रिश्वतखोरी के खिलाफ लोकायुक्त के चल रहे लगातार धरपकड़ के बाद भी इन रिश्वतखोरों के मन में कोई भी डर नजर नहीं आ रहा। हाल ही में विद्युत विभाग के जूनियर इंजीनियर के पकड़े जाने के बाद अब एक पटवारी बटवारा और सीमांकन के मामले में रिश्वत मांगते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार हुआ है।
30 हजार दो तब होगा सीमांकन
जमीन का बटवारा या सीमांकन करना वह काम है जिसके लिए पटवारी को सरकार से वेतन मिलता है पर अपनी ड्यूटी को निभाने के लिए इन्हें अपनी जेब गर्म करने की आदत पड़ चुकी है। जबलपुर जिले के अंतर्गत शाहपुरा-भिटौनी के पास ग्राम मनखेड़ी में ओमकारी बाई और पुरुषोत्तम साहू की कृषि भूमि है। इस भूमि का वह सीमांकन करना चाहते थे जिसके लिए उन्होंने शहपुरा तहसीली में आवेदन दिया। तहसील में पदस्थ पटवारी अमित दुबे ने ओमकारी बाई को बताया कि सीमांकन के साथ नक्शा बटवारा होगा और नपाई ईटीसी मशीन से की जाएगी। जिसके लिए उसने किसान और उसकी बेटी से 30 हज़ार रुपये की रिश्वत की मांग की।
कंप्यूटर की दुकान में पहुंचती थी रिश्वत की रकम
पटवारी अमित दुबे ने रिश्वत की रकम लेने के लिए बाकायदा एक साथी तय किया हुआ था जिसकी तहसील के पास ही कंप्यूटर की दुकान है। इस दुकान का मालिक सौरभ अग्रवाल पटवारी की रिश्वत की रकम कलेक्ट करता था। जब इस मामले की शिकायत पीड़ित ने लोकायुक्त विभाग से की तो उप पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त दिलीप झारवड़े के नेतृत्व में टीम गठित की गई। और किसान ने जब पटवारी अमित को अभी 20 हज़ार रुपये की व्यवस्था हो जाने के बारे में बताया तो पटवारी ने उसे कंप्यूटर की दुकान में यह पैसा सौरभ अग्रवाल को देने के लिए कहा। रिश्वत की रकम 20 हज़ार रुपये लेते हुए लोकायुक्त ने सौरभ अग्रवाल को रंगे हाथों गिरफ्तार किया और इस मामले में पटवारी अमित दुबे को मुख्य आरोपी और सौरभ अग्रवाल को सहआरोपी बनाकर कार्यवाही की गई है।
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