मध्यप्रदेश में उपचुनाव पूरे हो गए। बुदनी में बीजेपी के रमाकांत भार्गव को जीत मिली तो विजयपुर में कांग्रेस नेता मुकेश मल्होत्रा की जीत हुई। वहां मौजूदा वन मंत्री रामनिवास रावत हार गए। सूबे में यूं तो उपचुनाव का लंबा इतिहास है, लेकिन 15वीं विधानसभा यानी 2018 के बाद से उपचुनाव की बाढ़ सी आ गई है।
2020 में हुआ था सबसे बड़ा उलटफेर
मध्यप्रदेश में वर्ष 2004 से 2019 तक 30 सीटों पर उपचुनाव हुए। इनमें 19 सीटों पर बीजेपी जीती। बीजेपी ने अपनी 13 सीटें बचाईं, तो कांग्रेस की 6 सीटें छीनी। जैसे-तैसे 2018 में कांग्रेस सत्ता में आई थी, लेकिन इस बीच सबसे बड़ा उलटफेर 2020 में तब हुआ, जब ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कई विधायकों ने कांग्रेस छोड़ दी।
मार्च 2020 में सिंधिया बीजेपी में शामिल हो गए। इसके बाद 22 विधायक भी इस्तीफा देकर उनके साथ बीजेपी में आ गए। इससे कमलनाथ सरकार गिर गई। विधायकों की संख्या के मामले में कांग्रेस 114 से 92 पर आ गई। जुलाई 2020 में कांग्रेस के तीन और विधायक इस्तीफा देकर बीजेपी में चले गए। इनमें मलहरा सीट से प्रद्युम्न सिंह लोधी, नेपानगर से सुमित्रा कास्डेकर और मांधाता सीट से नारायण पटेल शामिल है। इस तरह तीन और विधायकों के चले जाने से कांग्रेस सदस्यों की संख्या 92 से 89 हो गई।
इन कारणों से बार-बार हुए उपचुनाव...
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21 दिसंबर 2019 को मुरैना जिले के जौरा से कांग्रेस विधायक बनवारी लाल शर्मा का निधन हो गया। 30 जनवरी 2020 को आगर से बीजेपी विधायक मनोहर ऊंटवाल का निधन हो गया। इस तरह कांग्रेस और बीजेपी की 1-1 सीट कम हो गई। कांग्रेस फिर 114 पर आ गई, जबकि बीजेपी विधायकों की संख्या 107 रह गई।
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15 सितंबर 2020 को राजगढ़ जिले के ब्यावरा से कांग्रेस विधायक गोवर्धन दांगी का निधन हो गया। इस तरह कांग्रेस का एक और विधायक कम हो गया। विधानसभा में कांग्रेस सदस्यों की संख्या अब 88 हो गई।
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कांग्रेस के 25 विधायकों के इस्तीफे और 3 विधायकों के निधन के बाद 3 नवंबर 2020 को एक साथ 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव कराए गए। इनमें से बीजेपी ने 19 और कांग्रेस ने 9 सीटों पर जीत हासिल की। इस तरह कांग्रेस विधायकों की संख्या बढ़कर 97, जबकि बीजेपी की 107 से बढ़कर 126 हो गई।
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25 अक्टूबर 2020 को दमोह से कांग्रेस विधायक राहुल सिंह ने भी विधायकी से इस्तीफा दे दिया। वे बीजेपी में शामिल हो गए। इससे कांग्रेस का एक और विधायक कम हो गया। कांग्रेस सदस्यों की संख्या 96 रह गई, लेकिन 17 अप्रैल 2021 को दमोह सीट पर हुए उपचुनाव में राहुल सिंह बीजेपी के टिकट पर चुनाव हार गए। कांग्रेस ने इस सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा। इस तरह कांग्रेस सदस्यों की संख्या फिर से 97 हो गई।
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अप्रैल-मई 2021 में कांग्रेस के दो और बीजेपी के एक विधायक का निधन हो गया। इनमें जोबट से कांग्रेस विधायक कलावती भूरिया, पृथ्वीपुर से कांग्रेस विधायक बृजेन्द्र सिंह राठौर और रैगांव से बीजेपी विधायक जुगल किशोर बागरी नहीं रहे। इस तरह कांग्रेस के दो विधायक और बीजेपी का एक विधायक कम हो गया। कांग्रेस के 95 और बीजेपी के विधायक 125 रह गए।
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जोबट, पृथ्वीपुर और रैगांव सीट पर विधायकों के निधन के बाद इन सीटों पर 30 अक्टूबर 2021 को एक साथ उपचुनाव हुए। इनमें से जोबट और पृथ्वीपुर सीट पर बीजेपी ने जीत हासिल की। जबकि रैगांव सीट कांग्रेस ने जीत ली। अब विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों की संख्या 96 और बीजेपी के विधायकों की संख्या 127 हो गई। जो अब तक बनी हुई है।
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इसके बाद और भी विधायकों ने इस्तीफा दिया, लेकिन उपचुनाव की नौबत नहीं आई। अब पिछले दिनों अमरवाड़ा का चुनाव हुआ। इसमें कांग्रेस से बीजेपी में आए कमलेश शाह ने जीत दर्ज की।
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