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लाड़ली बहना योजना, जिसे मध्य प्रदेश में 2023 में शुरू किया गया था, एक राजनीतिक और सामाजिक मुद्दे में बदल गई है। योजना का उद्देश्य राज्य की महिला वोटरों को आकर्षित करना था, जो विधानसभा चुनाव में बीजेपी को लाभ पहुंचाने में सहायक रही। हालांकि अब, महिला एवं बाल विकास मंत्री द्वारा हाल ही में दिए गए बयान ने इस योजना को लेकर नई बहस को जन्म दिया है। मंत्री ने साफ किया है कि फिलहाल योजना की राशि बढ़ाने और नए नाम जोड़ने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
योजना का उद्देश्य और लाभ
लाड़ली बहना योजना को महिलाओं के लिए एक राहत के तौर पर पेश किया गया था। इसके तहत हर महिला को प्रति माह 1 हजार 250 रुपए की राशि दी जा रही है। योजना का मुख्य उद्देश्य महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना और महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करना था। चुनावों में इसका प्रभाव स्पष्ट था, क्योंकि यह योजना महिलाओं के बीच लोकप्रिय हो गई थी।
मंत्री का बयान, कांग्रेस ने बताया धोखा
दरअसल, हाल ही में विधानसभा में महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने एक सवाल के जवाब में कहा कि लाड़ली बहना योजना की राशि को बढ़ाने या नए नाम जोड़ने का कोई प्रस्ताव नहीं है। मंत्री के इस बयान के बाद, कांग्रेस ने सरकार पर हमला बोलते हुए इसे जनता के साथ धोखा करार दिया। कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी ने महिलाओं से 3 हजार रुपए प्रति माह देने का वादा किया था, लेकिन अब इस पर कोई भी प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। बता दें कि विधानसभा सत्र के दौरान कांग्रेस विधायक प्रताप ग्रेवाल ने लाड़ली बहना योजना के बारे में लिखित सवाल पूछा था। इस सवाल का जवाब देते हुए सरकार ने स्पष्ट किया कि वर्तमान में लाड़ली बहना योजना की राशि बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
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सीएम ने किया था वादा
हालांकि, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पहले इस योजना के तहत राशि को 3 हजार रुपए प्रति माह करने का वादा किया था। बता दें कि देवास में आयोजित एक सार्वजनिक कार्यक्रम में उन्होंने इसका ऐलान किया था। लेकिन अब इस नए अपडेट ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है, और कई लोग इसे चुनावी वादा और प्रचार का हिस्सा मान रहे हैं।
लाड़ली बहना योजना से नाम कटने का कारण
दरअसल, महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने बताया कि कुछ महिलाओं के नाम योजना से काटे गए हैं। इनमें 35 महिलाएं अपात्र पाई गईं और 15 हजार 748 महिलाओं के नाम उनकी मृत्यु के बाद हटाए गए। इसके अलावा, 60 साल की उम्र पूरी करने वाली महिलाओं के नाम भी स्वचालित रूप से पोर्टल से हटाए गए हैं।
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चुनावी फायदे के लिए बनाई थी योजना - कांग्रेस
कांग्रेस ने इस योजना के पीछे बीजेपी की राजनीति पर सवाल उठाया है। विपक्ष का कहना है कि यह योजना सिर्फ चुनावी लाभ के लिए बनाई गई थी और अब सरकार इसे पूरी तरह से लागू करने में विफल रही है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि लाखों महिलाओं के साथ धोखा हुआ है। इस पूरे मामले पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि लाड़ली बहनों के साथ छल किया गया है, क्योंकि उन्हें 3 हजार रुपए प्रति माह देने का वादा किया गया था, लेकिन अब इस पर कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है, और यह बात स्वयं मंत्री ने स्वीकार की है। इसके अलावा, लंबे समय से लाड़ली बहना योजना के रजिस्ट्रेशन भी बंद हैं, जिससे पात्र महिलाओं के नाम योजना में जोड़ने में समस्या आ रही है। यह साफ दर्शाता है कि योजना का उद्देश्य केवल चुनावी लाभ प्राप्त करना था।
क्या है लाड़ली बहना योजना?
लाड़ली बहना योजना मध्य प्रदेश सरकार की एक प्रमुख स्कीम है, जिसका उद्देश्य महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। यह योजना महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक अहम कदम साबित बताई जाती है। मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार ने इस योजना के तहत प्रदेश की महिलाओं को हर महीने आर्थिक सहायता प्रदान करने का फैसला लिया है। योजना के अंतर्गत योग्य महिलाओं को 1 हजार 250 रुपए प्रति माह की राशि दी जाती है, जिससे वे अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकें। मौजूदा समय में इस योजना से 1 करोड़ 20 लाख से अधिक महिलाएं लाभान्वित हो रही हैं
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