मध्य प्रदेश में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर जिला अस्पताल तक विशेषज्ञ डॉक्टरों के पद भरे जा रहे थे, जो की अब सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। जानकारी के मुताबिक सरकार ने पहली बार 2022 में विशेषज्ञों के 25 प्रतिशत पदों पर सीधी भर्ती का निर्णय लिया था। इसी के साथ 2023 में मप्र लोक सेवा आयोग से साक्षात्कार ( Interview ) के माध्यम से भर्ती की गई थी। इसमें अलग-अलग विषय के विशेषज्ञ डॉक्टरों के कुल 888 पदों पर भर्ती शुरू की गई।
फिर से दिया मौका
पहले तो आयोग को ही सभी पदों पर योग्य डॉक्टर नहीं मिल पाने से चयन नहीं हो पाया। इसके बाद कुछ ने ज्वाइन भी नहीं किया। कुल मिलाकर 506 ( 57 प्रतिशत ) विशेषज्ञ डॉक्टर ही मिले। चयनित डॉक्टरों को 2023 के अतिरिक्त इस वर्ष भी ज्वाइनिंग का अवसर दिया गया था। इसमें भी इक्का-दुक्का ने ही ज्वाइन किया।
2 हजार से ज्यादा पदों पर भर्ती
जानकारी के मुताबिक रिक्त पदों पर फिर से विशेषज्ञों की सीधी भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। बता दें कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और जिला अस्पताल मिलाकर विशेषज्ञों के तीन हजार 725 पद हैं, जिनमें दो हजार 374 रिक्त हैं।
रेडियोलॉजी के पदों की संख्या कम
विशेषज्ञों की भर्ती में सबसे बुरी स्थिति रेडियोलॉजी की रही। 24 पदों पर मात्र छह डॉक्टरों ने ही ज्वाइन किया। इसकी वजह यह कि प्रदेश में रेडियोलाजिस्टों की संख्या आवश्यकता की तुलना में बहुत कम है, जिससे निजी क्षेत्र में उन्हें अच्छे अवसर मिल जाते हैं। इसी के साथ मेडिसिन की स्थिति भी अच्छी नहीं रही। सर्जिकल विशेषज्ञ के 159 पदों के पर 76 ने ज्वाइन किया। बचे पदों पर सरकार लोक सेवा आयोग से फिर सीधी भर्ती करवाने वाली है।
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