विदिशा के बीजा मंडल मामले में वकील ने संस्कृति मंत्रालय और एएसआई को भेजा कानूनी नोटिस

वकील ने नोटिस नोटिस में लिखा है कि अगर मामले का समाधान नहीं हुआ तो अदालत में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की जाएगी। अधिकारियों को नोटिस का जवाब देने के लिए समय सीमा दी गई है।

Advertisment
author-image
Sandeep Kumar
New Update
STYLESHEET THESOOTR - 2024-08-22T234238.182
Listen to this article
00:00 / 00:00

BHOPAL. विदिशा बीजा मंडल मामले में वकील ने संस्कृति मंत्रालय, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ( एएसआई) के महानिदेशक और अन्य संबंधित अधिकारियों को कानूनी नोटिस भेजा गया है। यह नोटिस एक वकील ने भेजकर स्थल को मंदिर होने का दावा किया है। साथ ही नोटिस में प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल और अवशेष अधिनियम, 1958 की धारा 36 के तहत इस त्रुटि को सुधारने की मांग की है।

जानकारी के अनुसार पवन रघुवंशी नामक वकील ने सिविल प्रक्रिया संहिता (सीपीसी) की धारा 80 के तहत नोटिस जारी किया गया है। जिसमें वकील का दावा है कि आधिकारिक राजपत्र अधिसूचना में विदिशा में प्राचीन स्मारक स्थल की गलत पहचान की गई है। इसे "विजय मंडल मस्जिद" के रूप में सूचीबद्ध किया गया है, जबकि वकील के अनुसार यह स्थल वास्तव में एक मंदिर है। नोटिस में प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल और अवशेष अधिनियम, 1958 की धारा 36 के तहत इस त्रुटि को सुधारने की मांग की गई है।

वकील का तर्क है कि राज्य सरकार से केंद्र सरकार,एएसआई को स्मारक के संरक्षकता और स्वामित्व अधिकारों के हस्तांतरण को राजस्व रिकॉर्ड में ठीक से दर्ज नहीं किया गया है। यह अधिनियम, 1958 की धारा 13 के साथ धारा 8 का उल्लंघन है। नोटिस में साइट पर आवश्यक खुदाई कार्य नहीं होने की बात की गई है। अधिनियम की धारा 21 के अनुसार, स्मारक की सही पहचान को उजागर करने के लिए इस तरह की खुदाई आवश्यक है। पवन रघुवंशी बताते हैं कि अधिनियम की धारा 35-ए के तहत साइट पर कोई सर्वेक्षण नहीं किया गया है। सर्वेक्षण नहीं होना बड़ी चूक है।  

समाधान नहीं हुआ तो लगाई जाएगी PIL

वकील ने नोटिस नोटिस में लिखा है कि अगर मामले का समाधान नहीं हुआ तो अदालत में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की जाएगी। अधिकारियों को नोटिस का जवाब देने के लिए समय सीमा दी गई है।

बीजामंडल को लेकर विवाद

विदिशा में स्थित बीजामंडल को लेकर विवाद शुरू हो गया है। बताया जा रहा है कि हिन्दू पक्ष ने 9 अगस्त को परिसर में प्रवेश करने और पूजा करने की अनुमति मांगी थी। कलेक्टर ने उनके अनुरोध को एएसआई को भेज दिया था। एएसआई 1951 के राजपत्र अधिसूचना का हवाला देते हुए स्थल को बीजामंडल मस्जिद के रूप में वर्गीकृत होना बताया । इस आधार पर कलेक्टर ने हिन्दू पक्ष पूजा की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। कलेक्टर के इंकार के बाद हिंदू पक्ष में नाराजगी देखी गई।

हिन्दू पक्ष का दावा

हिन्दू पक्ष का दावा का दावा है कि बीजामंडल हिंदुओं का पूजा स्थान है। विजय सूर्य मंदिर को 11वीं-12वीं शताब्दी में सूर्य देवता के सम्मान में बनाया गया था। मुगल शासन के दौरान मंदिर को काफी नुकसान पहुंचा गया। 17वीं शताब्दी के दौरान औरंगजेब के शासनकाल में मस्जिद के रूप में बना दिया गया।

भाजपा विधायक ने दिया सर्वेक्षण का प्रस्ताव  

विदिशा भाजपा विधायक मुकेश टंडन ने मंदिर के स्वामित्व को लेकर सर्वेक्षण का प्रस्ताव दिया है। प्रस्ताव में उन्होंने कहा है कि स्थल के सर्वेक्षण से स्थिति साफ हो जाएगी।

thesootr links

ेद सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

बीजा मंडल मस्जिद बीजा मंडल विदिशा बीजामंडल में क्या बीजामंडल में मंदिर या मस्जिद बीजामंडल विवाद बीजामंडल हिंदुओं