स्मार्ट एजुकेशन: करोड़ों की योजना फेल, न ट्रेनिंग, न नेटवर्क – बेकार पड़े हैं एलईडी पैनल

मध्य प्रदेश के छत्तरपुर में सरकारी स्कूलों में 2 करोड़ की लागत से लगे स्मार्ट एलईडी बोर्ड इंटरनेट और प्रशिक्षण की कमी से बेकार पड़े हुए हैं। यहाँ स्मार्ट शिक्षा सिर्फ़ एक सपना बनकर रह गया।

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Abhilasha Saksena Chakraborty
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No use of smart LED panel board without internet
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MP News: मध्य प्रदेश में एलईडी पैनल के माध्यम से स्मार्ट शिक्षा (Smart Education) को बढ़ावा देने की योजना पर तकनीकी समस्याओं ने पानी फेर दिया है। वर्ष 2021 से 2023 के बीच छतरपुर जिले के 168 शासकीय स्कूलों में आधुनिक इंटरेक्टिव फ्लैट पैनल लगाए गए, जिनकी कीमत 1.20 लाख रुपये प्रति यूनिट थी। कुल मिलाकर 2.01 करोड़ रुपये खर्च किए गए, लेकिन इंटरनेट कनेक्शन और शिक्षक प्रशिक्षण की कमी के कारण इनका उपयोग लगभग शून्य रह गया है।

पैनल की खूबियां, लेकिन उपयोग नहीं

इन स्मार्ट एलईडी पैनलों में:

  • 65 इंच की स्क्रीन
  • i5 प्रोसेसर
  • 8 जीबी रैम
  • 256 जीबी हार्ड डिस्क
  • वीडियो, चित्र, क्विज़ और लाइव क्लास जैसे इंटरैक्टिव फीचर्स

लेकिन आज अधिकांश पैनल या तो तकनीकी खराबी से बंद पड़े हैं या इंटरनेट के अभाव में चालू नहीं हो पा रहे।

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ग्रामीण स्कूलों की स्थिति और भी बदतर

  • पहाड़गांव माध्यमिक विद्यालय: 408 छात्र, पैनल लगे लेकिन इंटरनेट नहीं
  • ढड़ारी सागर रोड स्कूल: 493 छात्र, पैनल केवल दीवार की शोभा बनकर रह गए
    इन दोनों स्कूलों में पिछले दो वर्षों से पैनल लगे हैं, लेकिन एक दिन भी सही उपयोग नहीं हो पाया।

    प्रशिक्षित स्टाफ का अभाव

    एलईडी बोर्ड के संचालन के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण नहीं मिला। कुछ शिक्षक जो जान भी गए, वे नेट न होने के कारण उत्साह नहीं दिखा रहे। तकनीकी खराबी वाले पैनलों की मरम्मत के लिए कोई सक्रिय पहल नहीं हो रही।

    योजना सफल होने से मिलते ये फ़ायदेम 

  • शिक्षक वीडियो और ग्राफिक्स से पढ़ाई रोचक बना सकते थे
  • छात्रों की भागीदारी बढ़ती
  • क्विज और अन्य इंटरैक्टिव अभ्यासों से कक्षा अधिक सक्रिय बनती
  • लेकिन यह सपना इंटरनेट और प्रशिक्षण की कमी के कारण अधूरा रह गया।

    एलईडी बोर्ड योजना की स्थिति 

    आज लगभग 60% पैनल उपयोग से बाहर हैं। 80% स्कूलों में इंटरनेट उपलब्धता नहीं है और प्रशिक्षित शिक्षक स्कूलों में 20% से भी कम हैं। ऐसे में स्मार्ट एजुकेशन का सपना प्रदेश में अधूरा ही रह गया है

    शिक्षा विभाग की प्रतिक्रिया

    जिला शिक्षा अधिकारी आरपी प्रजापति ने कहा कि इंटरनेट कनेक्शन की व्यवस्था और पैनलों की मरम्मत के लिए जल्द आदेश जारी किए जाएंगे। साथ ही, शिक्षक प्रशिक्षण पर भी कार्य योजना बनाई जा रही है।

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