उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ( Rajendra Shukla ) ने माधवराव सप्रे स्मृति ई-लाइब्रेरी का आज यानी 24 जून को शुभारंभ किया है। इस संग्रहालय में पत्रकारिता और साहित्य से जुड़ी विभिन्न रचनाओं की अमूल्य धरोहर संजो के रखने का प्रयास किया गया है।
ये पत्रकारिता के स्टूडेंट्स के लिए फायदेमंद होने वाला है। आपको बता दें कि संग्रहालय में 100 से 150 वर्ष पुराने संग्रह ( Collection ) हैं।
राजेंद्र शुक्ल ने क्या कहा
माधवराव सप्रे स्मृति ई-लाइब्रेरी का शुभारंभ करने के बाद उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि पुस्तकें ज्ञान का भंडार हैं। ज्ञान अध्ययन और अनुभव से प्राप्त होता है। इसके बाद उन्होंने कहा कि स्वयं की प्रगति, समाज और देश की प्रगति के लिए चिंतन आवश्यक है।
पुस्तकों के अध्ययन से सोच का विकास होता है। एक विषय को कई नजरियों से देखने की समझ विकसित होती है। अगर हम किसी भी बड़ी हस्ती की जीवनी पर नजर डालें तो यह पता चलता है कि पुस्तकों का अध्ययन उनकी नियमित दिनचर्या में था।
1 लाख 75 हज़ार से अधिक पुस्तकें
आपको बता दें कि माधवराव सप्रे संग्रहालय द्वारा नियमित रूप से समय और मांग के आधार पर सुविधाओं को विकसित किया गया हैं।
जानकारी के मुताबिक चालीस वर्ष पहले शुरू हुए संग्रहालय में आज 1 लाख 75 हज़ार से अधिक पुस्तकें हैं। अब संग्रहालय में डिजिटल लाइब्रेरी भी संचालित है।
ई-लाइब्रेरी से छात्रों, शोधकर्ताओं को करोड़ों पुस्तकों, समाचार पत्रों और पांडुलिपियों और अन्य अध्ययन सामग्री से जोड़ा जा सकेगा।
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