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खंडवा में प्राचीन श्री राम मंदिर में लगी आग। Photograph: (BHOPAL)
खंडवा जिले के भामगढ़ गांव में स्थित 500 साल पुराने भगवान राम के मंदिर भीषण आग लग गई। शुक्रवार देर रात लगी भयानक आग में मंदिर का ढांचा जलकर गिर गया और मंदिर में विराजित राम दरबार की ऐतिहासिक मूर्तियां जलकर नष्ट हो गईं। मंदिर का निर्माण लकड़ियों से किया गया था इसलिए आग तेजी से फैली। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम ने कड़ी मशक्कत कर आग पर काबू पाया लेकिन तब तक मंदिर पूरी तरह से जल चुका था।
मंदिर में लगी भीषण आग, ढह गया पूरा ढांचा
मंदिर के पुजारी सेतु पांडेय के अनुसार रात के करीब डेढ़ बजे उन्हें पड़ोसियों ने जगाया और बताया कि मंदिर से आग की तेज लपटें उठ रही हैं। आग इतनी भीषण थी कि कुछ ही समय में मंदिर का पूरा ढांचा ढह गया। स्थानीय ग्रामीणों ने आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन मंदिर की संरचना लकड़ी की होने के कारण आग और तेजी से फैल गई। यह मंदिर राजपरिवार द्वारा बनवाया गया था और क्षेत्र की आस्था का प्रमुख केंद्र था। मंदिर में आग लगने की घटना से न केवल स्थानीय निवासियों को दुख हुआ बल्कि क्षेत्रीय इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर को भी गहरी क्षति पहुंची है।
यह मंदिर न केवल धार्मिक बल्कि ऐतिहासिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण था। मंदिर में राम दरबार की मूर्तियां विराजमान थीं, जिसमें भगवान राम, सीता और लक्ष्मण की दो-दो मूर्तियां थीं। पुजारी सेतु पांडेय के अनुसार, उनका परिवार पिछले 13 पीढ़ियों से इस मंदिर में पूजा अर्चना कर रहा था और यह एक पवित्र स्थल था, जिसे राजवंश की तरह पूजा और भोग अर्पित किया जाता था।
फायर ब्रिगेड ने आग पर पाया काबू
प्राचीन मंदिर में आग लगने की सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन की टीम और फायर ब्रिगेड की मौके पर पहुंच गई। फायर ब्रिगेड की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद आग बुझाई। जावर थाना प्रभारी, गंगाप्रसाद वर्मा ने बताया कि सूचना मिलने के बाद फायर ब्रिगेड की टीम तुरंत घटनास्थल पर पहुंची। खंडवा और हरसूद से तीन फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर पहुंचीं, लेकिन आग पर काबू पाने में काफी समय लग गया। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया कि मंदिर में लगी आग दीये की लौ से फैली थी। फिलहाल राजस्व विभाग की टीम आग से हुए नुकसान को लेकर सर्वे कर रही है। शिकायत मिलने के बाद आगजनी का मामला दर्ज किया जाएगा।
गंदगी फैलाने को लेकर होता था विवाद
घटना की सूचना मिलते ही मोहन सरकार के मंत्री विजय शाह ने मंदिर पहुंचे और घटनास्थल की निरीक्षण किया। साथ ही पुजारी और गांव के लोगों से चर्चा की। ग्रामीणों के अनुसार मंदिर के आसपास मुस्लिम आबादी वाला संवेदनशील क्षेत्र है। मंदिर के पीछे वाले भाग में अतिक्रमण और गंदगी को लेकर विवाद होते रहता था। ग्रामीणों ने मंत्री शाह से मांग की है कि मामले में गहराई से जांच होनी चाहिए। मंत्री शाह ने इस मामले में पूरी जांच का आश्वासन दिया है।
आग में जल गई मूर्तियां, मंदिर को भारी नुकसान
पुजारी सेतु पांडेय ने बताया कि आग को बुझाने के लिए उनके द्वारा कई प्रयास किए गए, और समय पर चार फायर ब्रिगेड की गाड़ियां बुलाकर आग पर काबू पाया गया। अगर यह आग और बढ़ती तो गांव के पास स्थित अन्य घरों को भी खतरा हो सकता था। पुजारी ने यह भी कहा कि भगवान राम ने उनकी और गांव की रक्षा की है। मंदिर के ढांचे के गिरने और मूर्तियों के जलने से भारी नुकसान हुआ है।
मंदिर में थी भगवान राम की मूंछ वाली मूर्ति
मध्य प्रदेश राजभवन में पदस्थ प्रोफेसर डॉ. दीपमाला रावत घटना पर दुख जताते हुए कहा कि यह मंदिर न केवल आस्था का केंद्र था, बल्कि निमाड़ क्षेत्र का गौरवशाली इतिहास भी था। इस मंदिर में भगवान राम की मूंछ वाली मूर्ति थी, जो अपने आप में एक अद्वितीय उदाहरण था। इतिहास में यह भी उल्लेखित है कि इस मंदिर की स्थापना भामगढ़ के राजा ने की थी और यहां राजा राम की पूजा की जाती थी, जबकि गांव के लोग उन्हें सेवक के रूप में पूजते थे।
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