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Indore.अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव और मप्र कांग्रेस के सह प्रभारी संजय दत्त ने पांच और 6 दिसंबर दो दिन तक कांग्रेस के संगठन को लेकर बैठक ली। बैठक के पहले दिन ही कार्यकर्ताओं में जूतमपैजार हो गई, मामला थाने तक पहुंच गया। वहीं सालों से इंदौर शहर कांग्रेस कमेटी नहीं बनी, ब्लाक, सेक्टर, वार्ड अध्यक्ष के भी अते-पते नहीं। इन सभी पर हुए सवालों को दत्त ने घुमाकर जवाब दिए औऱ कन्नी काट गए। बैठक में सहप्रभारी सोमिल नाहटा, जिला प्रभारी अवनीश भार्गव, सह प्रभारी गजेंद्र सिसौदिया, तरूण बाहेती के साथ ही शहराध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्ढा और जिलाध्यक्ष सदाशिव यादव मौजूद थे।
कमेटी नहीं बनने पर बोले दत्त चड्ढा जी को पूरे अधिकार
दत्त से जब पूछा गया कि क्या शहराध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्ढा को पॉवर नहीं दिए गए हैं कि वह अपनी कमेटी बना सकें। इसके पहले के शहराध्यक्ष ने भी कमेटी नहीं बनाई। सालों से कमेटी नहीं बनी है। इस पर दत्त ने हंसी मजाक करते हुए कहा कि क्यों चड्ढा जी क्या आपको पॉवर नहीं मिले हैं, फिर दत्त ने कहा कि उनकी पॉवर देखिए वह शहराध्यक्ष और सदाशिव यादव जी जिलाध्यक्ष की कुर्सी पर बैठे हैं और मैं अलग कुर्सी पर। लेकिन मूल सवाल को दत्त टाल गए।
बैठक में विवाद, गुटबाजी, जूतमपैजार को टाल गए
वहीं बैठक में निगम के नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे और उनके समर्थकों पर लगे मारपीट के आरोप और विवाद पर द्त्त ने कन्नी काट ली और इसी तरह गुटबाजी को लेकर भी सवाल को टाल गए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस संगठन पर लगातार ध्यान दे रही है, परिवार की बात है, विवाद जैसी कोई बात कहीं पर नहीं है सब एकजुट है। वहीं निचले स्तर पर संगठन में नियुक्ति नहीं होने पर कहा कि सभी जगह सभ नियुक्त है, लेकिन हम इसकी सूची तो जारी नहीं कर सकते हैं। जब प्रदेश कार्यकारिणी बनी तो सूची जारी हुई थी।
यह भी बोले दत्त, लोग बीजेपी से परेशान
दत्त ने कहा कि लोग बीजेपी से परेशान है। विजयपुर उपचुनाव नतीजा इसका उदाहरण है। कांग्रेस के प्रदर्शन में भीड़ आ रही है। ईवीएम की विश्वसनीयता संदिग्ध है। कांग्रेस तेजी से जनाधार बढ़ाएगी। कांग्रेस ने इंदौर में पार्टी संगठन को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से व्यापक स्तर पर बैठकें आयोजित की हैं। जनता का झुकाव कांग्रेस की ओर बढ़ रहा है, और पार्टी जनाधार को और मजबूत करने में सफल होगी। संजय दत्त ने बीजेपी की जीत के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम को जिम्मेदार ठहराते हुए इसकी पारदर्शिता पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि ईवीएम में गड़बड़ियों की आशंका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और यह उनकी जीत का एक प्रमुख कारण बनती रही है।
महाराष्ट्र को लेकर बोले शिंदे को दरकिनार किया
महाराष्ट्र को लेकर कहा कि बीजेपी ने वहां एकनाथ शिंदे को दरकिनार किया जहां पर उनके कारण जीत हुई। उनकी ओर से यह भी कहा गया था कि एक साल तक शिंदे को सीएम बनाया जाए लेकिन शिवसेना शिंदे पार्टी को बीजेपी ने मना कर दिया। यह बीजेपी का रिकार्ड है वह जिसके साथ जुड़ती है वहां उस राज्य में वह दल दरकिनार हो जाता है। महाराष्ट्र में पहले वह बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना के साथ जुड़े, उन्हें बमुश्किल 25 फीसदी सीट दी जाती थी लेकिन अब हालत देख लो, ऐसे ही असम में हुआ।
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