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मध्य प्रदेश कांग्रेस में जिलाध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर प्रदेशभर में हंगामा जारी है। हाल ही में भोपाल के बिट्टन मार्केट चौराहे पर राजीव गांधी की प्रतिमा के सामने में कांग्रेस के एक पूर्व नेता ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को खून से पत्र लिखा। इस पत्र में उन्होंने जिलाध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर न्याय की मांग की हैं। 16 अगस्त को मध्यप्रदेश के 71 जिलों के संगठनात्मक अध्यक्षों की घोषणा के बाद, भोपाल के पूर्व शहर अध्यक्ष प्रदीप सक्सेना 'मोनू' ने खुलकर विरोध किया। उनका यह आरोप था कि भोपाल शहर अध्यक्ष पद के लिए प्रवीण सक्सेना की नियुक्ति में लेन-देन हुआ था और उनके भाजपा नेताओं से भी संबंध हैं।
इस विरोध को लेकर मोनू सक्सेना ने सार्वजनिक रूप से राहुल गांधी से न्याय की मांग की। साथ ही यह भी कहा कि यदि उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो वे दिल्ली जाकर आत्मदाह करेंगे। मोनू ने यह भी आरोप लगाया कि व्यापमं घोटाले के आरोपियों को संगठन में पद दिया जा रहा है और इस पर राहुल गांधी को अंधेरे में रखा जा रहा है।
भोपाल के नए शहर अध्यक्ष पर आरोप
मोनू सक्सेना ने यह विरोध प्रदर्शन खासतौर पर 20 अगस्त, यानी पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती पर किया। उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए राजीव गांधी की प्रतिमा के सामने बैठकर खून से पत्र लिखा, जो कांग्रेस के समर्थकों के बीच चर्चा का केंद्र बन गया है।
प्रदीप सक्सेना 'मोनू' के आरोपों के अनुसार, प्रवीण सक्सेना को शहर अध्यक्ष का पद किसी योग्यता या संघर्ष की वजह से नहीं, बल्कि लेन-देन के कारण दिया गया है। मोनू ने यह भी दावा किया कि प्रवीण सक्सेना ने इस पद को पाने के लिए डेढ़ करोड़ रुपए की डिफेंडर कार गिफ्ट की थी। मोनू का कहना था कि वह जल्द ही इस मामले में सबूतों के साथ खुलासा करेंगे।
प्रदर्शन के दौरान हुई जमकर नारेबाजी
भोपाल में मोनू सक्सेना के जरिए किए गए इस विरोध प्रदर्शन में उनके समर्थकों ने भी भाग लिया। प्रदर्शन के दौरान उन्होंने जमकर नारेबाजी की और आंदोलन को आगे भी जारी रखने की चेतावनी दी। मोनू के समर्थकों का कहना था कि कांग्रेस पार्टी के अंदरूनी मामलों में इस तरह की गड़बड़ियां पार्टी के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकती हैं। प्रदर्शन के दौरान, मोनू ने स्पष्ट रूप से कहा कि कांग्रेस पार्टी को इस तरह के नेताओं से बचने की जरूरत है, जो अपनी स्वार्थ की राजनीति से संगठन को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
मामले को लेकर राहुल गांधी से करेंगे मुलाकात
मोनू सक्सेना ने यह भी आरोप लगाया कि पार्टी के कुछ उच्च नेताओं ने व्यापमं घोटाले में लिप्त आरोपियों को संगठन में पद दिया है। उनके अनुसार, यह सब राहुल गांधी के नाम पर किया जा रहा है, लेकिन असल में पार्टी के कुछ नेता खुद इस भ्रष्टाचार में शामिल हैं। मोनू का कहना है कि वह इस मुद्दे को लेकर राहुल गांधी से व्यक्तिगत रूप से मिलने की कोशिश करेंगे और उन्हें सच बताने का प्रयास करेंगे।
जिलाध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर प्रदेशभर में हो रहा विरोध
मध्य प्रदेश में कांग्रेस के अन्य जिलों जैसे गुना, डिंडौरी, देवास, और इंदौर में भी जिलाध्यक्षों की नियुक्ति के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। कई कांग्रेसी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर विरोध किया था। हालांकि, प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से एक चेतावनी पत्र जारी किया गया था, जिसमें सभी कार्यकर्ताओं को सोशल मीडिया पर विरोधी पोस्ट हटाने का निर्देश दिया गया था।
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