लोकसभा चुनाव में भाजपा ( BJP ) ने मध्य प्रदेश ( Madhya Pradesh ) की सभी 29 सीटें जीत ली हैं। इनमें 18 सीटें ऐसी हैं, जिनके अंतर्गत आने वाली सभी विधानसभा सीटें ( assembly seats ) भाजपा जीती है, इनमें गुना, सागर, टीकमगढ़, दमोह, खजुराहो, सतना, रीवा, शहडोल, जबलपुर, बालाघाट, छिंदवाड़ा, होशंगाबाद, विदिशा, देवास, उज्जैन, मंदसौर, इंदौर और बैतूल शामिल हैं। भाजपा ने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीती हुई 66 में से 50 सीटों पर अपने लोकसभा प्रत्याशी को जोरदार लीड दिलाई है। वहीं 11 लोकसभा सीट ऐसी हैं, जिनमें कांग्रेस ने 1 से 4 विधानसभा में लीड ली हैं।
बीजेपी की आंधी में ढह गया कांग्रेस का गढ़
इनमें मुरैना, भिंड, ग्वालियर, सीधी, मंडला, भोपाल, राजगढ़, रतलाम, धार, खरगोन, खंडवा शामिल है। कांग्रेस अपने खाते की केवल 16 सीटें ही संभाल सकी है। वहीं 7 ऐसी सीटों पर कांग्रेस ने बढ़त बनाई है, जो विधानसभा में भाजपा ने जीती थी। इनमें पानसेमल, सबलगढ़, भितरवार, सेंवढ़ा, सिहावल, बुरहानपुर, शहपुरा शामिल है। बाप पार्टी के कब्जे वाली सैलाना सीट पर भी कांग्रेस ने बढ़त बनाई है। हालांकि कांग्रेस की बढ़त कुछ ही देर तक रही, आगे बीजेपी ने कांग्रेस के गढ़ में ऐसी सेंध लगाई की बस कांग्रेस मुंह ताकती रह गई।
कांग्रेस का सबसे मजबूत किला भी ढह गया
खास बात यह है कि इस चुनाव में कांग्रेस का सबसे मजबूत किला छिंदवाड़ा भी ढह गया। यहां कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ को हार का सामना करना पड़ा। वहीं, राजगढ़ से चुनावी मैदान में उतरे पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह भी हार गए। रतलाम सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया को भी हार का मुंह देखना पड़ा।