एलएन मालवीय : टेंडर धोखाधड़ी मामले के आरोपी कंसल्टेंट कंपनी के मालिक के इशारे पर आरटीआई एक्टिविस्ट को अगवा कर पीटने का मामला सामने आया है। पुलिस ने घटना के बाद जख्मी एक्टिविस्ट की शिकायत पर अपराध दर्ज कर लिया है। इस प्रकरण के बाद कंसल्टेंट कंपनी के मालिक एलएन मालवीय ( LN Malviya ) की मुश्किल बढ़ सकती है। जख्मी एक्टिविस्ट ने पुलिस के सामने सीधे कंपनी के मालिक का नाम लेकर बयान दर्ज कराए हैं। हमलावर एक्टिविस्ट को मध्यप्रदेश रोड डेवलेपमेंट कॉर्पोरेशन के ऑफिस के सामने से अगवा कर ले गए और बेरहमी से पीटते हुए बीएचईएल क्षेत्र में फेंक गए थे। फिलहाल एमपी नगर पुलिस ने अज्ञात पर केस दर्ज कर गंभीर वारदात की पड़ताल शुरू कर दी है।
कंसल्टेंसी हथियाने के मामले में EOW की चल रही है जांच
राजधानी की चर्चित कंसल्टेंट कंपनी एलएन मालवीय इंफ्रा प्रोजेक्ट्स का नाम नए-नए विवादों से जुड़ रहा है। बीते महीने कंपनी के डायरेक्टर एलएन मालवीय और पीडब्लूडी-एनडीबी के चार अफसरों पर टेंडर फर्जीवाड़े के चलते ईओडब्ल्यू ने केस दर्ज किया था। इसमें पीडब्ल्यूडी-एनडीबी के अफसरों की मिलीभगत से नियमों का उल्लंघन कर कंपनी ने जबलपुर अंचल में सड़क और पुल निर्माण के ठेकों में कंसल्टेंसी हासिल की थी। यही नहीं मालवीय की कंपनी को तय राशि से दोगुनी से भी अधिक करीब 15 करोड़ रुपए का भुगतान भी किया गया था। इस मामले में ईओडब्ल्यू की जांच अभी चल रही है। इसी मामले में हाल ही में एनडीबी डायरेक्टर बीपी बौरासी की ईओडब्ल्यू को लिखी एक चिट्ठी भी सामने आई है। इस चिट्ठी में एनडीबी ने फर्जीवाड़े की जांच में ईओडब्ल्यू का सहयोग न करने की बात लिखी गई है। बताया जा रहा है कि इस चिट्ठी को एलएन मालवीय के इशारे पर ही मीडिया तक पहुंचाया गया है। जिससे ईओडब्ल्यू की जांच को प्रभावित किया जा सके। क्योंकि एक विभाग के वरिष्ठ अफसर की ईओडब्ल्यू के अधिकारी को लिखी चिट्ठी का इस तरह उजागर होना संभव नहीं है। इसमें पीडब्ल्यूडी-एनडीबी अफसरों का सहयोग देने की भी चर्चा है।
आरटीआई से क्यों मची एनएलएम इंफ्रा में खलबली
सरकारी खजाने में 15 करोड़ की सेंध लगाने के मामले की पड़ताल में ईओडब्ल्यू की गंभीरता से कंसल्टेंट कंपनी एलएन मालवीय इंफ्रा में खलबली मची हुई है। ऐसे में आरटीआई एक्टिविस्ट आकाश घोषी ने एलएन मालवीय इंफ्रा के टेंडर से संबंधित जानकारी के लिए सूचना के अधिकार के तहत आवेदन किया था। आकाश की शिकायत के अनुसार बीते सप्ताह अरेरा हिल्स स्थित एमपीआरडीसी ऑफिस गया था। वहां लोक सूचना अधिकारी संजय बर्नवाल से मुलाकात करने पर उन्होंने आरटीआई लगाने पर सवाल किया था। उन्होंने कहा था टेंडर एलएन मालवीय की कंपनी का है इसलिए जानकारी नहीं दे सकते। जैसे ही वह ऑफिस से बाहर आकर अपनी कार में बैठा तभी रास्ता रोककर एक वाहन आगे खड़ा हो गया। इस वाहन पर एलएन मालवीय के चैनल न्यूज 27 का लोगो लगा था। वाहन से उतरकर तीन युवक उनके पास आए और मारपीट शुरू कर दी। उनके साथी रोहित सिंह चंदेल और निखिल घोषी ने बाहर उतरकर मदद के लिए शोर मचाया।
हाथ-पैर बांधकर किया अपहरण, सड़क पर फेंका
एमपी नगर पुलिस थाने में दर्ज शिकायत में जख्मी आरटीआई एक्टिविस्ट ने पूरे घटनाक्रम का खुलासा किया है। उन्होंने पुलिस को बताया कि एमपीआरडीसी ऑफिस के सामने से उनका अपहरण किया गया। तीनों बदमाशों ने उनके हाथ-पैर बांधे और अपने वाहन से लेकर चले गए। आंखों पर पट्टी बंधी होने से वे रास्ता नहीं देख सके। काफी दूर ले जाकर तीनों बदमाशों ने उन्हें बेरहमी से पीटा और एलएन मालवीय इंफ्रा कंपनी से संबंधित जानकारी के लिए आरटीआई लगाने पर जान से मारने की धमकी देते रहे। बाद में बीएचईएल क्षेत्र में ले जाकर सड़क पर फेंक दिया। उन्होंने किसी तरह वहां से भागकर अपनी जान बचाई और एक ऑटो रिक्शा में बैठकर पुलिस थाने तक आए।
MPRDC से मालवीय के गुर्गों तक कैसे पहुंची खबर
आरटीआई एक्टिविस्ट आकाश घोषी ने पुलिस के सामने शंका जताई है। उन्हें अंदेशा है कि एमपीआरडीसी से ही एलएन मालवीय के गुर्गों को उनकी लोकेशन की खबर री दी गई। क्योंकि सूचना के अधिकार के आवेदन की जानकारी विभाग के लोगों के अलावा बाहर किसी को नहीं थी। जो बदमाश उन्हें अगवा करके ले गए थे वे हाथ-पैर बांधने से लेकर मारपीट करने तक बार-बार कंपनी की जानकारी सूचना के अधिकार के तहत मांगने की ही बात करर रहे थे। दोबारा ऐसा करने पर बदमाशों ने उन्हें मालवीय के इशारे पर जान से मारने की धमकी भी दी है। इसका सीधा मतलब है कि एमपीआरडीसी का ही कोई व्यक्ति एलएन मालवीय से मिला हुआ है। वह भी कंपनी और टेंडर से जुड़ी जानकारी उजागर नहीं होने देना चाहता।
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