मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड अंचल से आने वाले बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह की सोशल मीडिया पोस्ट से प्रदेश की सियासत गरमा गई है। दरअसल, भूपेंद्र सिंह ने लिखा कि उन्हें पद का मोह नहीं है, क्योंकि लंबा समय संघर्ष में बिताया है। मामला हाल ही में सागर में हुए इन्वेस्टर्स कॉन्क्लेव (Investors Conclave ) से जुड़ा है। जहां भूपेंद्र सिंह और सागर जिले के एक और दिग्गज विधायक गोपाल भार्गव (Gopal Bhargava ) की सबसे अधिक चर्चा थी, क्योंकि दोनों नेता एक साथ नजर आए थे। पहले गोपाल भार्गव ने भी सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया थी।
भूपेंद्र सिंह के पोस्ट से मचा बवाल
दरअसल, सियासी गलियारों में चर्चा थी कि सागर में हुए इन्वेस्टर्स कॉन्क्लेव में भूपेंद्र सिंह और गोपाल भार्गव ने बैठक व्यवस्था को लेकर नाराजगी जताई थी। अब नाराजगी की खबरों के बीच भूपेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा करते हुए खबर पर अपना पक्ष रखा। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर पोस्ट करते हुए लिखा कि 'आज एक समाचार पत्र में इस आशय की पंक्तियां पढ़ कर मन व्यथित है, जिसमें लिखा गया है कि सागर इन्वेस्टर्स कॉन्क्लेव के मंच पर अपनी कुर्सी लगवाने के लिए मैंने प्रयास किए या बैठक व्यवस्था से मुझे एतराज था, लेकिन संघ और बीजेपी मेरे खून में है। इन 45 सालों में से करीब 25 साल ऐसे संघर्षों से भरे थे, जिनमें कांग्रेस (CONGRESS) की सरकार थी। उस समय जन समस्याओं को लेकर आंदोलनों में पुलिस की लाठियां तक खाईं, अनेक बार जेल गया लेकिन संघर्ष का मार्ग नहीं छोड़ा।
भूपेंद्र और गोपाल की किससे है नाराजगी !
सीएम मोहन यादव (CM Mohan Yadav ) की सरकार जब से सत्ता में आई है, उसके बाद से ही कई दिग्गज नेताओं की नाराजगी खुलकर सामने आई है। दरअसल, साल 2023 के विधानसभा चुनाव (assembly elections ) में बीजेपी को बड़ी जीत मिली थी, लेकिन बीजेपी की नई सरकार में पिछली सरकार कई सीनियर विधायकों को मंत्री नहीं बनाया गया। भूपेंद्र सिंह और गोपाल भार्गव (Bhupendra Singh Gopal Bhargava ) भी पिछली सरकार में दिग्गज मंत्री थे।
गोपाल-भूपेंद्र की जोड़ी चर्चा में
इन दोनों नेताओं की जोड़ी उस समय से चर्चा में है जब सागर में हुए इन्वेस्टर्स कॉन्क्लेव में दोनों नेताओं की नजदीकियां देखी गई थीं। यहां पर दोनों नेताओं को एक साथ कार में जाते देखा गया था। हालांकि कहा जाता है कि जब दोनों मंत्री थे तो कई मौकों पर दोनों के बीच मनमुटाव था, लेकिन अब दोनों की दोस्ती से सियासी हलचल तेज है। यही वजह है कि इन दोनों दिग्गज नेताओं की जोड़ी की चर्चा सियासी गलियारों में सुर्खियां बटोर रही हैं।
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