राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के साढ़े तीन सौ ( 355 ) स्कूल शुक्रवार यानी 26 जुलाई से बंद हो गए। इसी वजह सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे। दरअसल इन स्कूलों में एक भी विद्यार्थी नहीं है। इस साल भी एक भी एडमिशन नहीं हो सका।
इन स्कूलों में पिछले दो माह से एक भी एडमिशन नहीं हुआ है। इसी के साथ जीरो एडमिशन ( zero admission ) वाले स्कूलों के सभी शिक्षकों को भी हटा दिया गया है।
शिक्षकों को भेजेंगे दूसरे स्कूल
जीरो एडमिशन वाले सभी स्कूलों के शिक्षकों को दूसरे स्कूल में भेजा जा रहा है। अब इन्हें ऐसे स्कूल में भेजा जा रहा है, जहां विद्यार्थी हैं।
आपको बता दें कि ये प्रक्रिया शुक्रवार से शुरू हो चुकी है। दरअसल एक अप्रैल से शुरू हुई नामांकन प्रक्रिया के आधार पर ही इसका निर्णय लिया गया है।
दो माह से नहीं हुआ नामांकन
प्रदेश के 355 स्कूलों में दो माह में एक भी नामांकन नहीं हुआ। यहां कि कक्षाएं बिल्कुल खाली हैं। हालांकि इन स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति हैं।
ऐसे में जिला स्तर पर उन स्कूलों में इन्हें शिफ्ट करने की प्रक्रिया शुरू हो गई, जहां शिक्षकों की जरूरत है। इसी के साथ शिक्षकों को गुरुवार यानी 25 जुलाई को जिला शिक्षा विभाग भी बुलाया गया था।
यहां उन्हें स्कूलों की सूची दी गई थी। इसी के साथ स्कूल चयन का भी विकल्प रखा गया था। जिला शिक्षा विभाग पहुंचे शिक्षकों को उन स्कूलों में पदस्थ किया जा रहा है, जिनका उन्होंने चुनाव किया है। साथ ही जो शिक्षक नहीं पहुंचे पाए उन्हें विभाग अपने स्तर पर उनकी पदस्थापना करेगा।
स्टूडेंट से आने पर शुरू होगा स्कूल
स्कूल शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के तहत इन स्कूलों को स्थाई तौर पर बंद नहीं किया जा रहा है। अगर बच्चे इनमें दाखिला लेने पहुंचते हैं तो दोबारा शुरू किया जाएगा। इसके बाद ही शिक्षकों को रखा जाएगा।
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