केंद्र और राज्य सरकार के बीच बेहतर सामंजस्य और संवाद बना रहे इसके लिए हर राज्य अनुभवी अफसरों को ये जिम्मेदारी सौंपता है। सामान्य भाषा में इसे अपने प्रदेश की तरफ से केंद्र के साथ लाइजनिंग करना कहा जाता है, ताकि अपने स्टेट का पक्ष ठीक तरीके से रखा जा सके। इसीलिए दिल्ली स्थित मध्यप्रदेश भवन के माध्यम से एमपी के अफसर भी यह काम करते आ रहे हैं। इसके लिए IAS, IPS और IFS अफसरों को ये जिम्मेदारी सौंपी जाती है। मगर ज्यादा काम का हवाला देकर अब यह काम दिल्ली में पदस्थ तृतीय श्रेणी के अधिकारी करेंगे। है न कमाल! ऊपर से गजब ये कि मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग जैन की पत्नी नमिता जैन (मध्य प्रदेश भवन में OSD के रूप में कार्यरत) को इस काम से राहत भी दी गई है। तो चलिए MP के गजब प्रशासन के इस एपिसोड को समझते हैं।
पहले समझें क्या है दिल्ली का मध्यप्रदेश भवन
दरअसल मध्यप्रदेश भवन, दिल्ली में राज्य सरकार का एक विशेष कार्यालय और अतिथि गृह है। इसका मुख्य काम प्रदेश को मिलने वाले फंड और योजनाओं का पैसा मिलने में आने वाली रुकावटों को दूर करवाना है। जिससे केंद्र सरकार की योजनाओं के तहत मिलने वाला फंड नियमित रूप से आ सके। केंद्र के विभिन्न विभागों में अटकी फाइलों को क्लियर करवाने जैसे बेहद जरूरी काम इसके तहत आते हैं। यानी प्रदेश सरकार को केंद्र से मिलने वाली आर्थिक मदद को सुनिश्चित करवाने में इस टीम का सबसे बड़ा योगदान होता है। मध्यप्रदेश में निवेश बढ़ाने के लिए संभावित निवेशकों से संपर्क करने की जिम्मेदारी भी यह अफसर निभाते हैं। दरअसल यह विभाग, मध्यप्रदेश और दिल्ली के बीच सेतु का कार्य करता है।
नवंबर में IAS, IPS और IFS को थी जिम्मेदारी
तो जाहिर है कि मध्यप्रदेश भवन में बेहद महत्वपूर्ण काम होते हैं। इसके लिए जिन अफसरों को अंतिम बार जिम्मेवारी सौंपी गई थी, एक बार उन पर नजर डालते हैं। इसका आदेश आवासीय आयुक्त और IAS अनिरुद्ध मुकर्जी ने इसी साल 4 नवंबर 2024 को जारी किया था।
1- IAS अभिनव मुकर्जी, आवासीय आयुक्त
समन्वय: पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, वित्त मंत्रालय।
2- IAS रश्मि अरुण शमी, विशेष आवासीय आयुक्त
समन्वय: नागर विमानन मंत्रालय, खाद्य मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय।
3- IPS ए. साई मनोहर, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक
समन्वय: रेल मंत्रालय, गृह मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय।
4- IFS बिंदु शर्मा, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक
समन्वय: ग्रामीण विकास मंत्रालय, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय।
5- IFS प्रकाश उन्हाले, अपर आवासीय आयुक्त
समन्वय: जल शक्ति मंत्रालय, आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय।
6- IPS सचिन शर्मा, संयुक्त आवासीय आयुक्त
समन्वय: रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, विधि एवं न्याय मंत्रालय,
7- रीता हलदार, महाप्रबंधक, मध्यप्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड
समन्वय: नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, विद्युत मंत्रालय। इसके अतिरिक्त, अन्य मंत्रालयों का समन्वय निर्मल गुलाटी, रेखा बाग, श्याम सरावगी, श्रीमती ज्योत्सना रूही को सौंपा गया था।
देखें नवंबर 2024 का आदेश, जिसमें IAS, IPS और IFS को लाइजनिंग की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
और एक महीने बाद ही जिम्मेदारियां सीधे निचले दर्जे के अधिकारियों को
IAS, IPS और IFS अफसरों की जिम्मेदारी का यह आदेश एक महीने बाद ही 10 दिसंबर को पलटते हुए सभी महत्तवपूर्ण जिम्मेदारियां निचले स्तर के अधिकारी- कर्मचारियों को सौंप दी गईं। जाहिर है, IAS, IPS और IFS अफसरों की तुलना में ये लोग किस तरह से केंद्र में पदस्थ सीनियर अफसरों से कॉर्डिनेट कर सकेंगे? न तो ऐसे अफसरों का अनुभव काम आएगा और ना ही सीनियरिटी। ऐसे में मध्यप्रदेश के हित में क्या लाइजनिंग हो सकेगी, समझा जा सकता है।
देखें नया आदेश, जिसमें छोटे कर्मचारियों के हवाले इतनी बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है।
चीफ सेक्रेटरी की पत्नी को नहीं दी जिम्मेदारी
अब इसके साथ ही मजे की बात यह है कि मध्य प्रदेश भवन में ही कार्यरत प्रदेश के मुखिया यानी चीफ सेक्रेटरी अनुराग जैन की पत्नी नमिता जैन को इस जिम्मेदारी से मुक्त रखा गया है। बता दें कि नमिता जैन प्रदेश भवन में OSD के रूप में कार्यरत हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि उनको किस आधार पर इस जिम्मेदारी से मुक्त रखा गया है।
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