भूमाफिया दीपक मद्दा उर्फ दिलीप सिसौदिया को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है, लेकिन वह अभी जेल से बाहर नहीं आएगा। सहकारी समितियों की जमीन के करोड़ों रुपए के घोटाले में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है।
इसमें अभी तक उसकी जमानत नहीं हुई है। इस मामले में भी जमानत पाने के लिए मद्दा ने अपील की हुई है और सुनवाई 20 जुलाई को संभावित है।
अक्टूबर 2023 में रद्द हो चुकी है जमानत
अक्टूबर 2023 में भूमाफिया मद्दा ने ईडी मामले में जमानत के लिए याचिका लगाई थी, जिसे विशेष कोर्ट ने खारिज कर दिया था। इसके बाद वह हाईकोर्ट में पहुंचा है। इसमें अभी सुनवाई के दौर जारी है। यहां भी मद्दा ने मेडिकल रीजन दिया है और साथ ही कहा है कि एक साल से ईडी के केस में वह जेल में हैं, सारी पूछताछ हो चुकी है।
ईडी ने मद्दा पर तीन सोसायटी में यह घोटाले बताए
- ईडी ने बताया कि आरोपी (मद्दा) ने जमीन घोटाले कर 6.40 करोड़ की संपत्तियां खरीदी। उसने मजदूर पंचायत, देवी अहिल्या श्रमिक कामगार और कल्पतरू सोसायटी में घोटाला किया।
- इसमें नसीम हैदर, केशव नाचानी (हनी), ओमप्रकाश धनवानी (टनी), दीपेश जैन व अन्य शामिल रहे और ईडी में इन सभी के बयान हो चुके हैं।
- मजदूर पंचायत में नसीम हैदर की मदद से मद्दा ने हनी और टनी को ढाई-ढाई एकड़ जमीन दो-दो करोड़ रुपए में बेची, लेकिन इसकी बाजार कीमत 25 करोड़ रुपए थी। इस जमीन के बेचने के लिए आई राशि 54 लाख अपने खाते में डलवाई।
- देवी अहिल्या में रणवीर सिंह सूदन के साथ मिलकर यहां की चार एकड़ जमीन का सौदा सिम्पलेक्स कंपनी के नाम पर चार करोड़ में किया। इसमें से 20 चेक दिए, लेकिन केवल 9 चेक से 1.80 करोड़ रुपए का ही भुगतान किया और 2.20 करोड़ रुपए संस्था को दिए ही नहीं।
- कल्पतरू सोसायटी के संस्था अध्यक्ष प्रकाश गिरी के साथ सौदा किया, इसमें हिना पैलेस में 21 हजार वर्गफीट जमीन पर 50 हजार सुपर बिल्डअप बनाकर संस्था सदस्यों को फ्लैट 15 साल में बनाकर देने का करार हुआ। इसके लिए पांच करोड़ से ज्यादा राशि ली। बाद में इसमें से केवल 70 लाख रुपए राशि ही संस्था को लौटाई। अपने पास उसने 4.31 करोड़ रुपए रख लिए।
- इस 4.31 करोड़ रुपए में से उसने बिचौली मर्दाना में संपत्ति ली और रिश्तेदार अशोक पिपाड़ा के नाम पर शिफ्ट कर दी। वहीं 1.88 करोड़ रुपए उसने समाता रियलिटी में लगाए।
- ईडी ने बताया कि करोड़ों कीमत की संपत्ति अटैच की जा चुकी है। जमानत का अधिकार नहीं है।
कल्पतरू घोटाले में क्राइम ब्रांच में दर्ज केस में जमानत
मद्दा 3 अप्रैल 2023 में कल्पतरू गृह निर्माण सोसायटी में 4.89 करोड़ रुपए के घोटाले में गिरफ्तार हुआ था। यह एफआईआर सहकारिता विभाग की शिकायत पर क्राइम ब्रांच इंदौर में दर्ज हुई थी। इसी बीच ईडी ने भी मनी लॉन्ड्रिंग केस में जांच की और 3 मई 2023 को जेल से ही उसकी सुपुर्दगी ली और पूछताछ की।
कल्पतरू मामले में इंदौर हाईकोर्ट ने सहकारी समितियों के जमीन घोटाले में उस पर भूमाफिया अभियान के तहत आधा दर्जन एफआईआर हुई थी। इसके बाद प्रशासन ने रासुका लगाई और जेल भेजा लेकिन रासुका रद्द होने पर वह जेल से बाहर आया, इसी दौरान क्राइम ब्रांच में दर्ज हुई कल्पतरू घोटाले की एफआईआर में गिरफ्तार हो गया। अब इस मामले में बेल हुई है और ईडी का केस अभी बाकी है।
हाईकोर्ट ने एक लाख के मुचलके पर दी जमानत
हाईकोर्ट ने कल्पतरू मामले में जमानत कि लिए एक लाख का मुचलका भराने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही कहा है कि जब भी ट्रायल कोर्ट में कार्रवाई होगी, उसे पेश होना है। जांच में सभी तरह का सहयोग देना होगा।
मेडिकल हालात का दिया गया हवाला
हाईकोर्ट इंदौर खंडपीठ में इस मामले में मद्दा के मेडिकल ट्रीटमेंट का हवाला दिया। बताया गया कि उसे कार्डियक प्राब्लम है और जांच कराई तो अन्य मेडिकल समस्या भी निकली है। वह इस दौरान कई बार अस्पताल में भर्ती हो चुका है।
जेल में रहकर उपचार संभव नहीं है। पहले जमानत के लिए इस बात पर आवेदन खारिज हुआ था कि आरोपी संस्था प्रेसीडेंट प्रकाश गिरी फरार है, लेकिन अब वह भी गिरफ्तार हो चुके हैं। यह पूरा मामला वैसे भी संस्था और आरोपी के बीच में सिविल विवाद का है जिसमें क्रिमिनल केस कराया गया।
शासन ने बताया आदतन अपराधी
उधर शासन पक्ष की ओर से जमानत का विरोध किया गया और कहा गया कि यह आदतन अपराधी है। इस पर कई तरह के जमीन घोटाले के केस है। कल्पतरू संस्था में जब सब आडिटर सुरेश भंडारी द्वार जांच की गई तो इसमें 4.89 करोड़ का घोटाला निकला, इसमें आरोपी मुख्य आरोपी था। उनके साथ सह आरोपी में कमलेश जैन, सन्नी जायसवाल, जितेंद्र पटेल, सुभाष पाटीदार, मिलन गिरी, दर्शन मेहता, चंदा. जितेंद्र पाटिल, मधु खांता भी है।
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