भोपाल, संजय शर्मा. जनता को झांसा देना नेताओं के लिए पुरानी बात है, लेकिन वोटिंग बढ़ाने के नाम पर भोपाल में जिस तरह मतदाताओं को छला गया है, वह चर्चा का विषय है। दरअसल, धोखे का शिकार चुनाव आयोग के लकी ड्रॉ के विनर्स दो वोटर हैं। ये वही वोटर हैं, जिन्हें विनर के रूप में जिला प्रशासन ने डायमंड रिंग गिफ्ट की थीं, लेकिन अब सामने आया है कि दोनों रिंग में लगे डायमंड असली नहीं हैं। इन डायमंड रिंग को कीमती बताया गया था। जानकारी सामने आने के बाद अब दोनों वोटर्स खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं।
विनर्स को दीं नकली डायमंड रिंग
जिला प्रशासन ने वोटिंग बढ़ाने के लिए भोपाल में लकी ड्रॉ का ऐलान किया था। इसके पहले विजेताओं को जिला प्रशासन की ओर से 5 डायमंड रिंग, वॉशिंग मशीन और दूसरे गिफ्ट देने का इंतजाम भी किया गया। वोटिंग के दौरान 7 मई को पोलिंग बूथों पर ये ड्रॉ खोले गए।
चार विजेताओं का किया ऐलान
मतदाताओं को प्रोत्साहित करने के लिए आयोजित इस लकी ड्रॉ में योगराज साहू, प्रेमवती कुशवाहा, अयाज खान और छाया सैनी को विजेता के रूप में डायमंड रिंग उपहार के रूप में दी गईं थीं, लेकिन इन रिंग्स के बारे में जानकारी जुटाई गई तो पता चला कि उन्हें बैरागढ़ के कपड़ा व्यापारी वासुदेव वाधवानी के माध्यम से उपलब्ध कराया गया था।
कलेक्टर के निर्देश पर दीं रिंग
डायमंड रिंग जिस बॉक्स में थी, वह भी बैरागढ़ की ज्वेलरी शॉप के थे, लेकिन वहां से रिंग नहीं खरीदी गईं थीं। इन रिंग में लगे हीरों के संबंध में पूछने पर वाधवानी ने बताया कि लकी ड्रॉ के लिए कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह के निर्देश पर उन्होंने ये रिंग उपलब्ध कराई थीं। उन्होंने इनके असली हीरे की होने का दावा नहीं किया था।
...तो क्या प्रोत्साहन के लिए दिया धोखा
वोटर्स को प्रोत्साहित करने निकाले गए लकी ड्रॉ के विनर्स को गिफ्ट में नकली डायमंड रिंग थमाने पर अब सवाल खड़े हो रहे हैं। कलेक्टर के निर्देश पर हुए लकी ड्रॉ के विजेताओं को जो रिंग दी गई हैं, उनमें लगे हीरों को अमेरिकन डायमंड यानी की आर्टिफिसियल हीरे बताया जा रहा है। इन्हें बाजार में नकली हीरा भी कहा जाता है। इनकी कीमत सौ-दो सौ रुपए से शुरू हो जाती है।
प्रशासन ने कहा, उपहार की कोई कीमत नहीं होती
चुनाव आयोग के ड्रॉ के विनर्स को नकली डायमंड रिंग देने का मामला उछलने पर अब जिला प्रशासन सफाई देने में जुट गया है। वोटिंग बढ़ाने की जिम्मेदारी संभाल रहे स्वीप नोडल अधिकारी राजेश शर्मा के अनुसार, यह वोटर्स को मतदान के लिए प्रोत्साहित करने की योजना थी। जो रिंग विनर्स को दी गई हैं, वे उपहार के रूप में दी गई हैं। जिन्हें व्यापारियों ने उपलब्ध कराया था। उपहार की कोई कीमत नहीं होती। हालांकि प्रशासन ने इन डायमंड रिंग के बिल मंगाए हैं, ताकि गुणवत्ता प्रमाणित हो सके।
ठगे गए विनर भी मौन
राजधानी भोपाल में वोटिंग बढ़ाने के लिए खोले गए लकी ड्रा में नकली डायमंड रिंग देकर ठगे गए विनर अब मौन हैं। प्रशासन द्वारा रिंग को उपहार बताने के बाद वे भले ही कुछ नहीं बोल रहे, लेकिन बात शुरू होते ही बदले चेहरे के भाव सब बयान कर देते हैं। चेहरे पर आने वाले भाव उनकी चुप्पी और नाराजगी को जाहिर कर ही देते हैं। साथ ही ये सवाल भी खड़ा करते हैं की वोटिंग बढ़ाने के लिए क्या प्रशासन को इस तरह के मजाक की जरुरत थी?