विकास कार्यों को लेकर सरकार चाहे कितनी भी ढोल बजाए, लेकिन हकीकत उसके उलट है। बैतूल जिले में एक बेहद ही शर्मनाक तस्वीर सामने आई है। दरअसल जिले के दानवाखेड़ा गांव में बहने वाली नदी में डूबने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। किसी तरह से ग्रामीणों ने डेडबॉडी को अपने कंधों पर रखकर 10 किलोमीटर कच्ची खराब सड़क पर चलकर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल पहुंचे। पोस्टमार्टम कराने के बाद बॉडी को फिर ऐसे ही लाए।
तस्वीर ने खोली विकास की पोल
यह तस्वीर सरकार के विकास की पोल खोल रही है। जहां सरकार गांव-गांव पक्की सड़क का दावा करती है, वहीं घोड़ाडोंगरी तहसील के दानवाखेड़ा गांव से रामपुर तक करीब 10 किलोमीटर तक पक्की सड़क नहीं होने के कारण आज भी ग्रामीण कीचड़ भरी कच्ची सड़क से आवाजाही करते हैं।
कच्ची सड़क, इतनी खराब
चोपना थाना प्रभारी राकेश सरियाम ने बताया गांव तक पहुंचने के लिए पक्की सड़क नहीं होने के कारण जैसे तैसे पुलिस गांव पहुंची। इसके बाद ग्रामीणों की मदद से शव को कंधे पर उठवाकर करीब 10 किलोमीटर दूर रामपुर तक लाए। रामपुर से शव को वाहन से घोड़ाडोंगरी अस्पताल लाया गया।
मृतक के भाई जगन सिंह ने बताया पक्की सड़क नहीं होने के कारण शव को कंधे पर उठाकर 2 घंटे तक चलते रहे। रामपुर से शव को वाहन में रख घोड़ाडोंगरी अस्पताल लाया गया। बता दें कि यहां बारिश में तो कच्ची सड़क इतनी खराब हो जाती है कि गांव में कोई वाहन नहीं पहुंच पाता। ग्रामीण कई वर्षों से गांव में सड़क निर्माण की मांग कर रहे हैं।
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