विपक्ष के विधायकों ने कर्ज पर मांगा जवाब, सत्ता पक्ष ने गिनाई योजनाएं

मध्य प्रदेश विधानसभा में अनुपूरक बजट पर लंबी चर्चा हुई। बजट अनुमान पर चर्चा के दौरान कई बार दोनों पक्षों में तीखी बहस भी हुई। बजट पर चर्चा के लिए चार घंटे का समय तय किया गया था, लेकिन यह समय भी कम पड़ गया।

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Sanjay Sharma
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BHOPAL.  मध्य प्रदेश विधानसभा में लाए गए 22 हजार 460 करोड़ रुपए के अनुपूरक बजट अनुमान पर बुधवार को लंबी चर्चा हुई। सत्ता पक्ष के विधायकों ने जहां अनुपूरक बजट को रुके कामों को आगे बढ़ाने में सहायक बताया है। वहीं विपक्ष ने इसे बीजेपी सरकार की कर्ज बढ़ाने की तैयारी बताते हुए हंगामा भी किया। बजट अनुमान पर चर्चा के दौरान कई बार दोनों पक्षों में तीखी बहस भी हुई। बजट पर चर्चा के लिए चार घंटे का समय तय किया गया था, लेकिन यह समय भी कम पड़ गया। देर शाम चर्चा के दौरान सदन को स्थगित कर दिया गया। अब गुरुवार को कार्यवाही आगे बढे़गी।

प्रश्नकाल के बाद अनुपूरक बजट पर चर्चा

शीतकालीन सत्र के दौरान मध्य प्रदेश विधानसभा में सरकार ने मंगलवार को अनुपूरक बजट अनुमान पेश किया था। बुधवार को इसी पर चर्चा हो रही थी। विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने इस पर चर्चा के लिए 4 घंटे का समय निर्धारित किया था। दोपहर में प्रश्नकाल के बाद अनुपूरक बजट पर चर्चा शुरू हुई। सबसे पहले कांग्रेस की ओर से उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने विपक्ष की बात रखी। होशंगाबाद से बीजेपी विधायक सीताशरण शर्मा ने बजट के प्रावधानों का स्वागत किया। उन्होंने कहा अब सभी रेलवे क्रॉसिंग रेलवे ओवर ब्रिज से कवर होंगी। उन्होंने विभिन्न विभागों द्वारा बीते एक साल में किए विकास कार्यों की सराहना की। कांग्रेस विधायक ओमकार मरकाम ने आदिवासी अंचल में काम नहीं होने पर सवाल उठाए।

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यह बजट जनहित विरोधी... 

कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक लखन घनघोरिया ने जबलपुर में ओवरब्रिज की राह में रोड़ा अटकाने की बात रखते हुए बजट को जनहित विरोधी कहा। उन्होंने कहा 22हजार 460 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट लाया गया है। यानी अब राज्य पर पौने चार लाख करोड़ का कर्ज हो गया है। सरकार ने 11 महीनों में इतना कर्ज लिया है कि हर व्यक्ति पर 65 हजार से ज्यादा का कर्ज है।

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अनुपूरक बजट या कर्ज पर चर्चा

विधायक लखन घनघोरिया ने कहा ये अनुपूरक बजट नहीं बल्कि कर्ज पर चर्चा हो रही है। केंद्र से राज्य के हिस्से के 37 हजार 652 करोड़ रुपए मिलने थे लेकिन केवल 16194 करोड़ ही दिए हैं। हम अपने हिस्से की राशि ही  केंद्र से ले नहीं पा रहे। यदि ये राशि ही पूरी मिल जाती तो सरकार काफी कर्ज चुका सकती थी। 47 विभागों की 73 योजनाओं के तहत होने वाले कामों पर रोक लगा दी गई है। संकल्प पत्र में महाकौशल बोर्ड का वादा किया था लेकिन प्रावधान करना ही भूल गए।

बीएमसी और जिला अस्पताल का मर्जर रोकें

बीजेपी विधायक शैलेंद्र जैन ने अनुपूरक बजट का स्वागत किया। उन्होंने सरकार का समर्थन करते हुए कहा एक साल में बेमिसाल काम हुए हैं। बुंदेलखंड में स्वास्थ्य सेवाओं की ओर भी विधायक ने ध्यान आकर्षित कराया। जैन ने बुंदेलखंड का इकलौता मेडिकल कॉलेज सागर में है, जो अब भी जिला अस्पताल की तरह काम कर रहा है। यहां सुपर स्पेशलिटी की सुविधा नहीं है। प्रदेश में सबसे ज्यादा कैंसर रोगी बुंदेलखंड से सामने आते हैं, ऐसे में इस अंचल को कैंसर अस्पताल की बहुत जरूरत है। उन्होंने कहा मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पतालों का मर्जर के प्रावधान को अब रोक दिया गया है, वहीं सागर के बीएमसी और जिला अस्पताल के मर्जर को कैबिनेट मंजूरी दे चुका है। विधायक जैन सरकार से इस मर्जर को निरस्त करने की मांग की।

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बजट पर ये विधायक भी बोले... 

कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा, आरिफ मसूद, फुंदेलाल मार्को, फूलसिंह बरैया, सोहन वाल्मीकि ने अनुपूरक बजट अनुमान पर विरोध दर्ज कराया जबकि बीजेपी विधायक ओमप्रकाश सखलेचा, गौरव पारधी, गायत्री राजे व अन्य ने बजट अनुमान को जनकल्याणकारी बताते हुए समर्थन किया।

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