जबलपुर जिला कलेक्टर दीपक सक्सेना ने बताया की बीएसएनल भी केंद्र सरकार का ही एक उपक्रम है और अब बीएसएनएल के द्वारा अनुपयोगी जमीनों को डिस्पोज करने की जो नीति बनाई गई है उसके तहत कुछ जमीनों की नीलामी प्रक्रिया शुरू की गई है।
बीएसएनएल की वह जमीन जिसमें हजारों हरे-भरे वृक्ष हैं। उसे बचाने के लिए सामाजिक संगठनों से लेकर नेता तक मैदान में उतरने की तैयारी में जुट चुके थे। शहर के प्रबुद्ध जनों ने भी इसके खिलाफ आवाज उठाई थी । पर अब यह सच सामने आया है कि यह जमीन तो नीलाम ही नहीं हो रही क्योंकि यह मामला हाईकोर्ट में लंबित है।
कई दिनों से सुर्खियों में था मामला
जबलपुर के रानीताल क्षेत्र में बीएसएनएल की एक टेलीकॉम फैक्ट्री संचालित होती थी। बीएसएनएल के द्वारा उपयोग में नहीं लाई जा रही संपत्तियों को बेचने की नीति के साथ ही टेलीकॉम फैक्ट्री में स्थित या 70 एकड़ जमीन भी बेचे जाने की जानकारी मिलने के बाद शहर के एक बड़े तबके ने इस जमीन में भारी मात्रा में पेड़ पौधे होने के नाते इस जमीन को बेचने और इस पर किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य कराए जाने का विरोध शुरू किया था। इसके बाद इस मामले को समझने आज जबलपुर के जिला कलेक्टर खुद टेलीकॉम फैक्टरी पहुंचे और बीएसएनएल के डिप्टी जनरल मैनेजर नवल कुमार डोंगरे से मुलाकात की।
हाई कोर्ट में लंबित है मामला
जबलपुर जिला कलेक्टर दीपक सक्सेना ने बताया की बीएसएनल भी केंद्र सरकार का ही एक उपक्रम है और अब बीएसएनएल के द्वारा अनुपयोगी जमीनों को डिस्पोज करने की जो नीति बनाई गई है उसके तहत कुछ जमीनों की नीलामी प्रक्रिया शुरू की गई है।बीएसएनएल की टेलीकॉम फैक्ट्री की जमीन में 26 एकड़ जमीन राज्य सरकार की भी है। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने बताया कि अभी इस जमीन का मामला हाईकोर्ट में लंबित है इसलिए नीलामी प्रक्रिया में यह जमीन शामिल नहीं है। आने वाले समय में यदि कोई ऐसी स्थिति बनती है तो राज्य शासन और केंद्र शासन की जमीन पर आपसी सहमति से ही विचार किया जाएगा। वहीं रविवार को कलेक्टर के द्वारा किए गए इस जमीन के निरीक्षण से यह बात साफ हो गई है कि बीएसएनएल की नीलामी प्रक्रिया में जबलपुर की टेलीकॉम फैक्ट्री की 70 एकड़ जमीन शामिल नहीं है।
कांग्रेस नेताओं ने नगर निगम में दिया था प्रस्ताव
नगर निगम सदन में बीते सोमवार को नेता प्रतिपक्ष अमरीश मिश्रा की ओर से टेलीकॉम फैक्ट्री की 70 एकड़ जमीन को नगर निगम को नि:शुल्क सौंपने का प्रस्ताव सौंपा था। निगमाध्यक्ष रिकुंज विज और महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू ने प्रस्ताव पर विचार करने का आश्वासन दिया था।नेता प्रतिपक्ष की ओर से प्रस्तुत किए गए प्रस्ताव में कहा गया था कि टेलीकॉम फैक्ट्री की जमीन को बेचने की प्रक्रिया शुरू की गई है। टेलीकॉम फैक्ट्री की जमीन पर लगभग 18 हजार वृक्ष लगे हैं, जो पूरे क्षेत्र के लिए ऑक्सीजन जोन का काम करते हैं। हालांकि अब जानकारी सामने आने के बाद पर्यावरण प्रेमियों ने भी राहत की सांस ली है।
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