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भोपाल के साइंस हाउस मेडिकल प्राइवेट लिमिटेड को लेकर चर्चा जारी है। 2 सितंबर को आयकर विभाग ने यहां छापा मारा था। इस बीच अब साइंस समूह के डायरेक्टर शैलेंद्र तिवारी के पास से एक करोड़ रुपए की नकदी मिली है। वहीं, इनके पास से 900 ग्राम की ज्वैलरी भी मिली है। इसे सीज कर लिया गया है। साथ ही, आयकर विभाग ने साइंस हाउस, डिसेंट मेडिकल्स और उनके सहयोगी समूहों के बीच हवाला कनेक्शन का खुलासा किया है।
बता दें कि, साइंस हाउस में आयकर विभाग की कार्रवाई चार दिनों तक चली। साइंस हाउस और इसके सहयोगियों की ओर से बोगस बिलिंग के जरिए बड़े पैमाने पर धांधली की जा रही थी। साथ ही, साइंस हाउस पर टैक्स चोरी का भी आरोप लगा है।
250 करोड़ रुपए से ज्यादा की टैक्स चोरी
यह जांच मंगलवार (2 सितंबर) सुबह शुरू हुई थी और शनिवार सुबह तक जारी रही। जांच दल के कई अधिकारी आज सुबह सात बजे अपने घरों और दफ्तरों को लौटे। इस जांच में कई बातें सामने आईं। साइंस हाउस के संचालक जितेंद्र तिवारी, उनके भाई शैलेंद्र तिवारी और इस समूह से जुड़े राजेश गुप्ता के अलावा डिसेंट मेडिकल्स एमआर-5 कालोनी इंदौर समेत अन्य सहयोगियों के यहां से 250 करोड़ रुपए से ज्यादा की टैक्स चोरी और बोगस बिलिंग के दस्तावेज जब्त किए गए हैं।
जांच में यह भी सामने आया कि सबसे ज्यादा गड़बड़ी बोगस बिलिंग के जरिए से की गई थी। इसमें सामान एक राज्य या देश से मंगाकर मध्य प्रदेश में आपूर्ति की जाती थी। बोगस बिलिंग के दस्तावेजों का जखीरा मिलने के बाद अब जांच अधिकारियों की ओर से मामलों में बयान दर्ज करने का काम किया जाएगा।
भोपाल साइंस हाउस वाली खबर पर एक नजर
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अब आगे क्या होगा
पड़ताल के दौरान यह सामने आया है कि साइंस हाउस और इसके सहयोगी समूहों के सदस्य हवाला कारोबार में अवैध रूप से कमाए गए पैसे लगा रहे थे। हवाला कनेक्शन का पता चलते ही आयकर विभाग ने अब इस मामले की अलग से जांच करने की योजना बनाई है, ताकि पूरे नेटवर्क का खुलासा किया जा सके।
आयकर विभाग की टीम को चार करोड़ रुपए की नकदी और ज्वैलरी बरामद हुई है। इसके अलावा साइंस हाउस के निदेशक शैलेंद्र तिवारी के पास से 900 ग्राम सोना सीज किया गया है। शैलेंद्र तिवारी के घर से एक करोड़ रुपए की नकदी भी मिली है। इसके साथ ही राजेश गुप्ता के बारे में यह जानकारी भी सामने आई है कि उसने युगांडा में भी एक संस्था खोल रखी थी और वहां कारोबार कर रहा था।
बड़े नेता नेटवर्क रूट का खुलासा
साइंस हाउस के मालिक जितेंद्र तिवारी का चीन और अन्य देशों से भी कनेक्शन सामने आया है। वह स्वास्थ्य उपकरणों की आपूर्ति करने और सस्ती सामग्री को महंगे दामों पर बेचने के लिए एक खास रूट सिस्टम का इस्तेमाल करता था। इस प्रणाली में पहले सामान को एक देश से दूसरे देश भेजा जाता और फिर उसे भारत में मंगाकर सप्लाई किया जाता था।
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आयकर विभाग का छापा | आयकर विभाग की रेड | एक्शन में आयकर विभाग