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मध्य प्रदेश की राजनीति में बड़ा मोड़ सामने आया है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के छोटे भाई और वरिष्ठ नेता लक्ष्मण सिंह ने कांग्रेस से निष्कासन के बाद अपनी नई राजनीतिक शुरुआत के संकेत दे दिए हैं। अब एमपी की राजनीति में अलग राह पर चलने की तैयारी कर रहे हैं।
लक्ष्मण सिंह ने एक मीडिया समूह को दिए गए इंटरव्यू के दौरान अपनी नई राजनीतिक शुरूआत के बार में कई बातें कहीं। उन्होंने कहा कि उन्हें भाजपा से कोई दुश्मनी नहीं है, लेकिन कांग्रेस में अब कार्यकर्ताओं की कोई सुनवाई नहीं रह गई है। कार्यकर्ता बेहद नाराज हैं, और अब समय आ गया है कि एक नई राह तैयार की जाए।
कांग्रेस पर लगाए पैसे लेकर टिकट बांटने के आरोप
लक्ष्मण सिंह ने कांग्रेस नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी में कार्यकर्ताओं की सुनी जाती थी, अब नहीं। दिल्ली से पर्यवेक्षक आते हैं और टिकट बांट जाते हैं। हमने तो यह तक सुना है कि पैसे लेकर टिकट बांटे गए।
निष्कासन पर भी उठाए सवाल
पार्ट से निष्कासन को लेकर सिंह ने कहा कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद राघौगढ़ में आतंकियों के खिलाफ बयान दिया था। लेकिन पार्टी ने उन्हें कारण बताओ नोटिस भेज दिया।
मैंने आतंकियों के खिलाफ बोला, लेकिन मुझसे कहा गया कि पार्टी मेरे जवाब से संतुष्ट नहीं है और मुझे निष्कासित कर दिया गया सिंह बोले। उन्होंने आगे कहा मुझसे कहा गया कि बोलिए राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनेंगे। मैंने मना किया। क्या अब आतंकवाद के खिलाफ बोलना गुनाह है?
नई पार्टी...मैं नहीं, कार्यकर्ता बना रहे हैं: सिंह
जब उनसे पूछा गया कि क्या वे नई पार्टी बना रहे हैं, उन्होंने कहा मैं नहीं बना रहा, कार्यकर्ता बना रहे हैं। आप जल्दी देखेंगे कि वह खड़ी हो जाएगी।
उन्होंने स्पष्ट किया कि यह नई पार्टी कांग्रेस जैसी विचारधारा पर आधारित होगी और जनता के सभी वर्गों को जोड़ेगी।समाजवादी पार्टी एक परिवार की पार्टी है, बहुजन समाज पार्टी एक वर्ग की पार्टी है। हमारी पार्टी सबकी बात करेगी।
बीजेपी को सत्ता से बाहर करना ही हमारा लक्ष्य: लक्ष्मण सिंह
लक्ष्मण सिंह ने कहा कि वह खुद कोई पार्टी नहीं बना रहे, बल्कि यह पहल कांग्रेस से नाराज कार्यकर्ता कर रहे हैं। उनका उद्देश्य बीजेपी को सत्ता से हटाना है, क्योंकि प्रदेश में पिछले 20 वर्षों से कोई बदलाव नहीं आया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि बनने वाली नई पार्टी कांग्रेस का समर्थन ही करेगी। जहां कांग्रेस चुनाव लड़ेगी वहां हम नहीं लड़ेगे।
कांग्रेस के कमजोर नेतृत्व ने सत्ता से 20 साल बाहर रखा
कांग्रेस की प्रदेश में कमजोर स्थिति पर कहा कि नेताओं को केवल अपनी कुर्सी से मतलब है, कार्यकर्ताओं से नहीं। यही वजह है कि कांग्रेस बीते 20 सालों से सत्ता में नहीं आ पाई। उन्होंने जीतू पटवारी के नेतृत्व पर भी टिप्पणी की प्रयास तो हो रहा है, लेकिन जनता फैसला करेगी।
हम कांग्रेस का समर्थन करेंगे, बीजेपी को हटाना उद्देश्य
लक्ष्मण सिंह ने यह स्पष्ट किया कि नई पार्टी कांग्रेस को ही सपोर्ट करेगी। उन्होंने कहा – “हम बीजेपी को हटाना चाहते हैं। जहां कांग्रेस उम्मीदवार उतारेगी, हम वहां प्रत्याशी नहीं देंगे। उन्होंने यह भी जोड़ा कि आगे की रणनीति समय आने पर तय की जाएगी।
ऐसे समझिए पूरी खबर
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कांग्रेस से निष्कासित होने के बाद लक्ष्मण सिंह ने नई पार्टी के संकेत दिए।
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एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कार्यकर्ता वैकल्पिक कांग्रेस खड़ी कर रहे हैं, मैं सहयोग कर रहा हूं।
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आरोप लगाया कि अब कांग्रेस में पैसे लेकर टिकट बांटे जा रहे हैं।
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भाजपा से दुश्मनी नहीं, लेकिन कांग्रेस में कार्यकर्ताओं की कोई सुनवाई नहीं।
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कहा – नई पार्टी कांग्रेस का समर्थन करेगी, मकसद सिर्फ बीजेपी को सत्ता से हटाना है।
लक्ष्मण सिंह कौन हैं?
लक्ष्मण सिंह मध्य प्रदेश के वरिष्ठ राजनेता हैं और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के छोटे भाई हैं। वे 5 बार सांसद और 3 बार विधायक रह चुके हैं। राज्य और केंद्र की राजनीति में उनका अनुभव गहरा है।
कांग्रेस ने पार्टी से क्यों निकाला?
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद उन्होंने राहुल गांधी, रॉबर्ट वाड्रा और उमर अब्दुल्ला पर विवादास्पद बयान दिया था। इसे अनुशासनहीनता मानते हुए पार्टी ने उन्हें कारण बताओ नोटिस भेजा। संतोषजनक जवाब न मिलने पर कांग्रेस की अनुशासन समिति ने उन्हें 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया।
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