नदी में एक बच्ची का पैर फिसला, उसे बचाने में चार डूबीं, इनमें दो बहनों समेत तीन की मौत

मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के बलवाड़ा में नदी में डूबने से तीन लड़कियों की मौत हो गई। शाजापुर के बिलोर बुजुर्ग घाट पर नर्मदा नदी में नहाते समय मौसी और उसकी भतीजी डूब गईं।

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Ravi Singh
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बलवाड़ा के पास कुंडिया गांव में सांझ माता के विसर्जन के दौरान हादसा हो गया। ओंकारेश्वर से करीब 30 किलोमीटर दूर खरगोन के बलवाड़ा के पास कुंडिया गांव में चोरल नदी में सांझ माता की फूल पाती विसर्जित करने के दौरान दो बहनों समेत तीन बच्चियां नदी में डूब गईं। ग्रामीणों ने पुलिस की मदद से उन्हें बाहर निकाला। उन्हें बलवाड़ा के सरकारी अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने तीनों को मृत घोषित कर दिया। 

फूल-पत्तल विसर्जित करने गईं थी नदी पर

कुंडिया गांव की लड़कियां श्राद्ध पर्व संपन्न होने के बाद घर के आंगन में बनाए गए संजा माता के फूल-पत्तल को विसर्जित करने के लिए पास की चोरल नदी में गई थीं। इस दौरान एक बच्ची का पैर फिसल गया, जिसके बाद एक-दूसरे को बचाने के चक्कर में चार बच्चियां नदी में डूबने लगीं। इसमें दो सगी बहनों समेत तीन की मौत हो गई। इस दौरान एक लड़की को मौके पर मौजूद लोगों ने बचा लिया।

पानी गहरा था

बलवाड़ा के पूर्व उप सरपंच राधेश्याम राठौर ने बताया कि डूबी तीनों बच्चियां करौंदिया गांव की रहने वाली थी। पानी गहरा होने के कारण कोई उसमें उतरने की हिम्मत नहीं कर रहा था। उसके बाद जैसे-तैसे पानी में गोते लगाकर बच्चियों के शव को बाहर निकाला। उन्हें बलवाड़ा अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टर तीनों को मृत घोषित कर दिया। तीनों बालिकाओं के डूबने से पूरे गांव में सन्नाटा पसर गया।

एक दूसरे को बचाने में गई जान

गांव के लोगों का कहना है कि सुबह हस्ती-खेलती आंगन में सांजा माता की पूजा-पाठ कर रही थी। कुछ ही देर बाद उनकी मौत की खबर से पूरे गांव को गहरा आघात लगा है। बड़वाह एसडीओपी अर्चना रावत ने बताया कि बलवाड़ा की तीनों बालिकाएं चोरल नदी सांझा माता फूल पत्तियां विसर्जन करने गई। एक दूसरे को बचाने के लिए तीनों डूब गई। तीनों के शवों का पोस्टमार्टम करवाकर परिवार को सौंप दिया है।

शाजापुर में भी डूबने से हुई मौसी-भतीजी की मौत

शाजापुर में सर्व पितृमोक्ष अमावस्या पर निहाल आश्रम के पास बिलोर बुजुर्ग घाट पर नर्मदा नदी में स्नान कर रही मौसी और उसकी भतीजी डूब गईं। दोनों शाजापुर जिले की निवासी थीं। निहारिका घाट से आगे गहरे पानी में जाने से डूबने लगी। उसे बचाने के प्रयास में उसकी बुआ रेणु बाई भी डूबने लगी। वहां मौजूद लोगों ने उसे डूबने से बचाया और उपचार के लिए बड़वाह अस्पताल ले गए तो डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना मिलने पर मोरटक्का थाने से उपनिरीक्षक रमेश गवाले मौके पर पहुंचे और गोताखोरों और नाविकों की मदद से लापता बालिका की तलाश शुरू की। करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद बालिका निहारिका का शव बरामद कर लिया गया। चौकी प्रभारी गवले ने बताया कि युवती निहारिका के शव का पंचनामा कार्रवाई और प्रकरण पंजीबद्ध कर ओंकारेश्वर अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया गया है। युवती रेणु बाई के शव का पोस्टमार्टम बड़वाह अस्पताल में कराया गया है।

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