BHOPAL. एमपी के सीएम मोहन यादव ( CM Mohan Yadav ), पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ( Shivraj Singh Chauhan ) की सरकार के एक और फैसले को पलटने जा रही रही है। दरअसल, शिवराज सरकार के कार्यकाल में दो साल पहले राजधानी परियोजना प्रशासन ( सीपीए ) को 3 मार्च 2022 को बंद करने का फैसला किया गया था और उसके कामों को लोक निर्माण विभाग, नगर निगम और वन विभाग के सुपुर्द कर दिया गया था। अब मोहन सरकार सीपीए ( CPA ) को फिर अस्तित्व में लाकर नए सिरे से इसका पुनर्गठन करने की तैयारी में है। इसी को लेकर मुख्य सचिव ने संबंधित विभागों के अफसरों की बैठक भी बुलाई है। इस मामले में नगरीय विकास और आवास विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई का कहना है कि मुख्य सचिव वीरा राणा ने सीपीए को लेकर बैठक बुलाई है। इसमें सीपीए की समीक्षा का विषय रखा गया है। सीपीए के विघटन और पुनर्जीवन को लेकर इसके विषय में कोई बात नहीं कही गई है। गौरतलब है कि इसके पहले सीएम डॉ यादव पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के अवैध कॉलोनियों को वैध करने के फैसले को पलट चुके है। यादव ने कहा है कि कोई भी अवैध कॉलोनी वैध नहीं की जाएगी। नई अवैध कॉलोनी बनने नहीं दी जाएगी।
मंत्री कृष्णा गौर ने लिखी है सीएम को चिट्ठी
प्रदेश की पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री कृष्णा गौर ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को पत्र लिखकर सीपीए को पुनर्जीवित करने की मांग की है। गौर ने कहा है कि सीपीए के पुनर्जीवित होने से राजधानी के बाग बगीचों और फारेस्ट एरिया का अच्छे से विकास हो सकेगा। बताया जाता है कि सीएम यादव ने इसके बाद इस सीएम मानिट में डाला है और इस पर निर्णय करने के लिए कहा है। इसके बाद ही सीएस वीरा राणा ने मीटिंग बुलाई है।
पहले भी मोहन पटल चुके हैं शिवराज के फैसले को
मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव पहले भी पूर्व सीएम शिवराज के दो योजनाओं के नाम बदल चुके हैं। आपको बताते चले कि
उज्जैन के रीजनल इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री ने सीएम एयर एंबुलेंस का नाम बदलकर 'पीएम एयर एंबुलेंस' करने के निर्देश जारी कर थे। इसके बाद अब मध्य प्रदेश में सरकार द्वारा संचालित होने वाली एयर एंबुलेंस को पीएम एयर एंबुलेंस के नाम से जाना जा रहा है। इसी तरह मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने मुख्यमंत्री सोलर किसान मित्र योजना का हाल ही में नाम बदलकर पीएम सोलर किसान मित्र योजना रख दिया है। इस योजना के जरिए रियायती दरों पर किसानों को सोलर ऊर्जा पहुंचाई जा रही है।
अभी यह है सीपीए की स्थिति
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस के कार्यकाल में बंद किए गए सीपीए का फिलहाल लोक निर्माण विभाग के एक डिवीजन के रूप में उपयोग हो रहा है। सीपीए द्वारा बनाई जाने वाली सड़कों और भवनों को लोक निर्माण विभाग तथा नगर निगम भोपाल के बीच बांट दिया गया है और सीपीए द्वारा विकसित फारेस्ट एरिया को वन विभाग के सुपुर्द कर दिया गया है। शहर के और मोहल्लों के बाग बगीचे नगर निगम को हैंडओवर हैं।
ये है CPA का काम
शहर को व्यवस्थित तरीके से डेवलप करने के लिए साल 1960 में आवास एवं पर्यावरण विभाग के अंतर्गत CPA का गठन किया गया था। इसका काम भोपाल शहर की सड़कों को बनाना और उनका मेंटेनेंस करना था। इसके अलावा, उसके जिम्मे पर उद्यान, बिल्डिंग निर्माण, पुल-पुलियाएं बनाने आदि के काम भी आ गए। इस विभाग की नए शहर को खूबसूरती देने में बड़ी भूमिका रही है। नए मंत्रालय एनेक्सी बनाने से लेकर VIP रोड जैसे कई बड़े काम उसने ही किए हैं।
CPA ने कराया है भोपाल के प्रमुख भवन का निर्माण
भारत भवन, शौर्य स्मारक, ट्राइबल म्यूजियम, मानव संग्रहालय, टीटी नगर स्टेडियम, सतपुड़ा, विध्यांचल आदि इमारतें भी CPA ने बनाई है। वहीं 92.5 किमी सड़कें हैं। भोपाल में करीब 130 एकड़ में फैले एकांत, प्रियदर्शनी, चिनार, मयूर व तरुण पुष्कर समेत 7 बड़े पार्कों की देखरेख का काम वन विभाग को और मंत्रालय, सतपुड़ा, विंध्याचल व विधानसभा भवनों के रखरखाव का काम भी राजधानी परियोजना के पास था।