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मध्य प्रदेश के दतिया जिले में जिला प्रशासन ने अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए छुट्टी लेने पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिसके बाद कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है। कलेक्टर संदीप माकिन ने एक आदेश जारी किया है, जिसमें 26 जनवरी तक किसी भी कर्मचारी या अधिकारी को मुख्यालय छोड़ने की अनुमति नहीं होगी। अगर उनके पास इसके लिए विशेष स्वीकृति न हो। इसके अलावा, जिन अधिकारियों और कर्मचारियों ने पहले ही छुट्टी ली हुई थी, उनकी छुट्टियां भी रद्द कर दी गई हैं।
छुट्टियों पर रोक की क्या है वजह?
बता दें कि यह कदम मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के एक साल के कार्यकाल के उपलक्ष्य में आयोजित होने वाले जन कल्याण पर्व के मद्देनजर उठाया गया है। प्रदेशभर में यह पर्व मनाया जा रहा है, जिसमें मुख्यमंत्री की योजनाओं और उनके कार्यकाल की उपलब्धियों को सामने लाया जा रहा है। दतिया जिले में भी इस पर्व के दौरान सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं का सही तरीके से संचालन सुनिश्चित करने के लिए कलेक्टर ने छुट्टियों पर रोक लगाई है।
सरकार का एक साल का कार्यकाल पूरा
दरअसल, 13 दिसंबर को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में एक वर्ष का कार्यकाल पूरा किया। इस मौके पर सरकार ने 'जन कल्याण पर्व' मनाने का फैसला लिया है। इसे देखते हुए राज्य के अलग-अलग जिलों में सरकारी योजनाओं की समीक्षा और उनके क्रियान्वयन की दिशा में और गति लाई जा सके।
कलेक्टर संदीप का क्या है उदेश्य?
कलेक्टर संदीप माकिन का आदेश इस उद्देश्य से लिया गया है ताकि अधिकारियों और कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित हो और मुख्यमंत्री के कार्यकाल की उपलब्धियों को जनहित में लागू किया जा सके। यह कदम जिले के सरकारी कामकाज को प्रभावित किए बिना कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए उठाया गया है।
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