BHOPAL. कानूनी बाधाओं के कारण खाली पड़े पदों पर अब तक 15 हजार से ज्यादा शिक्षकों को उच्च पद प्रभार दिया जा चुका है। वैसे तो यह काम बीते चार माह से चल रहा है, लेकिन अतिथि शिक्षकों पर स्कूल शिक्षा मंत्री के बयान से बैकफुट पर आई सरकार की साख को बचाने इसमें तेजी आ गई है। अतिथि शिक्षकों के विरोध के बीच सरकार नियमित शिक्षकों की नाराजगी नहीं झेलना चाहती। इसको देखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग उच्च पद पर प्रभार देने में टालमटोल छोड़कर संजीदा नजर आ रहा है। वहीं उच्च पद पर प्रभार से स्कूलों में खाली पदों पर अतिथि शिक्षकों को अवसर मिलना तय है। इसी को ध्यान में रखते हुए विभाग अतिथि शिक्षकों का गुस्सा शांत कराने के प्रयास में जुट गया है।
याचिकाएं विचाराधीन
प्रदेश में पदोन्नति को लेकर कई याचिकाएं न्यायालयों में विचाराधीन हैं। इसके चलते बीते कई साल से स्कूल शिक्षा विभाग में शिक्षक पदोन्नति से वंचित हैं। इस कारण हजारों की संख्या में उच्च पद खाली पड़े हैं लेकिन उनकी पूर्ति नहीं हो पा रही है। तय सेवाकाल पूरा कर चुके शिक्षक भी कई साल से पदोन्नति का इंतजार कर रहे हैं। ऐसे में सरकार ने खाली पड़े पदों को भरने और पदोन्नति की आस लगाए बैठे शिक्षकों की मांग पूरा करने उच्च पद पर प्रभार देने के निर्देश दिए हैं। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा इसके लिए ऑनलाइन काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू की गई है। अब तक इसके तहत करीब 15 हजार नियमित शिक्षकों को उच्च पद पर प्रभार सौंपा जा चुका है। वरिष्ठता के आधार पर शिक्षकों की पदस्थापना की जा सके इसके लिए उन्हें स्वयं शाला का चयन करने और फिर पोर्टल पर चॉइस फिलिंग का विकल्प भी दिया गया है।
खाली स्कूलों में मिले 13 हजार शिक्षक
प्रदेश में अब भी ऐसे स्कूलों का आंकड़ा बहुत बड़ा है जहां शिक्षक नहीं हैं। ऐसे स्कूलों में विद्यार्थी को अध्ययन से वंचित न होना पड़े इसके लिए भी स्कूल शिक्षा विभाग के प्रयास कारगर साबित होते दिख रहे हैं। पोर्टल के माध्यम से की गई ऑनलाइन काउंसलिंग के दौरान 12 हजार 900 नियमित शिक्षकों ने ऐसे स्कूलों में उच्च पद पर प्रभार संभालने का विकल्प चुना है। उनकी सहमति के बाद विभाग ने उनकी पदस्थापना के आदेश भी जारी कर दिए हैं। माना जा रहा है उच्च पद पर प्रभार देने का काम बीते अप्रेल माह से जारी है। कुछ दिन पहले तक स्कूल शिक्षा विभाग और लोक शिक्षण संचालनालय को इसमें खास दिलचस्पी नहीं थी। आवेदन के बाद भी उच्च पद पर प्रभार देने में नए पेंच अटकाए जा रहे थे। दो दिन पहले स्कूल शिक्षा मंत्री उदयप्रताप सिंह द्वारा अतिथि शिक्षकों पर दिए एक बयान ने सरकार को बैकफुट पर ला दिया है। सरकार की साख को बचाने के लिए विभाग ने शिक्षकों को साधने की कोशिश तेज कर दी है। महीनों से इंतजार कर रहे हैं शिक्षकों को जिस तेजी से प्रभार सौंपा गया है, वे खुद हैरान हैं।
अब रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षकों को मौका
उधर स्कूलों में उच्च माध्यमिक शिक्षक चयन परीक्षा के परिणाम के आधार पर भर्ती प्रक्रिया जारी है। अब तक इसके जरिए 3198 पदों पर अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन कर पात्र शिक्षकों के नियुक्ति आदेश भी जारी किए गए हैं। नियमित और अतिशेष शिक्षकों को उच्च पदों पर प्रभार, काउंसलिंग के जरिए नए स्कूलों में पदस्थापना के बाद खाली पदों की संख्या साफ हो गई है। यानी अब इन पदों पर अतिथि शिक्षकों को मौका मिलेगा। अतिथि शिक्षकों को खाली स्कूलों में नियुक्ति के लिए चॉइस फिलिंग का विकल्प भी दिया गया है। वहीं बीते जिन स्कूलों में पद रिक्त थे वहां अतिथि शिक्षक स्वयं पोर्टल के माध्यम से नियुक्ति के लिए आवेदन कर पाएंगे। पात्रता परीक्षा पास करने वाले अतिथि शिक्षकों को नियुक्ति के लिए 30 अंक, जबकि पूर्व से कार्यरत अतिथि शिक्षकों को अनुभव के लिए 10 अंक तय किए गए हैं। इनके आधार पर तैयार होने वाले स्कोर कार्ड के अनुसार अतिथि शिक्षकों को स्कूलों में नियुक्ति दी जा रही है।
मुश्किलें झेलकर पायी 51 हजार अतिथियों ने नियुक्ति
प्रदेश में शिक्षकों के हजारों पदों पर भर्ती नहीं हुई है। इस वजह से ये पद खाली हैं, वहीं सेवानिवृत्ति के कारण उच्च पद भी रिक्त हैं। ऐसे में हजारों स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने वाला कोई नहीं है। सरकार ऐसे हजारों स्कूल पहले ही बंद कर चुकी है। वहीं लगभग सभी स्कूलों में शिक्षकों की कमी को पूरा करने अतिथि शिक्षक व्यवस्था का सहारा लिया जा रहा है। इसके लिए लोक शिक्षण संचालनालय यानी डीपीआई ने GFMS पोर्टल पर ऑनलाइन व्यवस्था शुरू की है। अतिथि शिक्षकों को इस पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होता है और पूरी प्रक्रिया के बाद खाली स्कूल में उनकी नियुक्ति होती है। प्रदेश में ऐसे स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के लिए जुलाई माह में आदेश जारी किया गया था। तब से यह प्रक्रिया चल रही है लेकिन तकनीकी उलझनों के कारण 19 सितम्बर तक यह पूरी नहीं हो पाई है। हांलाकि स्कूल शिक्षा विभाग का दावा है प्रदेश में करीब 31 हजार 268 स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए पोर्टल पर दो लाख से ज्यादा आवेदन किए गए हैं। इनमें से चयन के बाद 51 हजार 558 अतिथि शिक्षकों को नियुक्ति दी गई है।
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