देशभर में लोगों ने नए साल का जश्न धूमधाम से मनाया। इस मौके पर लोगों ने अलग-अलग तरीके से नए साल का जश्न मनाया। कुछ लोगों ने नए साल पर भगवान से प्रार्थना की तो कुछ लोगों ने जरूरतमंदों को दान दिया। हालांकि, कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने जमकर डीजे पार्टी की और खूब शराब पी। आइए जानते हैं कि नए साल के मौके पर मध्य प्रदेश के लोगों ने कितने करोड़ की शराब गटकी...
औसत बिक्री से 25 फीसदी ज्यादा
मध्य प्रदेश सरकार के लिए आबकारी विभाग भी रेवेन्यू का बड़ा जरिया है। आबकारी विभाग ने अनुमति लेकर एमपी में शराब पार्टियों के लिए लाइसेंस जारी किए थे। 31 दिसंबर और 1 जनवरी को यानी सिर्फ दो दिनों में मध्य प्रदेश में करीब 61 करोड़ रुपए की शराब बिक गई। जो औसत बिक्री से करीब 25 फीसदी ज्यादा थी। मध्य प्रदेश का आबकारी मुख्यालय ग्वालियर में है। यहां भी शराब की खूब बिक्री हुई, ग्वालियर जिले में 31 दिसंबर को करीब 1 करोड़ 75 लाख रुपए और 1 जनवरी को करीब 1 करोड़ 25 लाख रुपए की शराब बिकी।
इंदौर शराब की बिक्री में आगे
मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी के तौर पर अपनी पहचान बना चुका इंदौर शराब की बिक्री के मामले में भी महानगरों से आगे है। नए साल में इंदौर में करीब 6 करोड़ रुपए की शराब बिकी। हालांकि, पिछले साल के मुकाबले इस बार इंदौर में 20 फीसदी कम शराब बिकी। शराब के नशे में होने वाले अपराधों पर लगाम लगाने के लिए इंदौर में पुलिस प्रशासन ने कड़ी चौकसी बरती, जिसके चलते शहर में चल रहे डिस्को, पब, रेस्टोरेंट, बार और हाउसिंग पार्टियों को समय सीमा में बंद करा दिया गया।
मंगलवार के कारण शराब से दूरी
शराब प्रेमियों का मानना है कि अगर 31 दिसंबर को मंगलवार न होता तो मध्य प्रदेश शराब की बिक्री में देशभर में सबसे बड़ा रिकॉर्ड बना सकता था। क्योंकि कई लोग ऐसे भी हैं जो मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को शराब पीने से दूर रहते हैं। वैसे भी शराब के नशे में अपराध न हो और दुर्घटनाएं भी रोकी जा सकें। इसको लेकर पुलिस प्रशासन ने पूरे प्रदेश में सभी जिलों में काफी नियंत्रण बनाए रखा। वहीं मध्य प्रदेश सरकार को भी शराब की रिकॉर्ड बिक्री से भारी राजस्व की कमाई हुई।
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