/sootr/media/media_files/2025/07/01/bjp-adhyaksh-2025-07-01-16-27-52.jpg)
बैतूल विधायक हेमंत खंडेलवाल को मध्यप्रदेश भाजपा का निर्विरोध नया अध्यक्ष चुना गया है। हालांकि इसका आधिकारिक ऐलान अभी होना बाकी है। नामांकन प्रक्रिया के दौरान प्रदेश संगठन मंत्री हितानंद शर्मा ने सीएम डॉ. मोहन यादव को इशारा किया। इसके बाद सीएम डॉ.मोहन यादव ने खंडेलवाल को मंच पर ले गए।
हेमंत खंडेलवाल मंत्री वीरेंद्र खटीक और गोपाल भार्गव के बीच बैठे थे। मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव उन्हें लेकर चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, निर्वाचन अधिकारी विवेक शेजवलकर और पर्यवेक्षक सरोज पांडे के सामने नामांकन दाखिल करने के लिए पहुंचे। इस दौरान मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और मध्यप्रदेश के सीएम डॉ.मोहन यादव प्रस्तावक बने।
इतना ही नहीं, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने खंडेलवाल के नाम का समर्थन किया है। केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र खटीक, ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रहलाद पटेल के साथ ही अध्यक्ष की रेस की चर्चा में शामिल केंद्रीय मंत्री सावित्री ठाकुर भी प्रस्तावक-समर्थकों की सूची में शामिल रहीं।
बुधवार की सुबह बड़ी बैठक
बुधवार सुबह साढ़े 10 बजे भाजपा संगठन की अहम बैठक बुलाई गई है। ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि इसी बैठक में या फिर इसके तुरंत बाद खंडेलवाल के निर्विरोध निर्वाचन की औपचारिक घोषणा होगी।
ये कद्दावपर नेता पहुंचे थे बीजेपी ऑफिस
इससे पहले प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव और घोषणा के लिए प्रदेश के मंत्री प्रहलाद पटेल, डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा, डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल, राकेश सिंह और विधायक-सांसद बीजेपी कार्यालय पहुंचे।
/filters:format(webp)/sootr/media/media_files/2025/07/01/vd-and-pradhan-2025-07-01-17-24-51.jpg)
कौन हैं हेमंत खंडेलवाल?
2 सितंबर 1964 को उत्तरप्रदेश के मथुरा में जन्मे हेमंत खंडेलवाल (Hemant Khandelwal) की आरएसएस से जुड़े खंडेलवाल की पार्टी संगठन में मजबूत पकड़ मानी जाती है। हेमंत खंडेलवाल बैतूल से दूसरी बार विधायक हैं और इससे पहले वे बैतूल से सांसद भी रह चुके हैं। उनके पिता विजय कुमार खंडेलवाल भी तीन बार बैतूल से सांसद रहे हैं, जिससे उनका राजनीतिक कद और भी मजबूत हो गया है। हेमंत खंडेलवाल की छवि एक निष्ठावान और सच्चे पार्टी कार्यकर्ता की है। वे B.Com और LLB डिग्रीधारी हैं और व्यवसायी भी हैं।
अब तक का राजनीतिक सफर
-
2007 से 2008 तक वे लोक सभा के सदस्य रहे।
-
2010 से 2013 तक उन्होंने बैतूल जिले में भाजपा के जिलाध्यक्ष के रूप में कार्य किया।
-
2013 में वे पहली बार चौदहवीं विधान सभा के सदस्य चुने गए और विधान सभा की सदस्य सुविधा समिति के सभापति रहे।
-
2014 से 2018 तक वे भाजपा के प्रदेश कोषाध्यक्ष रहे और माननीय श्री कुशाभाउ ठाकरे ट्रस्ट के अध्यक्ष के पद पर भी कार्य किया।
-
2023 में वे दूसरी बार विधान सभा के सदस्य निर्वाचित हुए।
शिव-मोहन और सुरेश सोनी के खास हैं खंडेलवाल
प्रदेश की राजनीति में हेमंत खंडेलवाल को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी सुरेश सोनी का करीबी सहयोगी माना जाता है। डॉ. मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाने में भी सुरेश सोनी की राय अहम भूमिका में थी। दिल्ली में सोनी और यादव दोनों ने मिलकर हेमंत खंडेलवाल के नाम के लिए जोरदार पैरवी की थी।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनके परिवार के साथ भी खंडेलवाल के व्यक्तिगत रिश्ते बहुत अच्छे हैं। शिवराज चौहान भी उनके नाम पर सहमत हैं। मुख्यमंत्री रहते हुए, खंडेलवाल ने बैतूल में कृषि क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण क्लस्टर स्थापित किया था, जहां चौहान के बेटे कार्तिकेय की मिल्क प्रोडक्शन फैक्ट्री भी स्थित है। संघ के सुरेश सोनी और मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भाजपा नेतृत्व को यह भरोसा दिलाया है कि खंडेलवाल के नेतृत्व में सरकार और संगठन के बीच तालमेल सुदृढ़ रहेगा।
कमलनाथ सरकार के पतन में हेमंत खंडेलवाल की भूमिका
