Bhopal : मध्यप्रदेश की मध्य क्षेत्र बिजली कंपनी ने काम में लापरवाही और अनियमितता बरतने पर सख्त कदम उठाए हैं। कंपनी ने प्रदेश की राजधानी भोपाल सहित ग्वालियर, गुना और शिवपुरी में आउटसोर्स एजेंसी के जरिए काम कर रहे 48 कर्मचारियों को हटा दिया है। इसी के साथ इन्हें ब्लैक लिस्ट भी कर दिया गया है। अब ये कर्मचारी किसी भी बिजली कंपनी में काम नहीं कर पाएंगे। इस कार्रवाई में भोपाल के 18, हरदा के 3, शिवपुरी के 7, ग्वालियर के 6, दतिया के 2 और गुना के 12 आउटसोर्स कर्मचारी आए हैं। इन्हें कंपनी की इस कार्रवाई का सामना करना पड़ा है। इसी के साथ कंपनी ने साफ किया है कि किसी भी कीमत पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मेहनत से काम करें सभी अधिकारी
कंपनी के प्रबंध संचालक क्षितिज सिंघल ने बताया कि उपभोक्ताओं को बेहतर सेवा देने के लिए पूरी टीम को पारदर्शी और ईमानदारी से काम करना होगा। कंपनी ने जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। लापरवाही के लिए यहां कोई जगह नहीं है। सभी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे उपभोक्ताओं की सेवा और कंपनी की तरक्की के लिए मेहनत से काम करते रहें।
16 जिलों के बकायादारों की सूची
गौरतलब है कि इससे पहले बिजली कंपनी ने बिल नहीं भरने वाले बकायादारों के नाम सार्वजनिक किए थे। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने बाकायदा नाम, पता और बकाया राशि के साथ अपने पोर्टल पर सूची डाली थी। इसमें भोपाल, नर्मदापुरम, ग्वालियर और चंबल संभाग के 16 जिलों के बड़े बिजली बकायादारों के नाम शामिल थे। दरअसल, बकाया बिजली बिल की वसूली को लेकर भी कंपनी ने पहले ही यह साफ कर दिया था कि अब इनकी सूची सोशल मीडिया पर जारी की जाएगी।
बकायादारों की तीन कैटेगिरी बनाईं
बिजली कंपनी ने बकायादारों की भी तीन कैटेगिरी बनाई हैं। पहली कैटेगिरी में 10 हजार रुपए तक के बिल बकायादारों के नाम हैं। दूसरी सूची में 10 हजार से 1 लाख रुपए तक वाले नाम हैं और तीसरी सूची में 1 लाख से ज्यादा बिल बकाया वाले उपभोक्ताओं के नाम हैं। सूची में बड़े पैमाने पर सरकारी दफ्तरों के नाम भी हैं, जिनका लंबे समय से बिल बाकी है। भोपाल के लिए भोपाल सिटी सर्कल और भोपाल जिले की दो अलग-अलग सूची जारी की गई हैं।
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