BHOPAL. मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 से पहले मई से अगस्त तक खूब सारी चुनावी घोषणाएं हुईं। किसी विधायक ने अपने क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज तो किसी ने डिग्री कॉलेज खोलने की घोषणा कर दी। विधायकों की इन्हीं घोषणा के चलते उच्च शिक्षा विभाग ने ताबड़तोड़ जुलाई से सितंबर तक 35 नए सरकारी डिग्री कॉलेज शुरू कर दिए। सत्र शुरू होने पर आनन-फानन में जहां जैसी खाली इमारत मिली, उसमें जैसे-तैसे कॉलेज का सेटअप बैठा दिया गया।
कॉलेजों में फैकल्टी करती है टाइम पास
इन कॉलेजों में गिने-चुने बच्चों ने ही प्रवेश लिया। 35 में से 8 कॉलेज ऐसे हैं जहां 10 स्टूडेंट भी नहीं हैं। उमरिया में 1, रेहटगांव हरदा में 3, कोठी सतना में 7, दमोह में 9 स्टूडेंट हैं। मॉडल कॉलेज गुना में 10 छात्रों ने प्रवेश लिया। इन बच्चों के विषय के हिसाब से फैकल्टी पूरी लगा दी गई। अब यह फैकल्टी या तो टाइम पास कर रही है या फिर इन्हें अग्रणी कॉलेज में अटैच किया जा रहा है।
भोपाल जिले का सरकारी डिग्री कॉलेज
यकीन करना मुश्किल है, लेकिन ये हकीकत है कि तस्वीर में दिख रही ये छोटी सी इमारत एक कॉलेज की है। ये फंदा का डिग्री कॉलेज है। 3 कमरों के इस कॉलेज में सिर्फ 4 छात्र हैं, लेकिन शिक्षक 13 हैं। इनमें से 7 को हमीदिया में अटैच किया गया है।
इंदौर जिले का कम्पेल कॉलेज
5 कमरे, 8 छात्र, 7 टीचर...कम्पेल के ही हायर सेकंडरी स्कूल में 5 कमरे कॉलेज को दे दिए हैं। प्रभारी प्राचार्य कुंभन खंडेलवाल कहते हैं लाइब्रेरी, कंप्यूटर क्लास के लिए इंदौर के अग्रणी कॉलेज जाना पड़ता है।
जबलपुर जिले में दो कॉलेज ऐसे
जिले के शाहपुरा कॉलेज में 3 कमरे, 5 छात्र, 2 टीचर... इस कॉलेज में पांचों छात्र बीए के हैं। कॉलेज के लिए शाहपुरा के उत्कृष्ट विद्यालय में ही 3 कमरे दे दिए हैं। 2 टीचर हैं। इनमें डॉ. संजय कक्कड़ प्रशासनिक अधिकारी हैं और पढ़ाते भी हैं। वहीं चरगंवा दो कमरे, 1 छात्र, 2 टीचर... जबलपुर से 45 किमी दूर ये कॉलेज चरगंवा के सामुदायिक केंद्र में चल रहा है। 1 छात्र है। इसे पढ़ाने के लिए एक अतिथि विद्वान हैं। यहां पदस्थ डॉ. मनीष शर्मा साइंस टीचर हैं और कॉलेज आर्ट्स का।