुत ही सामान्य परिवार के रूप में रहने वाले कटारिया का लेन-देन का काम इतना बड़ा होगा यह किसी को सपने में भी नहीं पता था।
शादी के कारण नजरों में आ गए कटारिया
दरअसल कटारिया अप्रैल में उनके घर में बेटी की हुई शानदार शादी के बाद आयकर विभाग की नजरों में आ गए थे। इस शादी का जश्न कई दिनों तक चला और 18 अप्रैल को मुख्य आयोजन हुआ। सूत्रों के अनुसार शादी के बाद बेटी को भारी मात्रा में सोना और चांदी उपहार में दिया गया। यहां तक तो ठीक था बारातियों में भी खास मेहमानों को भी सोने की गिन्नी गिफ्ट में दी गई। इसकी भनक आयकर विभाग तक पहुंची।
नाम मात्र का टैक्स देने वाले कटारिया की जानकारी जुटाई गई तो आयकर विभाग को भनक लगी कि इनका भारी लंबा काराबोर है और ब्लैक मनी के ट्रांजेक्शन को पकड़ने के लिए कटारिया सबसे उपयुक्त व्यक्ति है। इसके बाद आयकर विभाग ने उन पर छापा मारा।
दुबई का सोना मिला है, सैंकड़ों की तादाद में रजिस्ट्री
जानकारी के अनुसार कटारिया के यहां से 17 किलो सोना मिला था। इसमें कुछ सोना दुबई मार्का का था जो बिना कस्टम ड्यूटी चुकाए नहीं रखा जा सकता है। वहीं सैंकड़ों की तादाद में रजिस्ट्रियां मिली है। यह रजिस्ट्री लोगों को रुपए ब्याज पर देने के बदले में गारंटी के तौर पर रखवाई जा रही थी। साथ ही कच्चे हिसाब भी लेन-देन के मिले हैं।
इन सभी को जोड़ा जाए तो यह राशि 590 करोड़ रुपए से ज्यादा पर पहुंच रही है। हालांकि आयकर विभाग ने विदेशी सोने की जानकारी अभी कस्टम या डीआरआई को नहीं दी है। विदेशी सोना रखने पर भी संबंधित जांच एजेंसी कार्रवाई कर सकती है।
रियल एस्टेट में भी निवेश कर रखा था
कटारिया ने दाल मिल के अलावा रियल एस्टेट में भी निवेश कर रखा है। इनके तार बड़े नेताओं से भी जुड़े हैं। विभाग के पास नेताओं को फंडिंग करने की जानकारी भी थी जिसके आधार पर कार्रवाई की गई है। बड़े लो प्रोफाइल रहने वाले कटारिया ग्रुप के फायनेंस की यह स्थिति है कि वह इंदौर में कई फायनेंस का काम करने वालों को भी फायनेंस करते हैं। कई बड़े कारोबारी से लेकर नेताओं के खास लोग भी उनसे जुड़े हुए हैं। एक मंत्री के करीबी फायनेंसर भी इनसे लेने-देन रखते हैं। इनका कारोबार परंपरागत तरीके से ही चलता है और हुंडियों पर भी लेन-देन करते हैं।
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