BHOPAL. मध्य प्रदेश विधानसभा को पेपरलेस बनाने की दिशा में लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। अब विधायकों को सदन की कार्रवाई के दौरान मिलने वाले दस्तावेज, नोटिस आईपैड में आया करेंगे। ई-विधान के तहत एमपी के सभी 230 विधायकों को एप्पल के आईपैड (टैबलेट) मिलने वाले हैं। इस योजना की सभी औपचारिकताएं अब अंतिम चरण में हैं।
विधायकों को मिलेंगे एप्पल के आई पैड
दरअसल, विधायकों ने विधानसभा और विधानसभा क्षेत्र के कामकाज और डाटा की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आईपैड पर सहमति जताई है, जो तकनीकी दृष्टि से अत्याधुनिक और सुरक्षित हैं। जिस पर ए्नआईसी (National Informatics Centre) में सहमति बन गई। देश में सभी राज्यों की विधानसभाओं में सुरक्षा के मद्देनजर विधायकों को आई पैड दिए जा रहे हैं। अब एनआईसी मध्य प्रदेश विधानसभा में जल्द से जल्द ई-विधान प्रणाली को शुरू करने करने जा रही है।
मध्य प्रदेश विधानसभा ई-विधान प्रणाली में शामिल
इसके अलावा ई-विधान प्रणाली के तहत मध्य प्रदेश सहित 19 राज्यों की विधानसभाएं पहले ही जुड़ चुकी हैं। इस प्रक्रिया से कागजों पर होने वाले खर्चे में लाखों रुपए की बचत होगी, और सदस्यों को चर्चा के लिए संदर्भ सामग्री ऑनलाइन उपलब्ध हो सकेगी, जिससे कार्य की गति तेज होगी।
राशि में केंद्र और एमपी सरकार का योगदान
विधायकों को आईपैड प्रदान करने की राशि में 60 प्रतिशत केंद्र सरकार और 40 प्रतिशत मध्य प्रदेश सरकार का योगदान होगा। इससे पहले, ई-ऑफिस प्रारंभ करने के लिए बजट का प्रावधान मार्च 2023 में किया गया था, जिसका उद्देश्य विधायकों और विधानसभा के कामकाज को ज्यादा पारदर्शी और डिजिटल बनाना है।
विधानसभा अध्यक्ष की अध्यक्षता में हुई बैठक
जानकारी के अनुसार विधानसभा के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर की अध्यक्षता में बैठक हो चुकी है। विधानसभा में नेवा हाउस कमेटी की इस बैठक में उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, बाला बच्चन, अजय विश्नोई, रीति पाठक, सुरेश राजे, नितेन्द्र बृजेन्द्र सिंह राठौर, गौरव सिंह पारधी और विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह, अपर मुख्य सचिव, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग संजय दुबे शामिल हुए थे।
कागजों पर होने वाले खर्चे में होगी बचत
विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने कहा है कि मध्य प्रदेश के सभी विधायकों को जल्द ही आईपैड प्रदान किए जाएंगे। इस आई पैड वितरण की प्रक्रिया एनआईसी (राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र) के सहयोग से पूरी की जाएगी। यह कदम ई-विधान प्रणाली के हिस्से के रूप में उठाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य देश की सभी विधानसभाओं को एक इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफार्म पर लाकर एक-दूसरे के नवाचारों और विचारों का आदान-प्रदान करना है। इस सिस्टम के लागू होने से विधानसभा कार्यों के लिए कागजों पर होने वाले खर्चे में करोड़ों रुपए की बचत होगी, क्योंकि अधिकांश कार्य ऑनलाइन और डिजिटल तरीके से किए जा सकेंगे। साथ ही विधायकों को एक क्लिक पर संदर्भ सामग्री ऑनलाइन उपलब्ध होगी।
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