2020 में जब कांग्रेस की कमलनाथ सरकार संकट में आई, तब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया। उनके साथ कुल 22 विधायक भी कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे। इस राजनीतिक हलचल के बीच, कांग्रेस की तरफ से तुलसी सिलावट और बीजेपी की तरफ से हेमंत खंडेलवाल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस दौरान यह खबर आई थी कि कई विधायकों को बेंगलुरु के एक रिसॉर्ट में रुकवाने का इंतजाम किया गया था, और हेमंत खंडेलवाल ने उन विधायकों की देख-रेख की जिम्मेदारी ली थी।
इन 22 कांग्रेस विधायकों ने दिया था इस्तीफा
1- प्रदुम्न सिंह तोमर
2- रघुराज कंसाना
3- कमलेश जाटव
4- रक्षा संत्राव, भांडेर
5- जजपाल सिंह जज्जी
6- इमरती देवी
7- प्रभुराम चौधरी
8- तुलसी सिलावट
9- सुरेश धाकड़
10- महेंद्र सिंह सिसोदिया
11- ओपी एस भदौरिया
12- रणवीर जाटव
13- गिरराज दंडोतिया
14- जसवंत जाटव
15- गोविंद राजपूत
16- हरदीप डंग
17- मुन्ना लाल गोयल
18- ब्रिजेंद्र यादव
19- मोहन सिंह राठौड़
20-बिसाहू लाल सिंह
21-ऐदल सिंह कसाना
22- मनोज चौधरी
हेमंत खंडेलवाल के लिए आगे का रास्ता
हेमंत खंडेलवाल को प्रदेश अध्यक्ष के रूप में चुना जाना बीजेपी के संगठन के लिए एक मजबूत कदम साबित होगा। उनके नेतृत्व में, पार्टी के सामने विधानसभा चुनाव के लिए एक नया मोर्चा तैयार होगा।
ये भी नेता थे दौड़ में
हेमंत खंडेलवाल के अलावा, प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में बैतूल के सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री दुर्गादास उइके, गजेंद्र पटेल, सुमेर सिंह सोलंकी और हिमाद्री सिंह का भी नाम चर्चा में था। हालांकि, हेमंत खंडेलवाल के नाम पर सर्वसम्मति बनी।
खंडेलवाल के साथ अन्य नामों पर विचार हुआ था, लेकिन आदिवासी चेहरे और महिला उम्मीदवार के रूप में कुछ नामों पर विचार किया गया था। इनमें केंद्रीय राज्य मंत्री दुर्गादास उइके और सांसद लता वानखेड़े का नाम प्रमुख था।
वीडी शर्मा का कार्यकाल समाप्त
वीडी शर्मा का कार्यकाल विधानसभा चुनाव 2023 के समय ही समाप्त हो गया था। पार्टी ने उनके कार्यकाल को चुनाव तक बढ़ाया था। इसके बाद उन्हें लोकसभा चुनाव तक एक्शटेंशन मिला और अभी तक वे ही अध्यक्ष पद संभाल रहे हैं। हालांकि उन्हें दोबारा मौका मिलने की चर्चा भी चल रही थी।
अब तक 2 बार हो चुके हैं चुनाव
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के लिए अब तक दो बार चुनाव हो चुके हैं। पहला चुनाव 1990 में हुआ था, जब लखीराम अग्रवाल के खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी खड़े हुए थे। इसके बाद 2000 में विक्रम वर्मा और शिवराज सिंह चौहान के बीच चुनाव हुआ था, जिसमें विक्रम वर्मा ने शिवराज सिंह चौहान को हराया था।
वीडी शर्मा के छाप के साथ कदम रखना है मुश्किल
बीजेपी में 'शुभंकर' के नाम से मशहूर वीडी शर्मा का कार्यकाल मध्य प्रदेश की राजनीति में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर बन चुका है। जब वह 2020 में प्रदेश अध्यक्ष बने, तो शायद ही किसी ने सोचा होगा कि उनका कार्यकाल न सिर्फ पार्टी के संविधान के तीन साल से आगे बढ़ेगा, बल्कि वह प्रदेश की राजनीति में एक मजबूत छाप छोड़ेंगे। उनकी अध्यक्षता में बीजेपी ने 29 लोकसभा सीटों पर विजय प्राप्त की, जो पार्टी की संगठनात्मक मजबूती का प्रतीक बनी।
वीडी शर्मा का कार्यकाल संगठन के दृष्टिकोण से भी उल्लेखनीय रहा। उनके नेतृत्व में बीजेपी ने ना केवल चुनावी जीत हासिल की, बल्कि पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं में एक नई ऊर्जा का संचार भी किया। राजनीतिक अनुभव में कम होते हुए भी वीडी शर्मा ने अपनी नीतियों और रणनीतियों के जरिए बीजेपी को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
अब जब पार्टी की कमान हेमंत खंडेलवाल को सौंपी जा रही है, तो यह देखना दिलचस्प होगा कि वह वीडी शर्मा के इस सफल कार्यकाल को किस दिशा में ले जाते हैं। वीडी शर्मा की लीगेसी को बनाए रखना खंडेलवाल के लिए एक बड़ी चुनौती हो सकती है, क्योंकि पार्टी में उनकी सफलता का स्तर और पार्टी की उम्मीदें अब आसमान छू रही हैं। MP News
thesootr links
- मध्य प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- राजस्थान की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक
- जॉब्स और एजुकेशन की खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें
- निशुल्क वैवाहिक विज्ञापन और क्लासिफाइड देखने के लिए क्लिक करें
अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬👩👦👨👩👧👧👩