क्या MP में फ्लॉप हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई ? तीन साल में एक भी छात्र ने नहीं दी परीक्षा

मध्य प्रदेश ने 2022 में हिंदी में एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू की थी, लेकिन छात्रों ने अंग्रेजी में परीक्षा दी। सरकारी पहल सफल नहीं हो पाई, क्योंकि शिक्षा पद्धति में सुधार की आवश्यकता है।

author-image
Manya Jain
New Update
HINDI MBBS  FLOP IN MP
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

मध्य प्रदेश ने देशभर में पहली बार हिंदी में एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू करने का साहसिक कदम उठाया था, जिसे तीन साल पहले 2022 में शुरू किया गया।

इस कदम का उद्देश्य उन छात्रों को फायदा पहुंचाना था, जो हिंदी माध्यम से अपनी शिक्षा पूरी करते हैं और मेडिकल क्षेत्र में प्रवेश करने का सपना देखते हैं।

इसके तहत, सरकार ने 10 करोड़ रुपए खर्च करके मेडिकल की किताबों का हिंदी में अनुवाद किया और उनका विमोचन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा किया गया।

यह दावा किया गया था कि इससे छात्रों के लिए चिकित्सा क्षेत्र में प्रवेश आसान हो जाएगा।

🏥 परीक्षा का अनुभव और प्रतिक्रिया

लेकिन, तीन साल बाद यह पहल अब तक अपेक्षानुसार सफल नहीं हो पाई है। एक ओर जहां छात्रों को हिंदी में परीक्षा देने के लिए छूट और इनाम की घोषणा की गई थी, वहीं कोई भी छात्र ने अपनी परीक्षा हिंदी में नहीं दी।

दरअसल, मेडिकल के छात्रों के लिए यह एक बड़ी चुनौती बन गई है। वे जानते हैं कि भविष्य में अगर उन्हें पोस्टग्रेजुएट (पीजी), रिसर्च, या विदेश में अध्ययन करना है, तो उन्हें अंग्रेजी भाषा में अच्छा पकड़ बनानी पड़ेगी।

यही कारण है कि, जब भी इन छात्रों को परीक्षा देने का अवसर मिलता है, वे अंग्रेजी में ही जवाब देते हैं।

💡 सिखाई जाने वाली किताबों में बदलाव नहीं

गांधी मेडिकल कॉलेज, भोपाल के डीन के अनुसार, भले ही पाठ्यक्रम हिंदी में बदल दिया गया हो, लेकिन पढ़ाने की पद्धति में कोई खास बदलाव नहीं आया है।

शिक्षक अभी भी छात्रों से अंग्रेजी में संवाद करते हैं और अधिकतर अध्ययन सामग्री अंग्रेजी में ही दी जाती है। परिणामस्वरूप, छात्रों को बिना किसी परेशानी के अंग्रेजी का उपयोग करना पड़ता है।

📖 हिंदी से अंग्रेजी तक का सफर

एक मेडिकल कॉलेज के छात्र ने बताया कि उसने 12वीं और NEET परीक्षा हिंदी में दी थी और मेडिकल प्रवेश भी हिंदी में ही लिया था।

हालांकि, शुरू में उसे हिंदी में पढ़ाई करने का डर था, लेकिन जब उसने देखा कि शिक्षक हिंदी में संवाद करते हैं और किताबें भी हिंदी में हैं, तो उसका डर कम हुआ।

इसके बावजूद, छात्र ने अंततः अंग्रेजी किताबों को पढ़ना शुरू कर दिया और अपनी परीक्षा भी अंग्रेजी में दी। तीन साल की पढ़ाई में उसने कभी भी हिंदी में परीक्षा नहीं दी।

📝 भविष्य की चुनौतियां और समाधान

मेडिकल विशेषज्ञों का मानना है कि यदि कोई छात्र भविष्य में विदेश में पढ़ाई करना चाहता है या पीजी करना चाहता है, तो उसे अंग्रेजी में अच्छी पकड़ बनानी पड़ेगी।

हालांकि, हिंदी माध्यम से पढ़ाई करने का एक बड़ा लाभ यह हो सकता है कि छात्रों को अपनी भाषा में अच्छे से समझने का मौका मिलता है, लेकिन यह तब तक प्रभावी नहीं हो सकता जब तक कि शिक्षा पद्धति में कोई गंभीर बदलाव न किया जाए।

सारांश रूप में कहा जा सकता है कि मध्य प्रदेश सरकार की हिंदी में एमबीबीएस पढ़ाई शुरू करने की योजना अब तक सफलता की ओर नहीं बढ़ पाई है।

इसे न केवल छात्रों के दृष्टिकोण से, बल्कि शिक्षा पद्धति में सुधार के लिए एक नए दृष्टिकोण की आवश्यकता है।

JOBS 2025 | govt jobs 2025 | MBBS | Amit Shah released the Hindi book of MBBS course | mbbs in hindi | mbbs in hindi in mp | MP News

thesootr links

अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬👩‍👦👨‍👩‍👧‍👧

MP News MBBS mbbs in hindi in mp Amit Shah released the Hindi book of MBBS course mbbs in hindi JOBS 2025 govt jobs 2025