मध्य प्रदेश में जल जीवन मिशन को लेकर सियासत गरमा गई है। कांग्रेस ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की ओर से केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटील को भेजे गए एक पत्र को सोशल मीडिया पर वायरल किया है। इस पत्र में सीएम ने लिखा है कि बजट न मिलने के कारण 'हर घर नल' योजना से जुड़े कार्य प्रभावित हो रहे हैं। इस वित्तीय वर्ष में मप्र को 2022.34 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे, लेकिन यह राशि अब तक प्राप्त नहीं हुई है।
सीएम ने 13 सितंबर को लिखा था पत्र
मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है कि पानी की अन्य आवश्यकताओं के लिए अतिरिक्त 4455.30 करोड़ रुपए की मांग की गई है। कांग्रेस का दावा है कि सीएम ने यह पत्र 13 सितंबर को लिखा था। शनिवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर टिप्पणी की कि अगस्त 2019 में प्रधानमंत्री ने जल जीवन मिशन की शुरुआत धूमधाम से की थी, जिसमें मार्च 2024 तक हर घर में नल से पीने का पानी पहुंचाने का वादा किया गया था। लेकिन, आज तक इस वादे को पूरा नहीं किया गया है।
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वीडी शर्मा का कांग्रेस पर वार
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने जयराम रमेश पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस को अपने शासनकाल को याद करना चाहिए। उन्होंने मप्र के गांवों में आकर नल से पानी पीने की वास्तविकता को खुद देखने की चुनौती दी।
जयराम रमेश का पहलटवार
जयराम रमेश ने वीडी शर्मा को जवाब देते हुए कहा कि योजना की लागत अनुमान से दोगुनी हो चुकी है। उन्होंने बताया कि मप्र सरकार ने जल जीवन मिशन के लिए 7,671.6 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तावित किया था, लेकिन केंद्र ने केवल 4044.7 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। रमेश का दावा है कि देशभर में हजारों करोड़ रुपए का भुगतान लंबित है।
एक दशक से कोई लक्ष्य पूरा नहीं
राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि बीते 10-11 वर्षों में कोई एक भी लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया है।
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