मध्यप्रदेश में 2023 के विधानसभा चुनाव के दौरान लाड़ली बहना योजना को लेकर किए गए प्रचार पर तत्कालीन भाजपा सरकार ने 119 करोड़ 98 लाख रुपए खर्च किए। कांग्रेस विधायक प्रताप ग्रेवाल के सवाल पर सरकार ने विधानसभा में यह खुलासा किया। यह खर्च अप्रैल 2023 से अक्टूबर 2023 के बीच विज्ञापन के विभिन्न माध्यमों पर किया गया।
राशि बढ़ाने के वादे पर विपक्ष का हमला
विपक्ष का सवाल है कि जब सरकार ने लाड़ली बहना योजना की राशि 1000 रुपए से बढ़ाकर 3000 रुपए करने की बात विज्ञापनों में कही थी, तो अब तक इसे लागू क्यों नहीं किया गया। फिलहाल योजना के तहत पात्र महिलाओं को 1250 रुपए प्रतिमाह उनके खाते में दिए जा रहे हैं।
पंजीयन प्रक्रिया पर सवाल
पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने 31 जुलाई 2023 को सरकार को एक पत्र लिखकर पूछा था कि 20 अगस्त 2023 के बाद पात्र बनी महिलाओं का पंजीयन क्यों नहीं हो रहा। उन्होंने इसे "सतत प्रवृत्ति की योजना" बताया और कहा कि यदि राज्य धन का वितरण हो रहा है, तो बाकी पात्र महिलाओं का भी इस पर हक है। सरकार ने विधानसभा में यह जवाब दिया कि उन्हें सकलेचा का ऐसा कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ।
विपक्ष के तीखे सवाल
ग्रेवाल ने सरकार से पूछा कि जब योजना को सतत रूप से चलाने की बात कही गई थी, तो नई पात्र महिलाओं के पंजीयन क्यों बंद किए गए। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इस योजना का प्रचार-प्रसार कर वोट बैंक बनाने का प्रयास कर रही है, लेकिन लाभार्थियों के लिए तय वादे पूरे नहीं किए जा रहे।
FAQ
लाड़ली बहना योजना के प्रचार पर कितनी राशि खर्च हुई?
अप्रैल 2023 से अक्टूबर 2023 के बीच 119 करोड़ 98 लाख रुपए खर्च किए गए।
योजना के तहत महिलाओं को कितनी राशि मिल रही है?
फिलहाल पात्र महिलाओं को 1250 रुपए प्रति माह दिए जा रहे हैं।
3000 रुपए की घोषणा कब लागू होगी?
सरकार ने इस पर अभी तक कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया है।
पंजीयन क्यों बंद किए गए हैं?
सरकार का कहना है कि नए पंजीयन को लेकर कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने क्या सवाल उठाए?
उन्होंने पूछा कि नई पात्र महिलाओं का पंजीयन क्यों नहीं हो रहा और सरकार ने इस पर कोई जवाब क्यों नहीं दिया।